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फोटो इन्वेस्टिगेशन:सरकार की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए- अन्न या शराब? गोदामों में भरी शराब, मंडियों में अनाज खराब

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अक्सर सूखे की चपेट में रहने वाले राजस्थान पर पिछले साल मानसून की मेहर हुई। किसानों को अच्छी फसल मिली। अभी प्रदेश की मंडियों में खुले में अनाज के ढेर लग रहे हैं। सुरक्षित रखने को डोम दूर, तिरपाल तक नहीं। कृषि जिंस को सुरक्षित रखने को राजस्थान राज्य भंडारण निगम के गोदाम हैं, लेकिन इनमें शराब भरी है। निगम ने गोदामों को राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन लि. और गंगानगर शुगर मिल को 10 साल के लिए दे दिया। 16 जिलों के अनाज गोदाम अभी शराब भंडारण के काम आ रहे हैं। व्यापारी, किसान संघ अनाज सुरक्षित रखने को जगह मांग रहे हैं। गोदामों में शराब का विरोध कर रहे हैं। भास्कर रिपोर्टर इन गोदामों पर मजदूर-शराब एजेंट बनकर पहुंचे। जो देखा अफसरों को बताया, जवाब मिला- अनाज रखने के लिए जरूरत पड़ी तो हम निजी गोदाम किराए पर ले लेंगे। ‘इत्यादि’ की छूट से हुई गोदाम में शराब की एंट्री
भंडार गृहों में अनाज-दलहन-तिलहन, खाद-बीज, कपास के अलावा सीमेंट, कागज, कॉपर रखते हैं। गोदामों के बाहर इसके सूचना बोर्ड भी लगे हैं। इन पर अंत में लिखा है- इत्यादि…। शराब रखने की अनुमति इसी इत्यादि में जारी की गई है। गोदाम के साथ ऑफिस बिल्डिंग भी शराब भंडारक को दे दी गई है। मंडियों की मांगें अनसुनी हैं…
“बालोतरा मंडी में वेयरहाउस पर पहला हक किसानों का है। इसे आबकारी विभाग को दे दिया। हमने मुख्यमंत्री को पत्र लिख इनकी कार्यशैली पर विरोध जताया है।”
-हंसराज, भारतीय किसान संघ, बालोतरा “गोदाम में पहले अनाज के लिए जगह आरक्षित हो। अनाज रखने की दरें बाहर से कम करके मौका दें। पहले तो बढ़ी हुई दरें 6 माह पहले से लागू करने की बात कही, दूसरा माल के इंश्योरेंस को लेकर भी स्थिति साफ नहीं कर रहे। इनकी दरें भी ज्यादा हैं।” -दीनदयाल अग्रवाल, स.माधोपुर कृषि मंडी “पाली, अजमेर, भीलवाड़ा, ब्यावर व नागौर का अनाज आता है। सरकारी माल आता है तो हमारा हटवा देते हैं। दो साल से जगह नहीं दे रहे।” -महावीर छल्लानी, प्रेसिडेंट, कृषि मंडी ब्यावर भंडारण निगम को मुनाफा चाहिए…
“हमारे गोदाम भरे रहने चाहिए। आबकारी को कुछ पॉर्सन दिए हैं । आवश्यकता अनुसार हम किराए पर गोदाम ले सकते हैं।” -मदनलाल, उप निदेशक, राजस्थान स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन “आबकारी को शराब रखने का फैसला किस स्तर पर हुआ, नहीं पता। निगम का हित ही देखा गया होगा। लेकिन एक साथ 10 साल के बजाए अधिकतम 3 से 5 साल तक हो सकता था।”
-गोपाल दास, संयुक्त निदेशक, राजस्थान स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन “प्रदेश में हर साल 2 लाख टन अनाज बारिश से मंडियों में खराब हो जाता है। इस बार आवक 15-20% ज्यादा भी है।” -बाबूलाल गुप्ता, अध्यक्ष, रा. खाद्य पदार्थ व्यापार संघ

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