Site icon Raj Daily News

पुलिस पहचान ना सके, इसलिए सरगना ने सिर मुंडवाया

पार्किंग में ऑटो खड़ा कर लग्जरी बसों से जाते थे दिल्ली ऑटो को रेलवे स्टेशन सहित अन्य पार्किंग में खड़ा करने के बाद बदमाश लग्जरी बस या ट्रेन से दिल्ली चले जाते थे। वारदात के 7 दिन बाद वापस जयपुर आकर फिर वारदात शुरू कर देते थे। सरगना गोविंद राजकोटिया जुआ-सट्टे एवं अय्याशी का शौकीन था। जिस कारण उसके परिवार ने उसे घर से बाहर कर दिया और वह जयपुर-दिल्ली में रहने लगा। 2014 से गलता गेट इलाके में रहने के दौरान पत्नी की मौत हो गई। इसके बाद वह दूसरी शादी कर दिल्ली चला गया। इसके बाद दिल्ली में गिरोह बना कर कई वारदातों को अंजाम दिया। पिछले करीब 10-11 साल से दिल्ली में रह कर इस प्रकार की वारदातों को अंजाम दे रहा था। गैंग का मुख्य सरगना गोविंद 2014 से ही जयपुर में रह रहा है। उसने एक ऑटो-रिक्शा खरीदा था, जिसे वह शहर में चलता था। इसी दौरान उसने अपने गुजराती जानकारों का गिरोह बनाकर वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई। इसके लिए वह अपने दो साथियों के साथ ऑटो, बस स्टैंड के पास रेकी करता रहता था। रैकी के दौरान वह केवल बुजुर्ग महिलाओं को टारगेट करते थे ता​कि उन्हें आसानी से शिकार बनाया जा सके। इसके बाद वह वृद्ध महिलाओं को तय स्थान पर छोड़ने का तय कर ऑटो में बिठा लेते थे। 200 से 300 मीटर दूरी तक ले जाने के बाद पहले से ही आगे की सीट पर बैठे हुए अपने दोनों साथियों को योजना के तहत अगले टायर में कम हवा होने का हवाला देकर पीछे बिठा देता था। बदमाश पीछे की सीट पर बैठते तो वह वृद्ध महिला के साथ दोनों तरफ से धक्का-मुक्की करते हुए उसके जेवरात को उतार लेते थे। इसके बाद वे वृद्ध महिला को बीच में रास्ते में उतार कर अन्य दोनों सवारियों को कुछ दूरी पर छोड़ कर आने का हवाला देकर फरार हो जाते थे।

Exit mobile version