झुंझुनूं के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर से ठगों ने 7.67 करोड़ रुपए ठग लिए। 2023 में पहले TRAI अधिकारी बनकर फोन किया। आरोप लगाया कि उनके आधार से दूसरा मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है, जिससे अवैध विज्ञापन व उत्पीड़न के मैसेज भेजे गए हैं। फिर खुद को मुंबई पुलिस का सब इंस्पेक्टर बताकर संदीप राव ने स्काइप पर मीटिंग के लिए दबाव बनाया। महिला प्रोफेसर से कहा- मामला नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है। किसी से इसके बारे में चर्चा नहीं करनी है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट से ही हल होगा। 3 महीने में ठगों ने प्रोफेसर से 7.67 करोड़ ठग लिए। CBI ने इस मामले में ‘ऑपरेशन चक्र-5’ के तहत इस इंटरनेशनल साइबर गिरोह के 4 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। राजस्थान साइबर सेल की जांच में पता चला कि रकम विदेशी खातों में भेजी गई। CBI ने मुंबई, मुरादाबाद, संभल, जयपुर और कृष्णनगर में 12 ठिकानों पर छापे मारे। आरोपियों से बैंक दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं। सभी को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देकर उड़ाए करोड़ों, 6 पॉइंट में समझिए पूरा मामला 1. 29 अक्टूबर 2023 को आया पहला फोन
बिट्स पिलानी (झुंझुनूं) की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीजाता डे (57) ने साइबर सेल को रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया- 29 अक्टूबर 2023 को सुबह 8.39 पर मेरे पास एक व्यक्ति का फोन आया था। फोन करने वाले ने कहा कि वह दूरसंचार विभाग (TRAI) से बोल रहा है। इस नंबर पर साइबर क्राइम से जुड़ी हुई शिकायत प्राप्त हुई है। आपका फोन नंबर एक घंटे में बंद हो जाएगा। आपके आधार नंबर पर दूसरा मोबाइल नंबर 677XXXXXXX रजिस्टर्ड है। आपके नंबर से अवैधानिक विज्ञापन व उत्पीड़न के मैसेज भेजे गए हैं। मुंबई पुलिस आपके खिलाफ कार्रवाई करेगी। मुंबई पुलिस से फोन आएगा। इसके तुरंत बाद मुझे एक नए नंबर से चार बार फोन आया। 2. SKYPE डाउनलोड करवाया, ऑनलाइन मीटिंग की
श्रीजाता डे ने बताया था कि इसके बाद एक और फोन आया। फोन करने वाला खुद को मुंबई पुलिस का सब इंस्पेक्टर संदीप राव बता रहा था। उसने कहा- आपके खिलाफ क्राइम ब्रांच मुंबई में शिकायत मिली है। SKYPE पर जुड़कर ऑनलाइन मीटिंग करनी होगी। मैंने मोबाइल फोन पर SKYPE (स्काइप) ऐप नहीं होने की बात कही। उसके बाद ठगों ने डरा धमकाकर ऐप डाउनलोड करवाकर मीटिंग का लिंक भेज दिया। ठगों ने कहा कि जांच के बाद आपकी मुश्किल बढ़ गई है। आप नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में संदिग्ध पाए गए हो। इस केस में 20 लाख रुपए मिले हैं, जिसकी ट्रांजैक्शन रिसिप्ट हम लोगों के पास है। 3. ठग बोले- मामला ED से जुड़ा, सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा
श्रीजाता डे ने बताया कि ठगों ने कहा- आपके नाम से गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। आपके नाम से एक केनरा बैंक का ATM कार्ड भी मिला है। महिला ने मना किया तो ठगों ने उसे गिरफ्तार करने, बैंक खाते और जायदाद को फ्रीज करने की धमकी दी। पीड़िता ने ऐसे किसी भी मामले में खुद की संलिप्तता से इनकार किया। ठगों ने मदद करने के नाम से मुंबई पुलिस सीबीआई ऑफिसर बताकर आकाश नाम के किसी व्यक्ति से स्काइप पर जुड़वाकर संदीप राव ने बात कराई। आकाश कुल्हरी ने कहा कि मामला ईडी से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा। 4. 42 ट्रांजैक्शन से 7.67 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए
ठगों ने कहा- बैंक खाते में जितना भी फंड, रुपया अभी है, उसको डिजिटल वैरिफिकेशन के लिए भेजना पड़ेगा। महिला ने बताया- वह यह सब देख डर गई थी और अपने बैंक खातों से 29 अक्टूबर 2023 से 31 जनवरी 2024 तक कुल 42 ट्रांजैक्शन से 7.67 करोड़ रुपए अलग-अलग खातों में ऑनलाइन नेट बैंकिंग से डलवाती गई। इस दौरान ठगों ने रोज SKYPE पर सेल्फ रिपोर्ट भेजने के लिए कहा और हर दो घंटे में क्या-क्या काम कर रही हूं, कहां जाती हो, किससे मिलते हो, इसकी जानकारी देने की बात कही। और यह कहकर डराते हुए कहा कि अगर रुपए ट्रांसफर नहीं हुए और सेल्फ रिपोर्ट नहीं भेजी तो जेल में डाल दिया जाएगा। 5. मामला नेशनल सिक्योरिटी का बताया, 3 महीने तक चला सिलसिला
श्रीजाता डे ने बताया- उसे यह कहा गया कि मामला नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है। किसी से इसके बारे में चर्चा नहीं करनी है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट से ही हल होगा। महिला ने बताया कि वह इतनी डर गई थी कि ये सिलसिला तीन महीने तक चलता रहा। मुझे यह कहा गया कि डिजिटल वैरिफिकेशन होने के बाद व कोर्ट से मामला हल होते ही पैसा वापस इसी खाते में आ जाएगा। पीड़ित महिला ने कहा- 2 फरवरी 2024 को मैसेज आया। बताया गया कि 12 फरवरी को केस का फैसला हो जाएगा। पैसे खाते में आ जाएंगे। महिला ने बताया कि 15 फरवरी तक ना तो फोन आया ना ही मैसेज। कॉल पर संपर्क भी नहीं हो पाया। इससे वह डर गई और सदमे में रहने लग गई। 6. ठगों को देने के लिए लिया 80 लाख का लोन
महिला ने ठगों की डिमांड पूरी करने के लिए 80 लाख का लोन भी लिया। महिला प्रोफेसर ने झुंझुनूं के तत्कालीन SP देवेंद्र विश्नोई से इसकी शिकायत की है। इसके बाद मामला झुंझुनूं के साइबर सेल में दर्ज किया गया। गंभीरता को देखते हुए केस सीबीआई को सौंपा गया, जिसके बाद ‘ऑपरेशन चक्र-5’ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
