राजस्थान में फर्जी भर्ती निकालकर 14 युवाओं से सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी कर ली गई। जयपुर की मुरलीपुरा पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने वाला ये ठग फर्जी IAS बनकर पीड़ित युवकों के इंटरव्यू लेता था। गैंग में 6 लोग शामिल हैं। सभी को अलग-अलग काम सौंपा गया था। इनमें से 2 आरोपी फर्जी IAS बनकर पीड़ितों से मिलते थे। महंगे होटलों में इंटरव्यू के लिए बुलाते थे। गैंग का ही एक सदस्य डॉक्टर बनकर उनका मेडिकल भी करता था। अक्षय कुमार की फिल्म ‘स्पेशल-26’ की तर्ज पर पूरी ठगी को अंजाम दिया गया। आरोपियों ने फर्जी कॉल लेटर, इंटरव्यू से लेकर पूरी प्रक्रिया को इस तरह अंजाम दिया कि पीड़ितों को भनक तक नहीं लगी। दैनिक भास्कर ने पुलिस, पीड़ितों के परिजनों से पूरे मामले को समझने की कोशिश की। सबसे पहले ठगी की कहानी गैंग के खिलाफ सबसे पहला केस 2 जुलाई, 2023 को सेना से रिटायर्ड मानसिंह ने मुरलीपुरा थाने में दर्ज कराया था। इस मामले में गैंग के 2 ठग तो पहले पकड़े जा चुके थे। तीसरे मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी 20 मार्च को हुई है। पूछताछ में सामने आया कि गिरोह की नजर ऐसे लोगों पर रहती थी, जो अपने बच्चों की सरकारी नौकरी पैसे देकर लगवाना चाहते थे। शिकायत कर्ता मानसिंह का छोटा भाई सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। उसका संपर्क बगरू के पूर्व पार्षद अनिल कुमार मीणा से हुआ। अनिल कुमार ने मानसिंह को बताया कि उसके परिचित अभिषेक शर्मा की बड़े अधिकारियों और मंत्रियों से सेटिंग है। अभी 58 पोस्ट निकली हुई हैं, ये सारी भर्ती उसी के अंडर में होनी है। झांसे में आए मानसिंह सहित उनके कई रिश्तेदार भी अपने बेरोजगार बेटों को सरकारी नौकरी लगाने को तैयार हो गए। ऐसे दिया धोखा : 6 महीने में नौकरी का झांसा शिकायतकर्ता मानसिंह ने बताया कि पूर्व पार्षद अनिल ने अभिषेक शर्मा से मुलाकात करवाई। बताया कि वह विधानसभा में तैनात IAS आर के अग्रवाल (दीपक जैन) का पीए है। विधानसभा एलडीसी, राजस्थान हाईकोर्ट ग्रुप डी, रेलवे, बीडीओ, पटवारी आदि में इनका ग्रुप ही सीधी भर्ती कराता है। अभी 58 पदों पर सीधी भर्ती भी इन्हीं के अंडर में है। मानसिंह के मुताबिक ठग अभिषेक ने दावा किया कि वह पहले भी कई लोगों को नौकरी लगवा चुका है। भरोसा दिलाने के लिए उसने अधिकारियों के साथ फोटो और भर्ती हो चुके युवाओं के फर्जी फोटो दिखाए। उसने 6 लाख रुपए में डील करते हुए 6 महीने में सरकारी नौकरी जॉइन कराने का झांसा दिया। धोखा देने के लिए सरकारी दफ्तरों के पास मुलाकात वकील अनिल कुमार टेलर ने बताया कि विश्वास दिलाने के लिए आरोपी अक्सर सचिवालय, विधानसभा व सेंट्रल पार्क के आस-पास ही मिलते थे। फर्जी आईएएस आर के अग्रवाल से पीड़ितों की पहली मुलाकात भी सचिवालय के बाहर ही कराई थी। आरके अग्रवाल हू-ब-हू आईएएस अफसर की तरह चमचमाती गाड़ी में आता। खुद कम बात करता। ज्यादातर कार में बैठे-बैठे ही निर्देश देता था। गैंग के अन्य साथी उसके सरकारी पीए और कर्मचारी बनकर साथ हो जाते। नौकरी के बदले पैसों की डील भी पहले फर्जी कर्मचारी करते। फिर फर्जी आईएएस के सहमति देने पर डील पक्की होती थी। ठग कंपनी में 6 से ज्यादा लोग, 2 आईएएस बने, एक फर्जी डॉक्टर गिरोह में 6 से ज्यादा लोग शामिल हैं। हर व्यक्ति की अलग-अलग भूमिका तय थी। पीड़ितों के सामने गिरोह के साथी कभी भी एक दूसरे को असली नाम से नहीं बुलाते थे। आरोपी सारा पैसा कैश लेते थे। पीड़ितों से वॉट्सऐप कॉल से ही बात करते थे। आरोपियों ने मानसिंह को विश्वास दिलाया कि 58 युवकों की नौकरी आईएएस आर के अग्रवाल के हाथ में है। ऐसे में मानसिंह के परिजन व रिश्तेदारों 14 युवकों ने भी आरोपियों को करीब 70 लाख रुपए एडवांस दे दिए। होटल में इंटरव्यू और मेडिकल कराए, जॉइनिंग लेटर तक दिखाए पीड़ितों को विश्वास दिलाने के लिए आरोपियों ने ‘स्पेशल-26’ मूवी की तर्ज पर जयपुर की दो होटल में इंटरव्यू रखे थे। फर्जी आईएएस आर के अग्रवाल व संजय मीणा उर्फ बंटी ने इंटरव्यू लिए। इसी दौरान संजय मीणा के सुपरविजन में युवकों की मेडिकल जांच भी करवाई गई। शक न हो इसलिए एक सप्ताह में इंटरव्यू के 2 राउंड लिए। गैंग के मेंबर राजेंद्र कुमार (रामलाल मीणा) ने खुद को डॉक्टर बताते हुए युवकों की लंबाई, वजन और आंखों की जांच की। फर्जी डॉक्टर ने ब्लड टेस्ट के नाम पर युवकों का खून भी निकाला। ठग गिरोह ने पीड़ित युवकों को बताया कि तुम्हारा फाइनल सिलेक्शन हो गया है। लेपटॉप पर विधानसभा की साइट पर इनके ऑफर लेटर दिखाए। फिर 11 अप्रैल को जॉइनिंग दिलाने का वादा किया। विधानसभा पहुंचे तो ठगी का खुलासा हुआ, फोन स्विच ऑफ किए ठगों के वादे के अनुसार 11 अप्रैल 2022 को मानसिंह अपने भाई के साथ विधानसभा के गेट नंबर-4 पर पहुंचा, ताकि जॉइनिंग दिलाई जा सके। लेकिन मौजूद अधिकारियों से पूछा तो पैरों तले जमीन खिसक गई। वहां मौजूद अधिकारियों ने बताया कि ऐसी कोई भर्ती कभी निकाली ही नहीं गई। धोखाधड़ी का पता चलने पर मानसिंह ने ठगों से संपर्क किया। आरोपियों ने अपने फोन स्विच ऑफ कर लिए। इस पर मानसिंह ने इस्तगासे के जरिए आरोपियों के खिलाफ 2 जुलाई 2023 को केस दर्ज कराया। भर्ती जांच के दायरे में होने का फर्जी लेटर जारी किया, फर्जी जांच कमेटी तक बनाई इधर ठगों के जब केस का पता चला तो दूसरा दांव खेला। आरोपियों ने पीड़ितों के मोबाइल पर 8 फरवरी 2022 को निकाले गए राजस्थान विधानसभा सचिवालय के एक आदेश की एक फर्जी कॉपी भेजी। लिपिक ग्रेड की नियुक्ति में अनियमितताओं का हवाला देते हुए आदेश में तीन सदस्य समिति का गठन करने की बात कही गई। ये पत्र राजस्थान विधानसभा सचिवालय के सचिव महावीर प्रसाद शर्मा के नाम पर फर्जी बनाया गया। ठगों ने इस कमेटी के सदस्यों में आईएएस आर के अग्रवाल, अशोक जैन व सुनीता मीना को सदस्य दिखाया, ताकि कुछ दिन तक मामला शांत रहे। पुलिस ने जब राजस्थान विधानसभा सचिवालय से रिकॉर्ड की जानकारी मांगी तो विधानसभा सचिवालय ने इस तरह के किसी आदेश के जारी होने से इनकार किया। सचिवालय की ओर से पुलिस को बताया गया कि इस तरह की कोई विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है। एग्रीमेंट कर पैसा लौटाने का दिया झांसा मानसिंह ने अपने स्तर पर आरोपियों की पड़ताल की। 20 अप्रैल 2022 को उनके घर तक पहुंच गया। आरोपी अभिषेक उर्फ सुनीत शर्मा व उसकी पत्नी निशा ने माफी मांगी व एग्रीमेंट कर रुपए लौटाने का भरोसा दिया। इसके बाद 5 जून 2022 को अन्य आरोपी भी माफी मांगते हुए रुपए लौटाने काे तैयार हो गए। लेकिन तारीख नजदीक आते ही मुकर गए। फर्जी आईएएस निकला आगरा का ट्रांसपोर्ट व्यवसायी मुरलीपुरा इंचार्ज वीरेंद्र कुरील ने बताया कि 2 जुलाई 2023 को केस दर्ज होने के बाद अब तक इस गिरोह के 3 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। आरोपी सुनीत शर्मा और कमल किशोर अभी जेल में हैं। 3 मुख्य आरोपी सहित अन्य फरार चल रहे हैं। फर्जी आईएएस आरके अग्रवाल को 20 मार्च को उत्तरप्रदेश के आगरा से पकड़ा है। इसका असली नाम दीपक जैन (55) है और आगरा में ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। आरोपी जब भी राजस्थान आया पीड़ितों व अन्य युवकाें को अफसर बनकर मिलता था। अभी पुलिस रिमांड पर है। …. राजस्थान में सरकारी नौकरी में फर्जीवाड़े से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… पेनड्राइव ने खोला PTI भर्ती का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा:1200 को बैकडेट में बांटी डिग्री, गिरफ्तारी से पहले एसओजी ऑफिस में घूम रहा था दलाल राजस्थान में हुई PTI भर्ती परीक्षा-2022 में पेपर लीक व फर्जी दस्तावेज मामले में एसओजी ने फिरोजाबाद (UP) के शिकोहाबाद में चल रहे जेएस यूनिवर्सिटी को घेर लिया है। एसओजी के हाथ एक पेनड्राइव लगी है। पूरी खबर पढ़िए…