पाली में शहादत की रात शनिवार को अकीदत और एहतराम के साथ मनाई गई। पूरी रात जोश से लबरेज युवा हैरतअंगेज करतब दिखाते नजर आए। शहर के भैरूघाट पिंजारों का बास, केरिया दरवाजा क्षेत्र में मेले जैसा माहौल नजर आया। पूरे कार्यक्रम के दौरान भारी पुलिस जाप्ता सीओ सिटी ऊषा यादव के नेतृत्व में जुटा नजर आया। आज रविवार को ताजिया का जुलूस निकाला जाएगा। मुस्लिम समाज के प्रवक्ता शकील अहमद नागौरी ने बताया कि शनिवार की रात हजरत इमाम हुसैन की कर्बला में शहादत की याद को ताजा रखने का दिन होता है। शनिवार की रात अखाड़ों ने लाइसेंसधारक हाजी फकीर मोहम्मद चड़वा, सलमान रोशन अली मोयल, हाजी गुलाम नबी पठान की सरपरस्ती में अपने उस्तादों हाजी फकीर मोहम्मद चढ़वा, हाजी हाशिम अली खिलेरी, चांद मोहम्मद घोसी, हाजी घीसू मोहम्मद घोसी, हाजी मोहम्मद इकबाल खिलजी, मोहम्मद फारूक, मोहम्मद आमीन चितेरा के नेतृत्व में मुंह से आग के गोले छोड़ने और डंडे के दोनों तरफ लगे आग के गोले को घुमाने जैसे हैरतअंगेज करतब दिखाए। युवाओं ने “अली का लश्कर या इमाम हुसैन”, “अली की हैदरी या अली या अली”, “शाबास तुम्हारे उस्ताद को” जैसे जोशीले नारे लगाकर अखाड़ों के उस्तादों और शागिर्दों का हौसला बढ़ाया। लौटनी की रस्म अदा हुई और इबादत में गुजरी रात
मुस्लिम समाज के सदर हकीम भाई ने बताया कि मोहर्रम के आगे लौटनी की रस्म हुई। मोहर्रम पर फूल मालाएं और नोटों के सेहरे चढ़ाकर मिठाई व चूरमा शिरणी के रूप में वितरित किया। मुस्लिम समाज के हसन भाटी ने बताया कि इस अवसर पर मुस्लिम समाज के लोगों ने रोजा रखकर कर्बला के मैदान के शहीदों को खिराजे अकीदत पेश की। जगह-जगह मस्जिदों में नमाज अदा की गई, तिलावत-ए-कुरआन कर इबादत की। मस्जिदों में जंगनामा पढ़ा गया और तकरीर, बयान पढ़कर-सुनकर कर्बला के शहीदों को ईसाले सवाब किया। मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा जगह-जगह शरबत, छबील, खीर, हलीम, पुलाव इत्यादि व्यंजन बनाकर वितरित किए। फोटो में देखें कर्बला की रात…