भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 347 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 267 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का लॉस 30% बढ़ा है। कंपनी के संचालन से कॉन्सोलिडेटेड रेवेन्यू की बात करें तो अप्रैल-जून तिमाही में यह 1644 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर इसमें 32.26% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 1243 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। ओला इलेक्ट्रिक की टोटल इनकम 34% बढ़ी
अप्रैल-जून तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक लिमिटेड की टोटल इनकम सालाना आधार पर 34.32% बढ़कर 1718 करोड़ रुपए रही। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी की आय 1279 करोड़ रुपए रही थी। वहीं, इस दौरान कंपनी का टोटल एक्सपेंस यानी खर्च 1849 करोड़ रुपए रहा। कंपनी ने आज (बुधवार, 14 अगस्त) पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। लिस्टिंग के बाद से 45.26% बढ़ चुका है शेयर
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का शेयर 2.61% बढ़कर 110 रुपए पर बंद हुआ। 9 अगस्त को शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर 76 रुपए में लिस्ट हुआ था। लिस्टिंग के बाद से ये 45.26% बढ़ चुका है। इसका ऑलटाइम हाई 129.40 रुपए है, जो उसने 13 अगस्त को बनाया था। 2017 में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की हुई थी स्थापना
बेंगलुरु स्थित ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की स्थापना 2017 में हुई थी। कंपनी मुख्य रूप से ओला फ्यूचर फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी पैक, मोटर्स और व्हीकल फ्रेम बनाती है। 31 मार्च 2024 तक कंपनी में 959 एम्प्लॉई (907 स्थायी और 52 फ्रीलांसर) थे।
पहली तिमाही में ओला को ₹347 करोड़ का घाटा:इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी का रेवेन्यू 32% बढ़ा; लिस्टिंग के बाद 45% चढ़ा शेयर
