भारत की तीसरी बड़ी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर मैन्युफैक्चरर ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 428 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान (कॉन्सोलिडेटेड नेट लॉस) हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 347 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का लॉस 23% बढ़ा है। कंपनी ने आज यानी सोमवार (14 जुलाई) को तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। ऑपरेशन से कंपनी के रेवेन्यू की बात करें तो अप्रैल-जून तिमाही में यह 828 करोड़ रुपए रहा है। सालाना आधार पर यह 49.64% कम हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 1,644 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। क्या होता है स्टैंडअलोन और कॉन्सोलिडेटेड? कंपनियों के रिजल्ट दो भागों में आते हैं- स्टैंड अलोन और कॉन्सोलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है। जबकि, कॉन्सोलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है। नतीजों के बाद 15% चढ़ा ओला का शेयर वित्त वर्ष 2026 के पहली तिमाही के नतीजों के बाद ओला इलेक्ट्रिक का शेयर आज यानी सोमवार, 14 जुलाई को 15% चढ़ गया। दोपहर 1 बजे यह 46 रुपए के स्तर पर कारोबार कर रहा था। बीते 5 दिन में यह 9.36% चढ़ है। हालांकि, एक महीने में 4%, 6 महीने में 40%, एक साल में 51% और इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक इसमें 49% की गिरा है। कंपनी का मार्केट कैप करीब 19 हजार करोड़ रुपए है। 2017 में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की हुई थी स्थापना बेंगलुरु स्थित ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की स्थापना 2017 में हुई थी। कंपनी मुख्य रूप से ओला फ्यूचर फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी पैक, मोटर्स और व्हीकल फ्रेम बनाती है।
पहली तिमाही में ओला को ₹428 करोड़ का घाटा:पिछले साल के मुकाबले लॉस 23% बढ़ा, कमाई आधी होकर ₹896 करोड़ रही
