मनरेगा के तहत गांवों में निर्माण कार्य करवाने वाली एजेंसियों को करीब 5 माह से सामग्री का भुगतान नहीं हुआ है। दूसरी तरफ कारीगरों, मेट व पानी का भी भुगतान बकाया है। हालात यह है कि प्रदेश में बाड़मेर व बालोतरा जिले में सर्वाधिक बकाया है। बाड़मेर प्रदेश में टॉप पर होने के कारण बाड़मेर में वर्ष 2023-24 व 2024-25 में 368 करोड़ 29 लाख सामग्री मद के अलावा कारीगरों व मेट-पानी का 27 करोड़ 20 लाख बकाया भुगतान अटका है। प्रदेश के 33 जिलों में पांच महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भुगतान नहीं होने से एजेंसियां परेशान है और निर्माण सामग्री आपूर्ति करने से हाथ खड़े कर रही हैं। सरपंच निर्माण कार्यों के लिए एजेंसियों पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन बड़ी राशि बकाया होने के चलते एजेंसियां नए कार्य करने से पीछे हट रही है। वर्तमान में पंचायती राज सरपंच के चुनाव नहीं होने के चलते राज्य सरकार ने सरपंचों का कार्यकाल बढ़ा दिया, लेकिन दूसरी तरफ महा नरेगा सामग्री मद का भुगतान नहीं होने के चलते सरपंचों के पास पर्याप्त भुगतान नहीं होने के कारण निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। पिछले 5 माह से सामग्री मद का भुगतान व कारीगरों व मेट-पानी का भी भुगतान नहीं होने के चलते वे भी इंतजार कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों को कार्यकाल बढ़ने से अन्य कार्य करवाने को लेकर उम्मीद जगी थी, लेकिन भुगतान नहीं होने के चलते कार्य प्रभावित हो रहे हैं। पंचायत समिति वार सामग्री मद की बकाया राशि गुड़ामालानी – 1028.79 लाख
पाटोदी – 937.84 लाख
सिणधरी – 1749.65 लाख
फागलिया- 1847.35 लाख
बालोतरा – 616.75 लाख
आडेल – 819.81 लाख
पायला कला – 692.07 लाख
कल्याणपुर – 1024.76 लाख
शिव – 929.59 लाख
सिवाना – 108.95 लाख
समदड़ी – 136.89 लाख चौहटन – 3764.17 लाख
धोरीमन्ना – 1997.41 लाख
बाड़मेर ग्रामीण – 2970.67 लाख
बायतु – 3157.67 लाख
बाड़मेर – 2516.38 लाख
गिडा- 2705.99 लाख
रामसर – 1775.36 लाख
सेडवा – 2777.81 लाख
धनाऊ – 1944.96 लाख
गड़रारोड- 3326.50 लाख “मनरेगा निर्माण सामग्री का एजेंसियों को भुगतान नहीं होने से परेशानी हो रही है। सभी सरपंच भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। 5 महीने पहले थोड़ा कुछ भुगतान आया था, शेष भुगतान बकाया चल रहा है।” – भैराराम गोदारा, सरपंच संघ अध्यक्ष, पंचायत समिति पायला कला। “पिछले कई माह से भुगतान नहीं होने के कारण एजेंसियां निर्माण कार्य में सामग्री डालने में मना कर रही है। सरकार शीघ्र भुगतान करें ताकि क्षेत्र में विकास हो सके।” – कमला नेहरा, सरपंच, नेहरों की ढाणी।
