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पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने लगाए आरोप:केंद्रीय मंत्री यादव व राज्य मंत्री शर्मा ने CTH का दायरा बदलने में की 500 करोड़ की डील

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रामगढ़ के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने केंद्रीय मंत्री व अलवर सांसद भूपेंद्र यादव और राज्य मंत्री संजय शर्मा पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों ने सरिस्का का CTH (क्रिटीकल टाइगर हैबीटॉट) का दायर बदलने 100 से 500 करोड़ रुपए की डील की है। ये डील खान मालिक व होटल मालिकों से की है। इसके सबूत जरूरत पड़ी तो आगे दे दूंगा। यही नहीं इतना भी कहा कि इसकी शिकायत राज्यपाल को भी की है। लेकिन जब सबूत मांगे तो पूर्व विधायक ने कहा कि आगे जरूरत पड़ी तो दूंगा। पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि 2007 तक सरिस्का में बाघ खत्म हो गए थे। लेकिन सालों के प्रयासों के बाद अब वापस सरिस्का में 48 बाघ हैं। केंद्र व राज्य सरकार में वन मंत्री दोनों अलवर से हैं। दोनों सरिस्का के मालिक हैं। लेकिन सरिस्का में सीटीएच का नया दायरा हुआ है। राज्य सरकार ने कैसे पास कर दिया। जहां सुप्रीम कोर्ट होटल हटाने की बात कहता रहा है। वहीं सिलीसेढ़ से अतिक्रमण से हटाने को कहा है। सीटीएच वाले एरिया से खानों को बंद करना जरूरी है। लेकिन सीटीएच का दायरा बढ़ाने की बजाय उसे कम कर दिया। इसमें 100 करोड़ से 500 करोड़ की डील है। खनिज मालिक व होटल वालों से सौदा हुआ है। दाल में काला है। दोनों मंत्रियों की संलिप्तता है। पूर्व सीएम के समय 39 मंदिर टूट तो उनको सजा मिली पूर्व विधायक आहूजा ने कहा कि जयसमंद का पानी कभी ओवरफ्लो होता था। रामगढ़ में घाट कैनाल पर बड़ा कब्जा है और अवैध खनन है। यहां आसपास गोकशी होती है। करीब 500 मकान अवैध बना लिए। वन विभाग उनको नहीं तोड़ता। यहां दो मंदिरों को तोड़ दिया। पहले मंदिरो ंको पूर्व सीएम ने जयपुर में तोड़ा था। तब 39 मंदिर टूटे थे। उस समय मेट्रो आ रही थी। लेकिन पूर्व सीएम को उनको सजा मिली। शर्म की बात है कि मंदिर तोड़ने मंत्री पहुंच गए। लेकिन अवैध रूप से कब्जा नहीं हटाया। पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि सीटीएच का दायरा कम कराने में खनिज व होटल वालों से मिलकर घोर भ्रष्टाचार की बू है। CTH का दायरा कम हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। जनता को आंदोलन के लिए आगे आना चाहिए। अब नेता बनावटी व सजावटी हो गए हैं। मैंने हमेशा गलत होने पर विरोध जताया मैंने दोनों सरकारों के समय गलत को गलत कहा। अब भी आवाज उठाने आगे आया हूं। सत्ता में दो मंत्री हैं। मैंने गर्वनर को भी लिखा है। लेकिन उनको लिखे पत्र का खुलासा नहीं कर सकता। मैं बनावटी, दिखावटी व सजावटी नेता नहीं हूं। दुबारा मैदान में आऊंगा। हमारे शहर में छोटी बड़ी नहरें लानी चाहिए। बार-बार बोरवैल करने पर जोर क्यों दिया जाता है। बोर अधिक करेंगे तो ठेकेदार के जरिए ऊपर तक पैसा जाएगा। इसलिए बोरवैल करना चाहते हैं। हालांकि दोनों मंत्रियों ने इस तरह के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। जिस पर कोई जवाब नहीं दिया।

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