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फेसबुक पोस्ट : ‘O Positive किडनी चाहिए।’ पहला कमेंट : ‘हो जाएगा, 35 लाख, लगेंगे’ दूसरा कमेंट : ‘30 लाख, इंटरेस्टेड हैं तो इनबॉक्स में अपने मोबाइल नंबर मैसेज कीजिए।’ तीसरा कमेंट : ‘9672******नंबर पर कॉल कीजिए। सिर्फ वॉट्सऐप कॉल करना!’ फेसबुक पर कुछ इसी तरह किडनी खरीदने और बेचने का अवैध रैकेट चल रहा है। एक दर्जन से ज्यादा फेसबुक ग्रुप हैं किडनी खरीदने-बेचने के लिए। इन ग्रुप पर सिर्फ एक मैसेज डालने की जरूरत है। भास्कर रिपोर्टर ने फेक आईडी से पेशेंट बनकर किडनी डोनर ग्रुप पर मैसेज डाला तो कई दलाल एक्टिव हो गए। बिना NOC 38 से 45 लाख में किडनी ट्रांसप्लांट का दावा किया। भारत ही नहीं, दुनियाभर में नेटवर्क होने का दावा करते हुए ईरान, नाइजीरिया और साइबेरिया जैसे देशों में भी ट्रांसप्लांट का ऑप्शन दिया। इन्हीं सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए कई डोनर भी भास्कर रिपोर्टर से जुड़े, जो महज 4 से 5 लाख रुपए में किडनी बेचने को तैयार थे। भास्कर रिपोर्टर ने एक महीने तक कई दलालों और डोनर से हिडन कैमरा पर बात कर इस अवैध रैकेट को इंवेस्टिगेट किया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 750 रुपए में बनवाई नकली रिपोर्ट
सोशल मीडिया पर किडनी की खरीद-फरोख्त का रैकेट चलाने वालों तक पहुंचने के लिए सबसे पहले एक रिपोर्ट की जरूरत थी, जिसके जरिए साबित किया जा सके कि वाकई किडनी खराब है और ट्रांसप्लांट की जरूरत है। इसके लिए भास्कर रिपोर्टर ने शहर में स्थित निजी सेंटर पर संपर्क किया। वहां लैब असिस्टेंट के जरिए किडनी की बीमारी साबित करने के लिए KFT, CBC की फर्जी रिपोर्ट तैयार करवाई। पढ़िए पूरी बातचीत… (लैब असिस्टेंट ने रिपोर्ट तैयार करने के एवज में 750 रुपए लिए। इसके बाद कुछ ही देर में बिना ब्लड सैंपल लिए KFT, CBC की रिपोर्ट बनाकर रिपोर्टर के मोबाइल पर भेज दी गई।) फर्जी ID से सोशल मीडिया पर साधा संपर्क
किडनी खराब होने की नकली रिपोर्ट तैयार कराने के बाद भास्कर रिपोर्टर ने सोशल मीडिया के किडनी दलालों से संपर्क साधने के लिए रोहित सिंह नाम से फर्जी जीमेल अकाउंट और फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया। इसके बाद फेसबुक पर किडनी डोनेशन से जुड़े 9 ग्रुप (किडनी डिजीज फेल्योर सपोर्ट ग्रुप, वर्ल्ड किडनी ट्रांसप्लांट एंड डायलिसिस ग्रुप, किडनी ट्रांसप्लांट एंड डायलिसिस ग्रुप, किडनी डोनर (जेनुइन वर्क), किडनी डोनर्स ग्रुप कर्नाटक, किडनी डोनर नीडेड, इंडियन किडनी ट्रांसप्लांट पेशेंट ग्रुप, अर्जेंट किडनी डोनर नीडेड, ऑल इंडिया किडनी डोनर्स) को जॉइन किया। इन ग्रुप पर 15 हजार से ज्यादा एक्टिव मेंबर्स हैं। बोगस ग्राहक बनकर इन 9 ग्रुप पर A पॉजिटिव, AB पॉजिटिव और ‌B पॉजिटिव किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता बताते हुए पोस्ट किए गए। ग्रुप पर मैसेज करते ही दलाल और डोनर की चेन सक्रिय हो गई। इनबॉक्स में बात करने के मैसेज आने लगे। दलालों ने कमेंट बॉक्स में मोबाइल नंबर भी पोस्ट कर दिए। दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद के दलालों ने संपर्क किया। एक नंबर (63988-96857) था देहरादून के दलाल अर्पित सांगवान का। पढ़िए दलाल अर्पित सांगवान से हुई पूरी बातचीत… (अर्पित ने उसके तुरंत बाद भैया के नाम से नंबर भेजा। ट्रू कॉलर पर चेक करने पर यह नंबर (97481-07786) सना ट्रैवल्स का बता रहा था।) दलाल ने होटल में मिलने बुलाया
दलाल अर्पित ने अपने बॉस यानी दूसरे दलाल का नाम नहीं बताया। भास्कर रिपोर्टर ने अर्पित के दिए मोबाइल नंबर पर मरीज बनकर उससे बात की, मिलने के लिए कहा। दलाल ने भास्कर रिपोर्टर को चौमूं पैलेस होटल में बुलाया। वहां पहुंचकर फोन किया तो पता चला कि दलाल रूम नंबर 110 में रुका हुआ है। एक व्यक्ति भास्कर रिपोर्टर के पास आया और पूछा किससे मिलना है। बताने के बाद वह व्यक्ति दलाल के रूम में ले गया। वहां 2-3 दूसरे युवक भी थे। दलाल ने अपना नाम वसीम अकरम बताया। पढ़िए दलाल वसीम अकरम से हुई पूरी बातचीत… (वसीम ने दावा किया कि जयपुर के कई लोग अवैध किडनी ट्रांसप्लांट के लिए कोलकाता जाते हैं। वहां हर प्रदेश के लोगों को NOC दी जा रही है। उसने बताया कि भरतपुर के युवकों ने भी ऑपरेशन करवाया है।) दिल्ली के दलाल ने दिए 40 और 45 लाख के दो ऑप्शन
सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ही दिल्ली के एक दलाल अजय शर्मा ने भी भास्कर रिपोर्टर से संपर्क साधा। उसने अपने मोबाइल नंबर (88825-85945) भी दिए। भास्कर रिपोर्टर ने उसे किडनी फेल्योर की फर्जी रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट मिलने के बाद अजय शर्मा ने ग्रेटर नोएडा के हॉस्पिटल व उदयपुर और भोपाल में किडनी ट्रांसप्लांट कराने का दावा किया। बैक डोर यानी बिना किसी दस्तावेज के ऑपरेशन करवाने के लिए 45 लाख रुपए बताए। वहीं ग्रेटर नोएडा में NOC के जरिए 40 लाख रुपए में ऑपरेशन करवाने का आश्वासन दिया। उसने कहा कि डोनर का इंतजाम करने की जिम्मेदारी उसकी होगी। वह जयपुर के निजी होटल माय जयपुर में रुका था। भास्कर रिपोर्टर ने वहीं उससे मुलाकात की। पढ़िए पूरी बातचीत… हैदराबाद के दलाल ने बताया 35-40 लाख का खर्च
सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हैदराबाद के एक व्यक्ति ने विनोथ नाम की प्रोफाइल से भास्कर रिपोर्टर को कॉन्टैक्ट किया। उसने एफबी में मोबाइल नंबर इनबॉक्स करने के लिए कहा। नंबर भेजने के बाद विनोथ नाम के इस दलाल का 93425-76622 नंबर से मैसेज आया। दलाल ने मैसेज किया- किसी भी दलाल के जरिए ट्रांसप्लांट करवाने पर 50 लाख से 80 लाख रुपए खर्च करने पड़ेंगे। डोनर के नाम पर दलाल भी एक्स्ट्रा रुपए वसूलेंगे। हॉस्पिटल में मात्र 35-40 लाख रुपए का खर्च आएगा। अगर आप डॉक्टर को सीधे अप्रोच करते हैं तो आप 20-40 लाख रुपए बच जाएंगे। इसके बाद उसने प्रिया नाम की युवती का मोबाइल नंबर (93472-00920) दिया। प्रिया नाम की इस युवती से संपर्क करने पर उसने बंजारा हिल्स के एक हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट का दावा किया। युवती ने आश्वासन दिया कि क्वालिफाइड सर्जन किडनी ट्रांसप्लांट करेंगे। NOC के बारे में पूछने पर बताया गया कि NOC का अरेंजमेंट पेशेंट के भर्ती होने पर स्टाफ की ओर से करवा दिया जाएगा। डॉक्टर्स का NOC से कोई लेना देना नहीं है। वह हम लोग अरेंज करवा देंगे। कल पढ़िए पार्ट 2 उन डोनर्स की कहानी, जो 4.5 से 7 लाख में किडनी बेचने को तैयार : किसी को चुकाना है कर्ज, किसी को कराना है बेटे का इलाज

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