प्रमुख शासन सचिव पर्यटन,कला,संस्कृति एवं पुरातत्व राजेश यादव ने बुधवार को राजस्थान में पुरातत्व विभाग के सभी संग्राहलयों और संपतियों का डिजिटाइजेशन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पुरातत्व विभाग की सभी संपतियों का एक विजन डॉक्यूमेंट बनाने और विभाग के कार्यों एवं सेवाओं को ऑनलाइन किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह निर्देश पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि नारायण सिंह सर्किल स्थित गांधी वाटिका का वृहद प्रचार प्रसार किया जाए। साथ ही, सभी कार्यों को समय से पूरा करें। वर्तमान में 345 स्मारक व 43 पुरास्थ संरक्षित घोषित इस दौरान पुरातत्व विभाग के निदेशक पंकज धरेन्द्र ने बताया कि राजस्थान के जयपुर में जन्तर मन्तर, आमेर किला, झालावाड़ में गागरोन किला यूनेस्को सूचीबद्ध स्मारक हैं। उन्होंने बताया कि 1950 से राजस्थान राज्य के निर्माण के साथ ही पुरातत्व एवं संग्राहलय विभाग का गठन किया गया। वर्तमान में विभाग द्वारा 345 पुरा स्मारक व 43 पुरास्थ संरक्षित घोषित है। साथ ही विभाग द्वारा 22 राजकीय संग्राहलय व 2 कला दीर्घा संचालित किए जा रहे हैं। इनमें लभगभ 3 लाख से अधिक कला पुरा सामग्री यथा पाषण प्रतिमाएं,धातु प्रतिमाएं लघुरंग चित्र,अस्त्र—शस्त्र,वस्त्र परिधान,सिक्के आदि वस्तुएं संग्रहित व प्रदर्शित है। बैठक के दौरान आयुक्त पर्यटन रुक्मणी रियाड़ समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।