राजस्थान के पशुपालन विभाग में पिछले 6 महीनों से तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। विभाग द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से दैनिक उपस्थिति दर्ज करने का नया नियम लागू किया गया है। इस नियम को लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। विभाग ने इस व्यवस्था को बलपूर्वक लागू करने के लिए लगभग 30 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। महिला पशुधन निरीक्षकों को वीडियो कॉल के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि यह महिलाओं की निजता का उल्लंघन है। इस मामले में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। महासंघ की जिला शाखा जयपुर ने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा। जिला अध्यक्ष महेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि सरकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासंघ ने 26 मार्च से फार्मर रजिस्ट्री कार्यक्रम में ऑनलाइन कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यदि निलंबित कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। विरोध प्रदर्शन में पटवार संघ, ग्रामसेवक संघ, शिक्षक संघ, आयुर्वेद परिचारक संघ समेत विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज करने का मामला जोधपुर उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।