तोता (पेरोट) के लिए पाली के लिए विशेष डिजाइन किया गया 61 फीट ऊंचाई वाला तोता घर का उद्घाटन भामाशाह और जनप्रतिनिधियों ने किया। दावा किया जा रहा है कि यह देश का पहला तोता घर है। जिसे विशेष डिजाइन के साथ बनाया गया है। जिसमें सिर्फ तोते ही एंट्री ले सकेंगे दूसरे पक्षी नहीं। 61 फीट ऊंचा है तोता घर
भामाशाह नेमीचंद चौपड़ा ने बताया कि पाटण, गुजरात के कारीगर मुकेश प्रजापत और मोरबी के बर्ड एक्सपर्ट ने फ्लैट का मुंह गोल करके तोता घर बनाया है। जिसमें सिर्फ तोते ही प्रवेश कर सकेंगे। इसी आधार पर कारीगर ने देश का पहला तोता घर पाली में बना डाला। उन्होंने बताया कि इस तोता घर की ऊंचाई 61 फीट है। जिसमें 53 फ्लोर में 750 फ्लैट हैं। एक फ्लोर पर 14 घरौंदे तोते के लिए बनाए गए है। हर घरौंदे में 2 तोते रह सकेंगे। जो उन्हें सर्दी, गर्मी और मौसम की मार से बचाएंगे। पहले भी बनवाए पक्षी घर
उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने वर्ष 2019 और 2022 में पक्षीघर भी लाखोटिया गार्डन में बनाए थे। जहां अभी भी सैकड़ों पक्षी रहते है। समाजसेवी नेमीचंद चौपड़ा ने जब गत वर्ष तूफान के दौरान उद्यान के आस-पास व शहर मैं सैकड़ों तोते मरे देखे तो तोताघर बनाने का फैसला किया। उन्होंने रावतमल भीखीबाई एवं खींवराज बिदामीदेवी चौपड़ा की प्रेरणा से तोताघर बनाकर अपने गुरु मरुधर केसरी मिश्रीमलजी महाराज व लोकमान्य संत रुपचंद महाराज को समर्पित किया है। डेढ़ महीने में बनकर हुआ तैयार
देशभर में 150 पक्षी घर बना चुके पाटन गुजरात के कारीगर मुकेश प्रजापत बताते हैं कि पक्षीघर डेढ़ महीने में बन जाता है, जबकि तोताघर बनाने में दो महीने का समय लग गया। तोता घर का किया उद्घाटन
पशु-पक्षियों की सेवा की शृंखला में चोपड़ा परिवार द्वारा निर्मित प्रथम तोता घर श्री मरुधर केसरी रूप रजत तोता घर का शनिवार को लाखोटिया उद्यान में लोकार्पण हुआ। इस मौके पर सांसद पीपी चौधरी, राज्यसभा सांसद मदन राठौड़, पूर्व सासंद पुष्प जैन मौजूद थे। अतिथियों ने तोता घर निर्माण के लिए चौपड़ा परिवार के नेमीचन्द चौपड़ा का आभार व्यक्त किया। मूक पशु-पक्षियों की सेवा व संरक्षण के लिए स्वयं की ओर से भी प्रयास व सहयोग करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। चौपड़ा लाखोटिया उद्यान में पूर्व में भी दो पक्षी चुग्गाघर बना चुके हैं। इस मौके पर पूर्व सभापति मांगीलाल गांधी, डिप्टी चेयरमैन ललित प्रितमानी, नेमीचन्द देवड़ा, लूणकरण, आलोक लुंकड़ मौजूद थे।
