जोधपुर रेंज पुलिस ने 2 जिलों के 35 हजार के इनामी को पकड़ा है। पुलिस की नाकाबंदी से बचने के बीमार बनकर कार की अगली सीट पर लेटकर आ रहा था। पुलिस को देख जैसे ही उसके साथी ने कार भगाने की कोशिश की तो दौड़कर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। रेंज IG विकास कुमार ने बताया कि टीम ने इस मामले में आरोपी रूपाराम (41) पुत्र खींयाराम निवासी सामराऊ जाखड़ों की ढाणी जिला जोधपुर ग्रामीण को गिरफ्तार किया है। वह 8 साल से फरार था। SOG में भी दर्ज हैं मामले ऑपरेशन छविश्राम की जानकारी देते हुए रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि रूपाराम पर पाली जिले की पुलिस ने 25,000 और भीलवाड़ा जिले की पुलिस ने 10,000 का इनाम घोषित किया था। आरोपी 15 वर्षों से तस्करी के कामों में लिप्त था। इसके खिलाफ SOG में भी मामले दर्ज हैं। तस्करों की गाड़ियां चलाता था रुपाराम दसवीं कक्षा की पढ़ाई के बाद पिता के पास रहकर खेती करने लगा, इसके बाद मकान बनाने के कामों के ठेकेदारी शुरू की। लेकिन, लालच और अमीर बनने की लालसा में उसका संपर्क मारवाड़ के तस्करों से हो गया। शुरुआत में वह तस्करों के लिए गाड़ी चलाने का काम करने लगा। फिर खुद का ही अफीम, MD, डोडा पोस्त और गांजा सप्लाई का काम शुरू कर दिया। पहला मामला 2010 में दर्ज हुआ था रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी के मादक पदार्थ तस्करी का पहला मामला साल 2010 में चित्तौड़गढ़ में दर्ज हुआ था। इसके बाद पुलिस की ओर से इनामी अपराधी घोषित होने पर राजस्थान छोड़कर महाराष्ट्र के सोलर प्लांट में काम करने लगा। इधर राजस्थान में अपने गुर्गों के जरिए नेटवर्क बढ़ाता रहा। बाद में अपने गांव आने के लिए चित्तौड़गढ़ जिले को सेंटर बना लिया। बीमार बनकर आ रहा था इधर आरोपी होली पर अपने गांव आने की प्लानिंग करने लगा। साइक्लोनर टीम की पकड़ से बचने के लिए उसने अपने गांव आने के लिए अपने दोस्तों को चित्तौड़गढ़ बुलाया और उसकी गाड़ी की अगली सीट पर बीमार बनकर लेटकर गांव आने लगा। इधर आरोपी के गांव आने की सूचना मुखबिर के जरिए टीम को मिल गई। इस पर पाली जिले के रास्ते के नाके पर साइक्लोनर टीम ने नाकाबंदी के दौरान आरोपी को पकड़ लिया। आरोपी की गिरफ्तारी में कॉन्स्टेबल अशोक परिहार, अशोक कुमार और जोगाराम की विशेष भूमिका रही।