चित्तौड़गढ़ जिले के साडास थाना क्षेत्र में रहने वाले राधेश्याम जाट ने दो कांस्टेबलों पर मारपीट करने और अवैध वसूली का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है कि पहले भी ये कांस्टेबल उससे बजरी ट्रैक्टर चलाने के दौरान अवैध वसूली करते थे। अब जब उसने वह काम छोड़ दिया है, तब भी पैसे मांगकर धमकाया जा रहा है। इस मामले में थानाधिकारी आजाद पटेल ने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा है कि बजरी माफिया पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम नियमों के खिलाफ कोई काम नहीं करेंगे। पीड़ित राधेश्याम का कहना है कि वह 22 जून को अपने ट्रैक्टर में डीजल भरवाकर खाद के बैग लेने जा रहा था। रास्ते में अचानक दो कांस्टेबल माखनलाल मीणा और अमीन मीणा अलग-अलग बाइक पर आए और ट्रैक्टर के आगे रुककर इशारा किया। राधेश्याम ने बताया कि जब वह ट्रैक्टर रोककर नीचे उतरा, तो दोनों कांस्टेबलों ने उसे बिना किसी वजह के थप्पड़ मार दिए। इसके बाद उसकी जेब से 2300 रुपए निकाल लिए और धमकी देते हुए वहां से चले गए। इस घटना से घबराया राधेश्याम सीधे घर गया और अपने परिजनों को पूरी बात बताई। राधेश्याम ने आरोप लगाया कि पहले वह बजरी से भरे ट्रैक्टर चलाया करता था। उस समय भी यही दोनों कांस्टेबल आए दिन उससे पैसे वसूलते थे। अब जब उसने बजरी का काम बंद कर दिया है, तब भी ये पुलिसकर्मी लगातार उससे पैसे मांगते रहे। पैसे नहीं देने पर अब इस तरह की जबरदस्ती की गई। राधेश्याम अपनी शिकायत लेकर एसपी ऑफिस पहुंचा और वहां परिजनों के साथ मिलकर पूरा मामला अधिकारियों को बताया। उसने यह भी कहा कि दोनों कांस्टेबल खुद को सूचना अधिकारी बताते हैं और कहते हैं कि वे सीधे एसपी से बात करते हैं, इसलिए किसी भी शिकायत का कोई असर नहीं होगा। इस पूरे मामले पर जब थानाधिकारी आजाद पटेल से बात की गई, तो उन्होंने आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि बजरी परिवहन पर सख्त रोक लगाई गई है और इसी वजह से कुछ लोग पुलिस पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। उनका कहना है कि अगर किसी के साथ वाकई में गलत हुआ है, तो उसे पहले थाने या सीओ ऑफिस में शिकायत करनी चाहिए थी। अगर वास्तविकता होती तो यहां क्यों नहीं आए। अब तो सीधे ऑनलाइन या कोर्ट का भी सहारा ले सकते है। इसमें जांच हो जाएगी। झूठे आरोप लगाकर गलत काम करना गलत ही होता है। थानाधिकारी ने यह भी कहा कि पुलिस किसी के दबाव में आकर गलत काम नहीं करेगी। हम आम जनता की समस्याएं सुनने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले लोग सही प्रक्रिया अपनाएं और आकर थाने में शिकायत दर्ज करवाएं।