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राजस्थान में अब प्रॉपर्टी खरीद में काले धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजस्थान सरकार ने ऐसे लेनदेन के खिलाफ एक्शन को लेकर आदेश भी जारी कर दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अब किसी भी व्यक्ति, संस्था, अदालत या रजिस्ट्री विभाग द्वारा 2 लाख रुपए से ज्यादा का नकद लेनदेन करने पर इसकी जानकारी तुरंत आयकर विभाग को देनी होगी। नए नियमों को तोड़ने पर न सिर्फ संबंधित व्यक्ति बल्कि जिम्मेदार अधिकारी पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजस्थान सरकार द्वारा जारी किया लेटर नकद लेनदेन को लेकर कोर्ट के आदेश की 3 मुख्य बातें राजस्थान सरकार ने जारी किया सर्कुलर, जानें क्या हैं नए नियम राजस्थान सरकार ने 29 मई को एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी कर प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में होने वाली कर चोरी और काले धन के इस्तेमाल पर लगाम लगाने की पहल की है। सरकार का यह फैसला प्रॉपर्टी मार्केट में पारदर्शिता लाने का बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री में काले धन का इस्तेमाल और नकद लेनदेन पर रोक लगेगी। नए नियमों से न सिर्फ सरकार को राजस्व की सही वसूली में मदद मिलेगी, बल्कि आम लोगों को भी प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में होने वाली धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए जरूरी नियम राजस्थान स्टाम्प अधिनियम, 1998 के तहत प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। अब लोगों की सुविधा के लिए स्टाम्प ड्यूटी के भुगतान के कई विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। पारंपरिक स्टाम्प के अलावा ई-स्टाम्प, डिमांड ड्राफ्ट और ई-जीआरएएस के माध्यम से भी स्टाम्प ड्यूटी जमा की जा सकती है।सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना वैध स्टाम्प शुल्क के किसी भी दस्तावेज का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। यह कदम प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में पारदर्शिता लाने और राजस्व की सही वसूली सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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