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पहले संतों को अपशब्द झेलने पड़ते थे, अब बदलाव आया:उदयपुर में गुरु पूर्णिमा पर बोले पुलक सागर; मुख्यमंत्री की तरफ से किया गया संतों का सम्मान

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को उदयपुर शहर में कई आयोजन हो रहे है। अलग-अलग जगह पर गुरुजनों का सम्मान किया गया। राज्य सरकार के देवस्थान विभाग ने उदयपुर में राष्ट्र संत पुलक सागर सहित 507 संत-महात्माओं का सम्मान​ किया। सीएम भजनलाल शर्मा की ओर से जारी दिशा-निर्देश के तहत हर संत-महात्मा को 5 चीजें भेंट की गई। इस मौके पर पुलक सागर महाराज ने कहा- देश बहुत बदला है। पहले हम संत सड़कों पर निकलते थे तो उपहास और अपशब्द झेलने पड़ते थे। बीते 15 सालों के मोदी सरकार के शासन में बहुत कुछ बदला है। अब देश में धर्म के साथ कोई समझौता नहीं होता है। ये राजनीति करने का समय नहीं है, ये देश को बचाने का समय है। देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने बताया- उदयपुर में आचार्य पुलक सागर महाराज, महाप्रज्ञ विहार में साध्वी त्रिशला कुमारी, गुप्तेश्वर महादेव महंत तन्मय वन महाराज, अस्थल मंदिर के महंत रास बिहारी और खास ओदी के महंत प्रयाग गिरी महाराज का सम्मान किया गया। सर्वऋतु विलास में पुलक सागर महाराज को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने सीएम का बधाई संदेश भेंट करते हुए सम्मानित किया। देवस्थान विभाग की और से संतों के किए सम्मान में उनको 2100 रुपए नकद, शॉल, सीएम का संदेश, श्रीफल और मिठाई की टोकरी प्रदान की। इस दौरान उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, भाजपा शहर जिला अध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़, शहर जिला महामंत्री किरण जैन, अतिरिक्त जिला कलेक्टर दीपेंद्र सिंह राठौड़ एवं सहायक आयुक्त जतिन गांधी उपस्थित थे। सुखाड़िया के आर्ट्स कॉलेज में डॉ. श्रीकृष्ण जुगनू का सम्मान
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के आर्ट्स कॉलेज में इंडिका संस्था की और से गुरु पूर्णिमा पर कार्यक्रम हुआ। इतिहास विभाग के संग्रहालय में हुए कार्यक्रम में लेखक और इतिहासकार डॉ. श्री कृष्ण जुगनू को सम्मानित किया गया। पर्यावरणविद् प्रोफेसर महेश शर्मा की ओर से पट्टिका देकर डॉ. जुगनू को सम्मानित किया गया। श्रीकृष्ण जुगनू ने कहा- हमें सब तरह का ज्ञान होना चाहिए। ज्ञान की सीमाएं सीमित नहीं रहे, इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने इस मौके पर डॉ. महेंद्र भानावत को याद करते हुए कहा- उन्होंने कोई विषय नहीं छोड़ा, सब पर लिखते ही गए, कभी रुके नहीं। जुगनू ने कहा कि मां सबसे बड़ी गुरु है। कार्यक्रम में सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर दिग्विजय भटनागर, प्रोफेसर प्रतिभा, डॉ. पीयूष भाद्वीय, इतिहास के सहायक प्रोफेसर डॉ. मनीष श्रीमाली, हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर, राजकुमार व्यास, डॉ. मोहित शंकर सिसोदिया और विश्वविद्यालय के विद्वान शामिल थे। जयपुर की शोधार्थी दीपिका रवजानी ने इंडिका संस्था की गतिविधियों के बारे में बताया। विद्यापीठ में गुरुजनों का किया सम्मान
राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक लोकमान्य तिलक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सभागार में आयोजित गुरु सम्मान समारोह हुआ। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि मूल्यों व संस्कारों के वाहक गुरु है। इसलिए गुरू के प्रति नतमस्तक होकर कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है गुरु पुर्णिमा। गुरू ज्ञान ही नहीं, जीने का तरीका सिखाते है। हम कितना भी तकनीक का उपयोग कर ले, भावात्मक ज्ञान, संस्कार, अनुभव गुरु से ही प्राप्त होते है। मुख्य अतिथि कुलाधिपति एवं कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने कहा कि हमारी भारतीय ज्ञान परम्परा पूरे विश्व में अद्भुत है। पूरे देश में हर रोज कोई न कोई पर्व त्यौहार अवश्य ही मनाया जाता है। आज की युवा पीढ़ी हमारे से संस्कारों से दूर होती जा रही है जो चिंताजनक है उन्हें पुनः रास्ते पर लाने का काम शिक्षकों अर्थात गुरुजनों का है। प्रारंभ में प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गुरु अपने शिष्यों में चेतना जागृत करने का कार्य करता है। समारोह में डॉ. तिलकेश आमेटा, महेन्द्र वर्मा ने संगीतमय गुरू वंदना प्रस्तुत कर सभी भावविभोर कर दिया। संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया जबकि आभार डॉ. रचना राठौड़ ने दिया। इस दौरान गुरुजनों का सम्मान किया गया। वात्सल्य सेवा समिति ने कराया सुंदरकांड का पाठ वात्सल्य सेवा समिति प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया गुरु पूर्णिमा उत्सव वात्सल्य सेवा समिति ने धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम के प्रारंभ में परम पूज्या दीदी मां साध्वी ऋतंभरा के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुरू किया गया। इस अवसर पर सुंदरकांड का पाठ भजन मंडली राजेश चौबीसा एवं टीम द्वारा किया गया। टीम द्वारा भव्य एवं मधुर भजन सुनाए गए।उपस्थित श्रोताओं द्वारा मंत्र मुक्त होकर भजनों का आनंद लिया। उपस्थित श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई। अंत में आरती की गई। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष प्रकाश चंद्र अग्रवाल, गोपाल कनेरिया, मदन लाल अग्रवाल, किरण नागोरी, राकेश मुंदड़ा, प्रमोद सामर अलका मुदड़ा, विक्रम अग्रवाल, राजेश स्वर्णकर आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
गुरु ही है जीवन पथ के सच्चे मार्गदर्शक गुरु पूर्णिमा पर अनुष्का ग्रुप द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। अनुष्का ग्रुप के संस्थापक डॉ. एस. एस. सुराणा ने सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु के बिना एक विद्यार्थी अपने जीवन के सही पथ पर नही चल सकता एवं सही राह दिखाने के लिए एक विद्यार्थी को गुरु की जरूरत रहती है| संस्थान के सचिव राजीव सुराणा ने कहा- गुरु केवल विषय का ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि वह हमें जीवन के संघर्षों से लड़ने की ताकत, सही दिशा में सोचने की क्षमता और अपने लक्ष्यों को पाने की प्रेरणा भी देते है। संस्थान से भूपेश परमार, प्रणय जैन, जितेन्द्र मेनारिया, हर्षवर्धन सिंह, प्रदीप कुमार, हर्षिता चौहान आदि मौजूद थे।

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