बीकानेर| प्रज्ञालय संस्थान एवं राजस्थानी युवा लेखक संघ की ओर से अपनी मासिक साहित्यिक नवाचार के तहत प्रकृति पर केन्द्रित ‘काव्य रंगत-शब्द संगत‘ की 12वीं कड़ी लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन, नत्थूसर गेट बाहर संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि पानी प्रकृति का एक महत्वपूर्ण स्वाभाविक उपक्रम है, जो महत्वपूर्ण यौगिक है। रंगा ने आगे कहा कि आज की बारहवीं कड़ी में विशेष आमंत्रित कवि शायरों ने प्रकृति के नैसर्गिक स्वभाव को पानी के विभिन्न पक्षों के माध्यम से उकेरते हुए काव्य रस धारा से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि जुगल किशोर पुरोहित ने कहा कि नवाचार का नाम है प्रज्ञालय संस्थान। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ लोक गायक मदन गोपाल व्यास ने पानी की उपयोगिता को लेकर एक गीत प्रस्तुत कर पानी के महत्व को रेखांकित किया। काव्य संगत में इन्द्रा व्यास, शायर जाकिर अदीब, कासिम बीकानेरी, डॉ. कृष्णा आचार्य, कैलाश टाक, गिरिराज पारीक, डॉ. नृसिंह बिन्नाणी, एवं एड. इसरार हसन कादरी, हरिकिशन व्यास, आदि ने अपनी पानी पर केन्द्रित रचनाओं से काव्य रंगत में शब्द की शानदार संगत करी।

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