सेवा नियम बनाने व स्थाई भर्ती की मांग को लेकर ऑल राजस्थान पैरामेडिकल टेक्नीशियन एसोसिएशन के सदस्य आज सड़क पर उतरे। प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र सिंह की अगुवाई में पैरामेडिकल टेक्नीशियन ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। पैरामेडिकल टेक्नीशियन का कहना है कि मेडिकल हेल्थ में होते हुए भी 9 साल से पैरामेडिकल टेक्नीशियन बेरोजगार है। प्रदेशाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने कहा- पैरामेडिकल में 12 कोर्स है। जिनमें 4 कोर्स की ही वैकेंसी आती है। डायलिसिस, ऑपरेशन थिएटर, ब्लड बैंक, कैथ लैब एंडोस्कोपी, ईईजी, इमरजेंसी एंड ट्रोमा टेक्नीशियन के कोर्स निरंतर संचालित किया जा रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि 2015 से आज तक इन 8 कोर्स का न तो कैडर सेवा नियम बन पाया है नहीं स्थाई भर्ती जारी हो पाई है। साल 2015 से मेडिकल हेल्थ में होते हुए भी 9 साल से प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा पैरामेडिकल टेक्नीशियन बेरोजगार है। कांग्रेस सरकार के समय भी हमने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया ज्ञापन दिए, लाठियां खाई जेल में गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकार बदलने के बाद भी हमारी बातों को नहीं सुना जा रहा। जयपुर में धरने प्रदर्शन की परमिशन नहीं दी जा रही है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। हमारे साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है। मजबूरन आज हमनें 4 घंटे धरना दिया है। हमारी मांग है कि राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा अधिनियम 2023 में डायलिसिस, ऑपरेशन थिएटर, ब्लड बैंक, कैथलैब, एंडोस्कोपी, इमरजेंसी एंड ट्रॉमा टेक्निशियन कोर्स के विद्यार्थियों के लिए पद जोड़कर कैडर सेवा नियम जारी किया जाए और स्थाई भर्ती की जाए।