जयपुर में पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों ने शहीद स्मारक पर नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दिया। बुधवार को प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पुरुष और महिला पैराटीचर्स धरने में शामिल हुए। राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने धरने को समर्थन दिया। उन्होंने बताया कि पैराटीचर्स तृतीय श्रेणी शिक्षक के समान काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें मात्र 16,000 रुपए वेतन मिल रहा है। यह तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तनख्वाह से भी आधा है। राठौड़ ने कहा कि 2008 में कुछ पैराटीचर्स को प्रबोधक बनाया गया। फिर भी 7000 से अधिक पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी अभी भी नियमित नहीं हुए हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार ने कांट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स 2022 के तहत 1.10 लाख कर्मचारियों को नियमित करने का दावा किया था। लेकिन वास्तव में किसी को भी पूरी तरह नियमित नहीं किया गया। नियमों के अनुसार 5 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए। शिक्षा सचिव के नियमितीकरण के आश्वासन के बाद पैराटीचर्स ने अपना धरना समाप्त कर दिया। राठौड़ ने कहा कि पैराटीचर और शिक्षाकर्मी की सेवा 20 से 25 साल की हो गई है, लेकिन इन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है. शिक्षा विभाग की हठधर्मिता के कारण भी इन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है.धरने के बाद प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यसचिव तथा शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र नियमितिकरण की मांग की, जिसपर शिक्षा शासन सचिव ने आश्वस्त किया कि जल्द ही नियमित करने की कार्रवाई की जा रही है। उनके आश्वासन के बाद धरना स्थगित किया गया। वहीं प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि शीघ्र नियमित करने के आश्वासन पूरा नहीं करने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

Leave a Reply