दुनिया में टर्बन टॉरनेडो के मशहूर सरदार फौजा सिंह (114) अब इस दुनिया में नहीं रहे। सोमवार को हुए सड़क हादसे में इस सबसे उम्रदराज एथलीट की मौत हो गई। पंजाब के जालंधर जिले के कस्बा आदमपुर में फौजा सिंह का पैतृक गांव ब्यास पिंड है, जहां मंगलवार को खामोशी पसरी हुई थी। जिनकी हंसी, जिनकी दौड़, जिनकी जिद पर दुनिया फख्र करती थी, उन फौजा सिंह गांव की गलियों में लोग तो अब भी यकीन नहीं कर पा रहे कि जो शख्स कल तक चहकते हुए सैर पर निकल जाते थे, वे अब कभी वापस नहीं आएंगे। दैनिक भास्कर एप की टीम फौजा सिंह के पैतृक गांव ब्यास पिंड पहुंची तो हर कोई फौजा सिंह के बारे में चर्चा करता नजर आया। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि फौजा सिंह कहते थे कि दौड़ना कभी नहीं छोड़ूंगा, और सच में वो आखिरी दम तक नहीं रुके। सोमवार (14) जुलाई को दोपहर बाद करीब 3 बजे वह दौड़ने ही निकले थे कि एक फॉर्च्यूनर गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। फौजा के बेटे हरविंदर सिंह ने बताया कि उनके पिता की इच्छा थी कि अंतिम संस्कार पैतृक गांव ब्यास पिंड में ही किया जाए। पिता की इच्छा के अनुसार, अंतिम संस्कार गांव में ही किया जाएगा। परिवार के लोग विदेश से आ रहे है, जिनके यहां पहुंचने में 3 दिन का समय लगेगा। इसे बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। दैनिक भास्कर एप की टीम ने उस घटनास्थल को भी देखा, जहां फौजा सिंह के साथ हादसा हुआ था। कैसे हुआ हादसा, लोगों ने क्या बताया, फौजा सिंह के बारे में क्या कहते है ग्रामीण? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… फौजा सिंह के साथ हादसे की कहानी, चश्मदीद की जुबानी… तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर, 8 फुट तक हवा में उछले
दैनिक भास्कर की टीम फौजा सिंह के निधन के बाद मंगलवार को उनके गांव पहुंची। सबसे पहले गांव के मोड़ पर हाईवे पर फौजा सिंह के खून के निशान बने हुए मिले। टक्कर मारने वाली कार के कुछ पुर्जे भी मौके पर पड़े थे। ब्यास पिंड के रहने वाले गुरप्रीत सिंह ने दैनिक भास्कर से बताया कि हादसे के वक्त वह क्राइम सीन से कुछ ही दूरी पर थे। वे अपनी गाड़ी में जालंधर सिटी की ओर जा रहे थे। इस दौरान एक एसयूवी (फॉर्च्यूनर) ने फौजा सिंह को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि फौजा सिंह मेरे सामने करीब 8 फुट तक हवा में उछले। कार चालक रुका नहीं, 7 किमी दूर अस्पताल लेकर पहुंचा
गुरप्रीत ने आगे कहा- जिस गाड़ी से टक्कर हुई वह सफेद रंग की थी। घटना के बाद गाड़ी सवार मौके पर नहीं रुका और फरार हो गया। इसके बाद गुरप्रीत सिंह बाबा फौजा सिंह के पास पहुंचा और उन्हें साइड पर किया। साथ ही उन्होंने उनके बेटे हरविंदर सिंह को जानकारी दी। आसपास के लोगों की मदद से गुरप्रीत ने फौजा सिंह को अपनी कार में लिटाया और तुरंत घटना स्थल से 7 किलोमीटर की दूर पर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। फौजा सिंह के सिर पर सबसे बड़ा घाव था। साथ ही उनकी पसलियों और टांगों पर भी गंभीर चोटें आईं थी। लीज पर ले रखा था ढाबा, रोजाना सैर करने जाते थे
घटनास्थल पर ही गांव के एक बुजुर्ग व्यक्ति महिंदर सिंह सड़क पर फौजा सिंह के बिखरे हुए खून को देख रहे थे। बताया कि उन्हें हादसे के दस मिनट बाद सूचना मिल गई थी कि बाबा फौजा सिंह का एक्सीडेंट हुआ है। बताया कि फौजा सिंह अक्सर अपने ढाबे तक सैर करने के लिए चले जाते थे। यह ढाबा उन्होंने लीज पर ले रखा था। जब फौजा सिंह को क्राइम सीन से अस्पताल लेकर जाया गया था, तब तक वह बातचीत कर रहे थे। मगर बाद में उनकी मौत हो गई थी। घटनास्थल पर पड़े खून को देख बुजुर्ग हुए भावुक
फौजा सिंह के बारे में और जानकारी लेने के लिए सवाल किया तो महिंदर सिंह भावुक हो गए। कहा- फौजा सिंह गांव की शान थे। उनकी मौत से हमारे गांवों को कभी न पूरा होने वाला नुकसान हुआ है। उन्होंने हमें हमेशा प्यार से बच्चों की तरह समझाया। पूरे गांव में शोक की लहर है, क्योंकि गांव में फौजा सिंह की सभी बहुत इज्जत करते थे। उन्होंने बताया कि- फौजा सिंह कहते थे कि दौड़ना कभी नहीं छोड़ूंगा, और सच में वो आखिरी दम तक नहीं रुके। कमरे की दीवारों पर लगे थे मेडल और प्राइज
जब दैनिक भास्कर की टीम फौजा सिंह के घर पहुंची तो पूरे घर में सन्नाटा छाया हुआ था। पारिवारिक सदस्य शोक में थे। एक कमरे में फौजा सिंह द्वारा जीते गए मेडल और प्राइज पड़े हुए थे। कुछ मेडल दीवारों पर भी टांग रखे थे। ये मेडल फौजा सिंह की मेहनत और अच्छाई की मिसाल दे रहे थे। अब पढ़े फौजा सिंह के गांव के बुजुर्ग क्या बोले…. सुरिंदर सिंह बोले- गांव में बस फौजा सिंह की ही चर्चा
महिंदर सिंह के बाद दैनिक भास्कर से ब्यास पिंड के रहने वाले बुजुर्ग और फौजा सिंह के अच्छे जानकारी सुरिंदर सिंह ने बातचीत की। सुरिंदर सिंह ने कहा- हादसे का तो मुझे पता नहीं कब हुआ, मगर फौजा सिंह की मौत से हमारे गांव में शोक की लहर है। सुरिंदर सिंह ने आगे कहा- पूरे गांव में लोग चर्चा कर रहे हैं कि बाबा फौजा सिंह नहीं रहे। गांव में बस अब यहीं चर्चा है। बीते दिनों पंजाब के राज्यपाल भी बीते दिन गांव में फौजा सिंह से मिलने के लिए आए थे। बेटे हरविंदर सिंह ने बताईं पिता से जुड़ी 4 अहम बातें… —————————- फौजा सिंह से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पंजाब के 114 वर्षीय एथलीट फौजा सिंह की मौत:जालंधर में घर के बाहर सैर करते समय गाड़ी ने टक्कर मारी; अस्पताल में दम तोड़ा दुनिया भर में अपने अद्भुत मैराथन रिकॉर्ड्स के लिए मशहूर एथलीट फौजा सिंह का सोमवार को पंजाब के जालंधर में निधन हो गया। 114 साल के फौजा सिंह को जालंधर में उनके घर के बाहर एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। वह सैर के लिए निकले थे। (पूरी खबर पढ़ें)
