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‘प्रिंसिपल कहता था तुम क्या गजब लगती हो…मैं जानता हूं मुझे कौन सी लड़की इंप्रेस कर सकती है…तुम्हारा फिगर तो बिल्कुल मॉडल जैसा है….तुम मेरे कमरे में फाइल लेकर अकेली आना….मेरे खिलाफ शिकायत करने की सोचना भी नहीं, मेरे घर में 20 वकील और 2 जज हैं…मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है…।’ जयपुर के एक महिला कॉलेज की छात्राओं और महिला स्टाफ ने प्रिंसिपल पर ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने आरोपी प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है। प्रतापनगर थाना पुलिस ने 10 मार्च को मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है। मामला सामने आने के बाद दैनिक भास्कर की रिपोर्टर इसकी तह तक जाने के लिए कॉलेज पहुंची। प्रिंसिपल की शर्मनाक करतूत के बाद छात्राएं सहमी हुई हैं। एक छात्रा ने तो कॉलेज से अपना नाम तक कटवा लिया। बातचीत में कई छात्राओं ने आपबीती सुनाई। पढ़िए यह रिपोर्ट… शिकायत के बाद खुली हकीकत
कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया- घटनाक्रम की शुरुआत 28 जनवरी को हुई। एक फर्स्ट ईयर की छात्रा ने लिखित में कॉलेज प्रशासन से प्रिंसिपल की शिकायत की थी। वह कॉलेज के हॉस्टल में रहती थी। प्रिंसिपल ने उसे सॉफ्ट टारगेट बनाकर अपने जाल में फंसाने की कोशिश की थी। छात्रा ने शिकायत में बताया था- प्रिंसिपल परेशान करता है। जबरदस्ती बुलाता है और गलत तरीके से टच करता है। उसका शोषण भी कर चुका है। यही वो लड़की थी, जो सबसे पहले उस प्रिंसिपल के झांसे में आ गई थी। प्रिंसिपल उस लड़की को घुमाने अलग-अलग जगह ले जाता था। कई बार तो पीड़ित छात्रा को इम्प्रेस करने के लिए सुबह 5 बजे जयपुर के बड़े-बड़े मंदिरों में ले जाता था। एक दिन जब प्रिंसिपल ने उससे कहा कि अपने साथ और लड़कियों को भी जोड़ो, उन्हें भी मेरे पास लेकर आओ, तो उसे एहसास हुआ कि वह किसी खतरनाक जाल में फंस रही है। काले और नीले कपड़े पहनकर प्रिंसिपल के सामने मत जाना
एक छात्रा ने बताया- प्रिंसिपल की करतूत के कारण पीड़ित इतना सहम गई थी कि कॉलेज छोड़कर चली गई। जाते-जाते उसने अपनी सहेलियों को बताया था कि प्रिंसिपल से बचकर रहना। वह अच्छा आदमी नहीं है। उसके सामने काले और नीले रंग के कपड़े पहन के मत जाना। इन रंगों में लड़कियों को देखकर उसे कुछ हो जाता है। वह खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। उसके पास अकेले मत जाना। यह सुरक्षित नहीं है। छात्रा ने कहा- यह सब सुनने के बाद तो इतना डर लगने लगा कि हम सच में ही कॉलेज में काले और नीले रंग के कपड़े पहनना छोड़ दिया। इसी बातचीत के दौरान एक अन्य छात्रा ने डरते-डरते ये भी बताया कि प्रिंसिपल हमें वॉट्सऐप पर अश्लील मैसेज करता था, लेकिन हमने इग्नोर किया। ‘तुम्हारा फिगर अच्छा है, तुम बोल्ड लगती हो’
प्रतापनगर थाने में दर्ज शिकायत में लड़कियों ने आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल उन्हें गलत तरीके से टच करता था। आपत्तिजनक फोटो खींचता था और फिर उन्हें दिखाकर अश्लील बातें करता था। छात्राओं का आरोप है की प्रिंसिपल उनसे कहता था कि तुम मॉडर्न कपड़े पहना करो। इन कपड़ों में बड़ी बोल्ड लगती हो। तुम्हारा फिगर अच्छा है…तुम फैशन कॉन्टेस्ट में क्यों नहीं भाग लेती। एक छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर जाकर भी अश्लील कमेंट करता था। कॉलेज टाइम में लड़कियों को अकेले केबिन में बुलाता था। एक छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल क्लास में आकर लड़कियों से कहता था कि मुझे पता है कि कौन सी लड़की मुझे इंप्रेस कर सकती है। छात्राओं का आरोप- ब्रेनवॉश करता था प्रिंसिपल
कॉलेज की छात्राओं ने प्रिंसिपल पर न सिर्फ छेड़छाड़ और ब्लैकमेल करने के आरोप लगाए हैं, बल्कि यह भी कहा है कि वह उनका ब्रेनवॉश भी कर रहा था। कॉलेज की एक छात्रा ने बताया- प्रिंसिपल ने क्लास शुरू कर रखी थी। उसका नाम ‘आनंदम’ रखा था। क्लास के नाम पर वहां पढ़ाया नहीं जाता था। वहां सिर्फ हिंदू धर्म गुरुओं के वीडियो दिखाए जाते थे, ताकि हम प्रिंसिपल से प्रभावित हो जाएं और उसे मानने लगें। प्रिंसिपल क्लास अटेंड करने के दौरान लड़कियों को विश्वास दिलाता था कि वह हमेशा उनके साथ है। हर हाल में उनका समर्थन करेगा। वह कहता था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं तुम्हारा पूरा सपोर्ट करूंगा। लेकिन असल में वह हमें धीरे-धीरे अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा था। छात्राओं के सोशल मीडिया खंगालता, फिर आकर्षित करता
एक छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल पहले उनका प्रोफाइल निकालता था, उनके परिवार और बैकग्राउंड की जानकारी लेता था और फिर उन्हें धीरे-धीरे अपनी ओर खींचता था। जो लड़कियां उससे डर जाती थीं, उन्हें वह और ज्यादा फंसाने की कोशिश करता था। सुबह 4-5 बजे बड़े बड़े मंदिरों में ले जाता था। यह सब सिर्फ बहाना था। असल में वह चाहता था कि हम उससे जुड़ें और ज्यादा लड़कियां उसके साथ आएं। वह हमें धीरे-धीरे अपने कंट्रोल में लेना चाहता था। ‘मैं 20 वकील और 2 जज का रिश्तेदार हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता’
एक अन्य पीड़ित छात्रा ने बताया कि जब उन्होंने प्रिंसिपल के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश की, तो उसने धमकी दी। प्रिंसिपल कहता था कि मेरे घर में 20 वकील और 2 जज हैं। चाहे कोई कितनी भी शिकायत कर ले, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यह सुनकर लड़कियां डर जाती थीं। जब कमेटी के बुलाने पर एक छात्रा अपना बयान देने कॉलेज आई तो प्रिंसिपल ने उसके घर तक उसका पीछा किया। इसकी भी शिकायत दी गई थी, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। जांच कमेटी में दोषी निकला प्रिंसिपल
प्रिंसिपल की पहली बार शिकायत के बाद धीरे-धीरे यह मामला बाहर आया। छात्राओं के बीच चर्चा होने लगी। फिर कई छात्राओं और स्टाफ ने मिलकर 3 फरवरी को तकनीकी शिक्षा सचिव से शिकायत की। इसके बाद सचिव ने एक कमेटी गठित की, जिसने मामले की गहराई से जांच की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में प्रिंसिपल को दोषी पाया, जिसके बाद विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया। दूसरी कमेटी बनाई, कई छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप
इसके बाद 17 फरवरी को एक दूसरी कमेटी कॉलेज आई। कॉलेज की छात्राओं का आरोप है कि ये कमेटी प्रिंसिपल के बचाव के लिए बनाई गई थी। एक पीड़ित छात्रा ने गुस्से में बताया कि जब हम कमेटी को बता रहे थे कि वो हमें गलत तरीके से छूता था तो कमेटी के एक सदस्य हंसने लगे और बोले अगर ऐसे मैं भी तुम्हें छू लूंगा तो तुम मेरी शिकायत कर दोगी क्या? इसके बाद छात्रा ने उसको जवाब दिया कि हम गुड टच और बैड टच में अंतर समझते हैं सर…। छात्रा आगे बताती है कि कमेटी को हमने जब बताया कि प्रिंसिपल ने हमारे कॉलेज की एक लड़की के साथ देह शोषण किया है, तो कमेटी ने हमें ये कहकर चुप करा दिया कि वो लड़की प्रिंसिपल के साथ अपनी मर्जी से जाती थी। तुम अपना बताओ तुम्हारे साथ हुआ है क्या कुछ ऐसा…। गुड़गांव और नोएडा के रैकेट से जुड़े होने का शक
पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि प्रिंसिपल किसी बड़े रैकेट से जुड़ा हुआ है। छात्राओं ने इसकी शिकायत दूसरी बार गठित की गई कमेटी में भी दी थी। एक छात्रा ने बताया, हमने कमेटी से कहा कि हमें शक है कि वह गुड़गांव और नोएडा के किसी रैकेट में शामिल है और यहां से लड़कियां सप्लाई करता है। लेकिन कमेटी के सदस्यों ने इस आरोप को गंभीरता से नहीं लिया और कहा- पहले सबूत दो। जांच के लिए ठोस तथ्य जरूरी, दोषी है तो बख्शा नहीं जाएगा- तकनीकी शिक्षा विभाग
तकनीकी शिक्षा सचिव अंशु कुमार सहगल ने बताया कि पहली बार शिकायत मिलने पर एक समिति का गठन किया गया था। प्रारंभिक जांच के बाद प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया था। इसके बाद, विशाखा दिशा-निर्देशों के अनुसार एक नई समिति बनाई गई, जो अब विस्तृत जांच कर रही है। इस समिति में दो महिलाएं और दो पुरुष सदस्य शामिल हैं। जो भी दोषी होगा, उसे किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन जांच के लिए ठोस तथ्य आवश्यक हैं। बिना तथ्यों के निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इस व्यक्ति को पहले भी हटाया गया था, लेकिन उसने अदालत से स्थगन आदेश (स्टे) लेकर फिर से अपनी नियुक्ति करवा ली थी। फिलहाल, मामले की गहन जांच जारी है। मामले की जांच कर रहे प्रतापनगर थानाधिकारी मनोज बेरवाल ने बताया- शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। पीड़ितों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। आरोपी प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसे कोर्ट से जमानत मिल गई है। अब अन्य तथ्यों की गहनता से जांच की जा रही है। महिला कॉलेज की यह खबर भी पढ़िए… महिला कॉलेज के प्रिंसिपल पर संगीन आरोप; कैम्पस में नारेबाजी की
प्रताप नगर में प्रिंसिपल पर पद का दुरुपयोग करके छात्राओं का देहशोषण करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा हुआ। इससे पहले 3 फरवरी काे छात्राओं व स्टाफ ने सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रिसिंपल द्वारा की गई अभद्रता काे लेकर शिकायत की थी। पूरी खबर पढ़ें…

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