चित्तौड़गढ़ जिले के कई गांवों के अफीम किसानों ने नारकोटिक्स विभाग, नीमच के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। गांव रूद, नारायणपुरा, खारखन्दा, पावली, बारू और भीमगढ़ से ही बड़ी संख्या में किसान बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों का आरोप है कि नारकोटिक्स विभाग ने रूद गांव में एक निर्दोष किसान को झूठे एनडीपीएस केस में फंसा दिया। इस प्रदर्शन में कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर भी किसानों के साथ मौजूद रहे। उन्होंने किसानों की पूरी बात सुनी और उनको समर्थन देने की बात कही। विधायक ने बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह फर्जी और गलत थी। अफीम छुपाने के बहाने किया गिरफ्तार, 45 लाख रुपए की डिमांड की 18 जून की सुबह रूद गांव के किसान रतनलाल सुखवाल रोज की तरह अपने खेत पर गए थे। वहां उनके मवेशी बंधे रहते हैं और वह दूध निकालने जाते हैं। जैसे ही रतनलाल खेत पर पहुंचे, वहां पहले से मौजूद नारकोटिक्स विभाग की टीम ने उन्हें घेर लिया और पूछा – “अफीम कहां छुपा रखी है?” रतनलाल यह सुनकर चौंक गए। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई अफीम नहीं है। लेकिन अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी और खेत में खुदाई शुरू कर दी। खेत के ट्यूबवेल के पास मिट्टी के ढेर से एक स्टील की केतली निकाली गई। अधिकारियों ने कहा कि इसमें अफीम है और उसी के आधार पर रतनलाल को पकड़ लिया गया। थोड़ी देर बाद रतनलाल का बेटा किशन भी खेत पर आ गया। उसने अधिकारियों से अपने पिता को पकड़ने की वजह पूछी, तो अधिकारियों ने किशन को भी डांटकर धमकाया और कहा कि “तेरे नाम पर भी पट्टा है।” इसके बाद किशन को भी पकड़ लिया गया। पिता-पुत्र दोनों अधिकारियों से बार-बार हाथ जोड़कर कहते रहे कि उनका इस अफीम से कोई संबंध नहीं है। वे निर्दोष हैं। लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं मानी और उल्टा किशन से कहा कि अगर पिता को छुड़ाना है तो 45 लाख रुपए की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए किशन को दो दिन का समय दिया गया और रतनलाल को अपने साथ ले गए। किसानों का आरोप – पैसे वसूलने की कोशिश गांव के किसानों ने आरोप लगाया कि यह पूरी कार्रवाई केवल पैसे वसूलने के लिए की गई। उन्होंने कहा कि रतनलाल एक ईमानदार किसान हैं और पिछले कई वर्षों से अफीम की वैध खेती कर रहे हैं। उन्हें बिना किसी सबूत के झूठे केस में फंसाना बहुत ही शर्मनाक है। विधायक जीनगर बोले – गलत कार्रवाई नहीं होने देंगे कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर खुद मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह गलत है और एक निर्दोष किसान को फंसाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में लगातार अधिकारियों और सांसद से बात कर रहे हैं। सांसद सीपी जोशी ने दिया भरोसा, भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई बुधवार शाम करीब 5.30 बजे सांसद सीपी जोशी भी किसानों से मिलने पहुंचे। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि जो अधिकारी भ्रष्ट हैं और गरीब किसानों को फंसा रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पहले भी उन्होंने इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करवाई है और अब भी करवाएंगे। सांसद ने यह भी बताया कि अफीम किसानों की परेशानियों को कम करने के लिए कई नए कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले समय में अफीम के पट्टे ऑनलाइन दिए जाएंगे। इसके लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका है। साथ ही आगे आने वाले समय में अफीम की तौल का काम भी जल्द ही सेटेलाइट से किया जाएगा, जिससे गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि अफीम किसानों की लाइसेंस प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और बिचौलियों और मुखियों की भूमिका खत्म की जाएगी। गांवों में हैं मुखबिर – सांसद ने दी चेतावनी सांसद जोशी ने किसानों को यह भी चेतावनी दी कि कुछ लोग गांवों में मुखबिरी कर रहे हैं और अधिकारियों को गलत जानकारी देकर निर्दोष लोगों को फंसा रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो लोग सालों से मुखिया बनकर बैठे हैं और किसानों का शोषण कर रहे हैं, उन्हें हटाना जरूरी है। सबका इलाज होगा। किसानों को मिला भरोसा, धरना शाम को हुआ खत्म सांसद के आश्वासन के बाद किसानों का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ और उन्होंने धरना समाप्त किया। किसानों ने कहा कि वे चाहते हैं कि निर्दोष लोगों को फंसाने वाले अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों। सांसद ने यह भी भरोसा दिया कि रतनलाल के परिवार को जल्द राहत दिलाई जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।