इंडियन जस्टिस रिपोर्ट 2025 के अनुसार देश में पुलिस डिपार्टमेंट के फॉरेंसिक विंग में 50% पद खाली पड़े हैं। इसी के साथ पूरे देश में किसी भी राज्य में पुलिस में महिलाओं की जो वैकेंसीज निकली, वो कहीं भी पूरी तरह से भर नहीं सकीं। वहीं SC, ST, OBC कैटेगरीज के लिए ज्यूडीशियरी और पुलिस डिपार्टमेंट में निकली वैकेंसीज की बात करें तो सिर्फ कर्नाटक राज्य में ये भर पाईं। इसी के साथ जेल में काम करने वाले स्टाफ की हालत भी खराब है। रिपोर्ट में सामने आया कि 5.7 लाख कैदियों पर सिर्फ 25 साइकोलॉजिस्ट/ साइकायट्रिस्ट हैं। देश के 25 राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश ऐेसे हैं जहां की जेलों में कोई साइकोलॉजिस्ट/ साइकायट्रिस्ट है ही नहीं। ज्यूडिशियरी और पुलिस डिपार्टमेंट में महिलाओं की कमी इंडियन जस्टिस रिपोर्ट 2025 के अनुसार पुलिस और ज्यूडिशियरी जैसे डिपार्टमेंट्स में देश की महिलाओं की हिस्सेदारी अभी भी काफी कम है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स में सिर्फ 38% महिलाएं काम कर रही हैं। ज्यूडिशियरी में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी जरूर हैं लेकिन वो ज्यादातर निचले पदों पर ही काम कर रही हैं। पुलिस डिपार्टमेंट का हाल भी कुछ ऐसा ही है जिसमें देशभर में केवल 8% महिलाएं काम कर रही हैं। देश के 17 राज्यों की पुलिस में महिलाओं की भागीदारी 10% से भी कम है। पुलिस फोर्स में 33% महिलाएं होने में 200 साल लगेंगे 2025 में जारी हुई रिपोर्ट को 2022 की रिपोर्ट से कंपेयर किया गया तो सामने आया कि देश के कई राज्य ऐसे भी हैं जहां के पुलिस विभाग में महिलाओं की हिस्सेदारी एक तिहाई यानी केवल 33% होने में भी अभी 200 साल या उससे ज्यादा का समय लगेगा। अंडमान एंड निकोबार आयलैंड्स को 220.8 साल और त्रिपुरा को 222.2 साल लगेंगे। इसके अलावा झारखंड को 175.1 साल लगेगा पुलिस में महिलाओं की हिस्सेदारी एक तिहाई होने में। इस मामले में बिहार और आंध्र-प्रदेश की हालत सबसे बेहतर है। ये दोनों ही राज्य 3.3 सालों में पुलिस विभाग में महिलाओं की हिस्सेदारी 33% पहुंचाने में कामयाब हो सकते हैं। कई राज्यों में फॉरेंसिक्स के 70% पद खाली पड़े लीगल सिस्टम के लिए फॉरेंसिक डिपार्टमेंट एक लाइफलाइन की तरह होता है। लेकिन भारत में फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के 10 हजार में से 50% पद खाली पड़े हुए हैं। तेलंगाना, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में फॉरेंसिक्स में साइंटिफिक स्टाफ के 70% पद भरे नहीं जा सके। इस मामले में केरल और तमिलनाडु की हालत कुछ बेहतर है। जहां केरल में केवल 3.7% पद खाली हैं तमिलनाडु में 19.9% पदों को भरा नहीं जा सका है। ऐसी ही और खबरों के लिए पढ़ें… महाराष्ट्र थ्री लैंग्वेज पॉलिसी लागू करने वाला पहला राज्य बना: 1 से 5वीं तक के छात्रों को अब मराठी-इंग्लिश के अलावा हिंदी पढ़ना जरूरी महाराष्ट्र थ्री लेंग्वेज पॉलिसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अब यहां 1 से 5वीं क्लास तक के बच्चों के लिए हिंदी पढ़ना जरूरी कर दिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…