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फर्जी ट्रेडिंग और गेमिंग ऐप से साइबर ठगी:खेल में जीत का झांसा देकर फंसा रहे है लोगों को, फर्जी लिंक भी कर रहे शेयर

प्रदेश में साइबर ठगी को लेकर नए-नए तरीके निकाले जा रहे है। हाल ही में ठगों ने फर्जी शेयर ट्रेडिंग और गेमिंग ऐप के जरिए लोगों को फंसा रहे है। इधर,ऐसे मामले सामने आने के बाद साइबर क्राइम ब्रांच ने इसकी एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि कैसे ठग गेमिंग ऐप में जीत का झांसा देकर लोगों को फंसा रहे है। सोशल मीडिया से शुरू होता है ठगी का खेल
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया ग्रुप्स के जरिए लोगों को इन फर्जी ऐप्स या वेबसाइट्स पर गेम खेलने या निवेश करने के लिए उकसाते हैं। शुरुआत में गेमिंग ऐप्स पर नए व्यक्तियों को जीत दिलाई जाती है और उन्हें पैसे भी मिलते हैं। इससे पीड़ितों का भरोसा बढ़ता है।
कुछ दिनों बाद पीड़ितों को इन्हीं गेमिंग ऐप्स के जरिए लगातार हार का सामना करना पड़ता है और वे अपनी सारी कमाई साइबर अपराधियों के हाथों गंवा देते हैं। वहीं फर्जी वेबसाइट्स विदेशी मुद्रा व्यापार और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर भी लोगों को फंसा रही है। साइबर ठग शुरुआत में पीड़ितों से छोटी राशि का निवेश करवाते हैं और उन्हें कुछ समय के लिए अच्छा रिटर्न दिखाते हैं। पीड़ित यह जांचने के लिए पैसे निकालते भी हैं कि निकासी हो रही है या नहीं। एक या दो बार सफल निकासी के बाद पीड़ितों को पूरा भरोसा हो जाता है कि ऐप/वेबसाइट वैध है। इसी भरोसे का फायदा उठाकर वे अगली बार बड़ी रकम का निवेश कर देते हैं।
टैक्स और चार्ज के नाम पर फंसा पैसा
बड़ी रकम निवेश करने के बाद पीड़ितों का पैसा अटक जाता है। जब वे पैसे निकालने की कोशिश करते हैं, तो उनसे विदेशी सरकार के टैक्स या अन्य शुल्कों के नाम पर और पैसे मांगे जाते हैं। फंसे हुए पैसे को निकालने के लालच में पीड़ित और पैसे देते रहते हैं और इस तरह वे साइबर ठगी का शिकार बन जाते हैं। साइबर क्राइम ब्रांच की सलाह – अनरजिस्टर्ड ऐप और वेबसाइट से बचे। किसी भी ऐसे ऐप या वेबसाइट पर गेमिंग या ट्रेडिंग न करें जो रजिस्टर्ड न हो। – ज्यादा रिटर्न के झांसे में न आएं। ज्यादा रिटर्न का वादा करने वाले ऐप या वेबसाइट में निवेश करने से बचें। – ऑनलाइन गेमिंग से दूरी और ऐसे गेम को खेलने से बचें। – यदि किसी तरह की धोखाधड़ी का शिकार होते है तो साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर या अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन में सूचना दें।

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