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राजसमंद के कुंवारिया कस्बे के पास वणाई गांव में शिक्षा सप्ताह के तहत आज खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रभारी गणेश कुमावत के अनुसार आज शिक्षा सप्ताह के तीसरा दिन खेल दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर स्कूल परिसर के खेल ग्राउंड में परंपरागत खेल खो-खो, शतरंज, गिल्ली-डंडा, सांप सीढ़ी का आयोजन किया गया। बच्चों को खेल और फिटनेस के महत्त्व को समझाते हुए खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य स्वदेशी खेलों को महत्त्व देना है। भारत की खेल संस्कृति हजारों साल पुरानी है। भारत में 75 स्वदेशी लोकप्रिय खेल है। जिनसे राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा होती। स्कूल के प्रधानाचार्य बृजेंद्र कुमार सोलंकी ने बताया कि भारत ने शतरंज, सांप-सीढ़ी, ताश, रेसिंग, पोलो, खो-खो, लट्टू, लागोरी, गिल्ली-डंडा, कंचे सहित कई खेल दुनिया को उपहार के रूप में दिए। राज्यों में संस्कृति और परम्परा के अनुसार कई खेल खेले जा रहें हैं। चित्रा बडगुर्जर ने बताया की इन स्वदेशी खेलों के आयोजन का उद्देश्य यह भी है कि छात्रों को स्थानीय संस्कृति से परिचय कराना। जहां तक संभव हो स्वदेशी खेलों का आयोजन आउट डोर प्रतियोगिताओं के रूप में हो तथा उत्सवी माहौल में हो। कार्यक्रमों में स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों व खेल जगत से जुड़े लोगों को भी शामिल करना चाहिए। इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य बृजेंद्र कुमार सोलंकी, उप प्रधानाचार्य प्रहलाद राय सोनी, गणेश कुमावत, गिरीश कुमार पालीवाल, मुकेश कुमार रेगर, मुकेश जाट, राकेश कुमार, उदय लाल पालीवाल, चेतन गुप्ता, जवाहर चौधरी, कल्पना सजवान, चित्रा बडगुर्जर, मंजु श्रोत्रिय, उषा राव, ममता गगोरिया, शंभू सिंह राठौड़, धर्मेश सियाल, मनीष पालीवाल उपस्थित थे।

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