चित्तौड़गढ़ शहर में रविवार को फिट चित्तौड़ क्लब द्वारा राणा सांगा पार्क में स्वच्छता अभियान चलाया गया। यह अभियान क्लब के संरक्षक और सांसद सी.पी. जोशी की प्रेरणा से शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य महापुरुषों की प्रतिमाओं की साफ-सफाई और आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ बनाना है। फिट चित्तौड़ क्लब के संयोजक लोकेश त्रिपाठी ने कहा कि रविवार सुबह क्लब के सभी सदस्य राणा सांगा पार्क में एकत्र हुए और स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। सभी ने मिलकर पार्क में फैले कचरे, प्लास्टिक की बोतलों, कांच के टुकड़ों और प्लास्टिक की थैलियों को एकत्रित कर कूड़ेदान में डाला। इसके अलावा पार्क में लगी राणा सांगा की ऐतिहासिक प्रतिमा को भी पानी से धोकर साफ किया गया और प्रतिमा के आसपास का क्षेत्र भी पूरी तरह साफ किया गया। उन्होंने बताया कि क्लब केवल सफाई करने तक ही सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि उसका उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना भी है। साथ ही, क्लब यह भी चाहता है कि लोग ऐतिहासिक धरोहरों की देखभाल को अपनी जिम्मेदारी समझें। स्वच्छता अभियान के दौरान पार्क में आने-जाने वाले कई नागरिकों ने क्लब के कोशिशों की सराहना की और भविष्य में ऐसे अभियानों में सहयोग देने की इच्छा जताई। फिट चित्तौड़ क्लब के संयोजक लोकेश त्रिपाठी ने कहा कि स्वच्छता को केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं मानना चाहिए, यह हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। हमें अपने शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने की आदत डालनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि क्लब द्वारा ऐसे स्वच्छता अभियान आगे भी जारी रहेंगे, ताकि चित्तौड़गढ़ की ऐतिहासिक धरोहरें स्वच्छ और संरक्षित रह सकें। इस अभियान में क्लब के कई सदस्य सक्रिय रूप से शामिल रहे। उपस्थित सदस्यों में लोकेश त्रिपाठी, परमजीत सिंह, प्रहलाद टेलर, धीरज सुखवाल, शिव प्रकाश मंत्री, विजय मलकानी, अनिल पटवारी, प्रशांत शर्मा, अभिषेक जोशी, राहुल कुमावत, महेंद्र जोशी, संजय सुहालका, दशरथ, इन्द्रा सुखवाल, अल्का चतुर्वेदी, रूस्तम खान, राजू नायक, देवीलाल सालवी, रतनलाल भोई, भेरूलाल भोई और ओमप्रकाश आमेरिया सहित कई लोग शामिल रहे। स्थानीय नागरिकों ने इस स्वच्छता प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे अभियान समाज में स्वच्छता की भावना को बढ़ावा देते हैं और लोग सार्वजनिक स्थलों की सफाई के प्रति ज्यादा जागरूक होते हैं। फिट चित्तौड़ क्लब का यह प्रयास न केवल शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक संदेश भी देता है कि हर व्यक्ति अगर थोड़ा योगदान दे, तो पूरे समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है।

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