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पेयजल के लिए महिलाओं का मटका फोड़ प्रदर्शन:5 साल से कागजों में मिल रहा पानी, ग्रामीण पेयजल के लिए तरस रहे

भरतपुर जिले के रामनगर गांव में आज महिलाओं ने मटका फोड़ प्रदर्शन किया। ग्रामीण समय पर पेयजल नहीं मिलने से नाराज हैं। ग्रामीणों का आरोप है की जलदाय विभाग ने कागजों में दिखाया हुआ है कि गांव में पिछले 5 साल से चंबल के पानी की सप्लाई हो सप्लाई हो रही है। जबकि हकीकत में उन्हें चंबल का पानी पिछले 5 सालों में मिला ही नहीं, चंबल की लाइन में से कुछ गांवों ने अवैध कनेक्शन किया हुआ है। गांव के व्यक्ति दिनेश फौजदार ने बताया कि हमारे गांव में जल जीवन मिशन की पानी की टंकी है। जल जीवन मिशन के तहत ही गांव में पानी की पाइप लाइन बिछाई गई हैं लेकिन, उसमें 10-10 दिन तक पानी नहीं आता। ग्रामीणों को पेयजल के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। महिलाएं दूर दराज इलाकों से पेयजल सिर पर ढोह कर लाती हैं। ग्रामीणों को पानी को लेकर काफी समस्याएं उठानी पड़ रहीं हैं। जलदाय विभाग ने कागजों में दिखाया हुआ है कि रामनगर गांव में चंबल के पानी की सप्लाई की जा रही है। मगर उन्हें आजतक चंबल का पानी नहीं मिला है। रामनगर से पहले आने वाले गांव मलाह के ग्रामीणों ने चंबल की पाइप लाइन में अवैध कनेक्शन किए हुए हैं। पीने के पानी से मलाह गांव के लोग फसलों की सिंचाई करते हैं। जबकि उन्हें पेयजल के लिए तरसना पड़ता है। जलदाय विभाग को जल जीवन मिशन के तहत बनी हुई पानी की टंकी में चंबल का पानी सप्लाई करना था। टंकी से ही घर-घर तक चंबल का पानी सप्लाई होना था लेकिन, जलदाय विभाग ने कभी जल जीवन मिशन की टंकी में चंबल के पानी की सप्लाई नहीं दी है।

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