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पाली में लोन वसूली का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक सहकारी समिति ने ग्रामीणों को 20 साल से भी पहले दिए लोन की रिकवरी के नोटिस थमा दिए हैं। मूलधन से करीब 6 गुना ज्यादा तक ग्रामीणों को चुकाना होगा। हालांकि, जिन लोगों को नोटिस दिए गए हैं उनका कहना है कि हमें याद भी नहीं है कि हमने ये लोन लिया था। वहीं, समिति का कहना है कि पहले क्यों लोन रिकवरी के नोटिस जारी नहीं हुए, इसकी जानकारी नहीं है। मामला जिले की खिमेल ग्राम सेवा सहकारी समिति का है। 20 साल से नहीं दिए लोन रिकवरी के नोटिस समिति के अनुसार जिन 40 लोगों को लोन रिकवरी के नोटिस दिए गए हैं उन्होंने अलग-अलग समय लोन लिया था। इन सभी का लोन 31 मार्च 2004 को अवधिपार हो गया था। हालांकि, इसके बाद इन लोगों को कभी नोटिस नहीं दिए गए। अब 4 दिन के भीतर दो बार नोटिस जारी कर समिति ने लोन चुकाने के लिए कहा है। लोन नहीं चुकाने पर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। हालांकि ग्रामीण समिति के लोन देने के दावों को ही गलत बता रहे हैं। समिति ने जो रिकवरी लिस्ट जारी की है उसमें मूलधन से 7 गुना तक ज्यादा ब्याज जुड़ा हुआ है। केस 1- चुन्नीलाल के 2 हजार के लोन पर 11 हजार ब्याज खिमेल गांव के चुन्नीलाल सरगरा पुत्र बाबूलाल को समिति ने 6 जून को नोटिस दिया। इसमें बताया है कि उसने 2 हजार रुपए का लोन लिया था। जो 31 मार्च 2004 को अवधि पार हो चुका है। अब लगभग 11 हजार के ब्याज सहित 13 हजार 322 रुपए दो दिन बाद 8 जून 2025 तक चुकाने की बात लिखी थी। चुन्नीलाल सरगरा ने कहा- एक्सीडेंट के कारण मैं डेढ़ साल तक घर पर ही थी। समिति के पदाधिकारी घर आते थे। लेकिन कभी नहीं बताया कि मुझ पर कोई लोन बकाया है। अब नोटिस पकड़ा दिया। कहा है कि लोन चुकाओ। इतने साल तक पदाधिकारी कहां थे। अब धमकी दे रहे हैं कि जेल भेज देंगे। चुन्नीलाल ने 18 जून को समिति पहुंचकर प्रार्थनापत्र दिया। केस 2 – सावतीराम के नाम 7500 रुपए का लोन, अब 47,637 रुपए चुकाने का नोटिस खीमेल गांव के ही सावतीराम देवासी पुत्र मोतीराम को भी 6 जून को नोटिस जारी हुआ था। इसमें लिखा है कि उसने समिति से 7500 रुपए का लोन लिया था जो 31 मार्च 2004 को अवधिपार हो गया था। अब 47 हजार 637 रुपए 8 जून 2025 तक चुकाने की बात लिखी। सावतीराम ने भी 18 जून को समिति पहुंचकर प्रार्थनापत्र दिया। केस 3- बगदाराम के नाम 3279 रुपए का लोन, 18719 रुपए चुकाने होंगे खिमेल गांव के बुजुर्ग बगदाराम हीरागर पुत्र नथाराम को भी 6 जून को नोटिस मिला। इसमें बताया कि उन्होंने 3279 रुपए का लोन लिया था। इस पर 15 हजार 440 रुपए का ब्याज लगा। यह भी 31 मार्च 2004 को अवधिपार हो गया था। बगदाराम को 8 जून तक 18 हजार 719 रुपए चुकाने की बात नोटिस में लिखी थी। बगदाराम ने कहा- मेरे पास या मेरे बाप-दादा के पास जमीन तक नहीं है। सोसाइटी की ओर से लोन चुकाने का नोटिस इतने साल बाद मिला। मैं सोसाइटी में लोन की नकल मांगने गया था। ताकि पता चल सके कि मैंने कब और कौन सा लोन लिया था। लेकिन मुझे नकल नहीं दी गई। अब बूढ़ा हो गया हूं। याद नहीं है कि लोन लिया भी था या नहीं। 18 जून को समिति जाकर एप्लीकेशन दी है। केस 4- रूपाराम ने पूछा-30 साल में एक भी नोटिस क्यों नहीं दिया गांव के रूपाराम को भी ऐसा ही नोटिस मिला। 21 जून शनिवार को रूपाराम ग्राम सेवा सहकारी समिति खिमेल के शाखा प्रबंधक के पास पहुंच गया। लेटर दिया, जिसमें लिखा- 30 साल पुराने एसटी लोन की रसीद और लोन की फाइल की कॉपी दी जाए। साथ ही यह बताया जाए कि 30 साल में समिति ने मुझे एक भी नोटिस क्यों नहीं दिया। रूपाराम ने अपना खाता नंबर 686 बताया। उसने लिखा- व्यवस्थापक राजेश पुरी ने सूचित किया कि आपने 30 साल पहले लोन लिया था जो बकाया है। लिखित में शिकायत दी, कहा- कोई लोन नहीं लिया नोटिस मिलने के बाद सावतीराम देवासी, बगदाराम हिरागर और चुन्नीलाल सरगरा ने 18 जून को लिखित में एक शिकायत समिति को दी है। इसमें तीनों ने लिखा है कि उन्होंने आज तक समिति से कोई लोन नहीं लिया। न ही इससे पहले उन्हें किसी तरह का नोटिस मिला है। 20 साल बाद नोटिस दिए जा रहे हैं। जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मैनेजर बोले- रिकॉर्ड देखकर नोटिस जारी किए हैं इसे लेकर समिति मैनेजर जसवंत सिंह ने कहा- रिकॉर्ड देखकर अवधिपार ऋण वालों को नोटिस जारी किया है। वर्ष 2024 की ऑडिट रिपोर्ट में समिति के अवधिपार ऋण वाले लोगों को नोटिस जारी किया है। मैं सितम्बर 2023 से खिमेल गांव में व्यवस्थापक लगा हूं। इससे पहले वाले व्यवस्थापक ने अवधि पार ऋण की वसूली क्यों नहीं की, इसके बारे में मैं नहीं जानता। समिति स्तर पर गड़बड़ी तो जांच करवाएंगे- MD मामले में पाली सेंट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक के एमडी प्रशांत कल्ला ने कहा- यदि इस तरह का मामला है तो इसकी जानकारी लेकर जांच करवाएंगे। अगर किसी किसान के नाम जमीन ही नहीं है और उसको लोन दिया गया है तो यह जांच का विषय है। समिति स्तर पर किसी तरह की गड़बड़ हुई है तो उसकी जांच करवाएंगे।

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