cover 1745505983

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के अटारी बॉर्डर बंद करने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले का सबसे बड़ा असर राजस्थान में रह रहे पाक विस्थापित हिंदू परिवारों पर पड़ रहा है। धार्मिक वीजा लेकर आए पाकिस्तानी हिंदू परिवारों को अब वापस लौटना पड़ रहा है। मार्च में ही 50 लोगों का जत्था जोधपुर आया था। हरिद्वार की धार्मिक यात्रा के बाद कुछ लोग लौट गए, लेकिन 55 वर्षीय सदौरी के परिवार के 13 लोग अभी जोधपुर हैं। दोनों देशों के बीच तनाव के माहौल में भास्कर टीम ने पाकिस्तानी हिंदू परिवारों से बात की। पढ़िए-पूरी रिपोर्ट… बाकी सदस्यों के भारत आने का इंतजार सदौरी बाड़मेर की सीमा से लगते पाकिस्तान के सांगड़ की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि उनका 13 लोगों का परिवार 27 मार्च को यही सोच कर आया कि जोधपुर में कुछ दिन ठहर जाएंगे। तब तक परिवार के बाकी लोगों को भी वीजा मिल जाएगा। वीजा के बाद वे भी यहां आ जाएगें। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद माहौल तनावपूर्ण है। अब परिवार जल्द से जल्द पाकिस्तान के लिए रवाना हो रहा है। सदौरी ने बताया कि उनका परिवार गंगाणा स्थित महादेव भील बस्ती में अपनी बहन के घर ठहरा हुआ है। वे भारत में ही रहना चाहती थीं, क्योंकि मूलत: वे जैसलमेर की हैं। आजादी के पहले से ही उनके पिता पाकिस्तान में रह गए थे। तभी से वह वहां हैं। लेकिन बेटे की बहू का निधन हो गया। वहां पोता-पोती बहुत छोटे हैं, इसलिए हमें बेमन से वापस लौटना पड़ रहा है। सदौरी के 40 वर्षीय बेटे इसर ने बताया कि उनके पास 25 अप्रैल तक का वीजा है। उन्होंने बताया कि मैं अपनी मां, पत्नी व पांच बच्चों के साथ जोधपुर आया था। सांगड़ में जहां घर है, वहां छोटे भाई का परिवार और बेटे की बहू हैं। अगर अभी हम वापिस नहीं लौटे तो परिवार से हमेशा के लिए बिछड़ जाने का डर। इसर ने बताया कि उनका इतिहास जोधपुर के बालेसर का है। बालेसर में वंशावली भी है और पुश्तैनी जमीन भी। दादा पाकिस्तान के सांगड़ में खेती-बाड़ी करते थे। लेकिन बंटवारे के बाद वहीं रह गए। दादा से यहां के किस्से सुना करता थे। पाकिस्तान के हालातों को देखते हुए यहां रहने आए थे। बच्चे नहीं जाना चाहते पाकिस्तान इसर की पत्नी भागी ने बताया कि वे बड़े बेटे मनीष, अमेश, दिव्या, चंपा व विराम के साथ भारत आई हैं। उनका मन यहीं रहने का है। लेकिन बड़े बेटे मनीष की पत्नी पाकिस्तान में रह गई है। उनका वीजा लग गया होता तो हम कभी पाकिस्तान लौटने का नहीं सोचते। लेकिन अभी के हालातों में जल्द से जल्द वापस लौटना होगा। कई परिवार पाकिस्तान लौटने की तैयारी में पाक विस्थापित मेवाराम ने बताया कि उनकी मौसी का परिवार भी आया हुआ था। लेकिन भारत सरकार के ऐलान के बाद गुरुवार को ही वापस लौट गया। बॉर्डर पर स्थितियां बिगड़ने से सभी दहशत में हैं। मेवाराम ने बताया कि उनका खुद का बचपन पाकिस्तान में बीता है। 7वीं कक्षा तक वहां पढ़ाई की इसके बाद 2015 में वह अपने परिवार के साथ भारत आ गए थे। अब वह महादेव भील बस्ती में रह रहे हैं। जब से पाकिस्तान से लौटा हूं पलट कर नहीं देखा। बहन व मामा का परिवार सांगड़ पाकिस्तान में ही रहता है। लेकिन उनसे मिलने के लिए भी वापस नहीं गया। हिंदुओं को टारगेट किया जाता है पाकिस्तान में मेवाराम ने बताया कि अपनी आंखों से देखा है, वहां हिंदुओं को टारगेट किया जाता है। हिंदू वहां धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकते हैं। बेटियां घर से नहीं निकल सकती। छोटी नाबालिग बच्चियों का धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता था। बेटियां पढ़ नहीं सकती हैं। बेटियों की शिक्षा व अच्छी जिंदगी के लिए भारत में रह रहे हैं। अभी भी पाकिस्तान में बहन, बुआ, मामा के परिवार से बात होती है। वह बताते हैं कि वहां सुकून नहीं है। महंगाई बहुत है। पानी तक की व्यवस्था नहीं। सांगड़ में जहां पहले हिंदू ही रहा करते थे। वहां अब हिंदू आबादी कम हो गई है। हमला निंदनीय- पाक विस्थापित मेवाराम ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि- बॉर्डर बंद होना सही कदम है। लेकिन विस्थापितों के परिवार अभी भी पाकिस्तान में रह रहे हैं। वह मिलने नहीं आ सकेंगे। सदौरी की तरह और भी कई लोग भारत आए थे, कई परिवार रात को बॉर्डर बंद करने के ऐलान के बाद सुबह जल्दी अटारी के लिए रवाना हो गए। कुछ परिवार यहां रिश्तेदारों की शादी अटेंड करने आए थे वह भी लौट गए हैं। हजारों पाकिस्तानी हिंदू परिवार, शिथिलता के लिए संगठन आया आगे सीमांत लोक संगठन के हिंदू सिंह सोढा बताया कि 3 हजार पाक विस्थापित रह रहे हैं। जब तक उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिल जाती तब तक वह पाकिस्तानी नागरिक ही कहलाएंगे। भारत सरकार के इस आदेश के बाद सभी दहशत में हैं। सोडा ने बताया कि कई पाक विस्थापितों के कॉल आए हैं। वह कह रहे हैं कि स्थानीय अधिकारी फोन करके यह कह रहे हैं कि उनको पाकिस्तान लौटना होगा। ऐसे में हमने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि इन हिंदू परिवारों को शिथिलता मिलनी चाहिए। यह लंबे समय से भारत में रह रहे हैं, वहां जाकर उनकी जान जोखिम में आ जाएगी। …. पहलगाम हमले से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… राजस्थान- पहलगाम में मारे गए जयपुर के नीरज का अंतिम-संस्कार:सीएम भजनलाल ने मां के आंसू पोंछे, कहा- खून के एक-एक कतरे का हिसाब लिया जाएगा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के शिकार जयपुर के नीरज उधवानी (33) का गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई किशोर उधवानी ने मुखाग्नि दी। झालाना स्थित मोक्षधाम में पत्नी आयुषी नीरज की पार्थिव देह के पास हाथ जोड़कर बिलखती रही…(CLICK कर पढ़ें)

By

Leave a Reply