प्रदेश के जयपुर, जोधपुर और उदयपुर समेत रोडवेज के 135 बस स्टैंड की स्थिति सुधारने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार इसके लिए भामाशाहों और दानदाताओं का सहयोग लेगी। इनमें यात्रियों को रेलवे स्टेशन जैसी सुविधाएं देगी। इनमें एसी वेटिंग हॉल से लेकर फूड कोर्ट भी शामिल हैं। सरकार की ओर से ‘मेरी बस मेरी जिम्मेदारी’ योजना की शुरुआत की गई थी। इसी थीम पर सरकार ने अब ‘मेरा बस स्टैंड मेरी जिम्मेदारी’ नाम से योजना लागू की है। इस योजना के तहत इन बस स्टैंड को सुधारने के लिए सरकार इनकी जिम्मेदारी दानदाताओं और भामाशाहों को देगी। इसके लिए प्रदेश के 135 बस स्टैंड को तीन कैटेगरी A, B और C में बांटा गया है। सी कैटेगरी में दो सेक्शन ऑपरेशनल (संचालित) और नॉन ऑपरेशनल (जो बंद हैं या किसी वजह से बंद कर दिए) हैं। इसके हिसाब से इनमें यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बांटा गया है। तीन कैटेगरी में ये बस स्टैंड शामिल… C कैटेगरी में दो तरह के बस स्टैंड सभी डिपो को भेजी लिस्ट, सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा
रोडवेज की चेयरपर्सन शुभ्रा सिंह ने बताया- सभी डिपो को उनके अधीन बस स्टैंड की सूची भेज दी गई है। अब बस स्टैंड प्रभारी, सह प्रभारी और डिपो के स्टाफ को इनकी नियमित निगरानी, सफाई और सुधार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हर डिपो से इसकी जानकारी मुख्यालय को भेजनी होगी। CSR और जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेकर काम कराए जाएंगे
निगम ने निर्देश दिए हैं कि इन सुधार कार्यों को भामाशाह, दानदाताओं, औद्योगिक संस्थानों की CSR स्कीम, सांसद और विधायक कोष या जिला प्रशासन की योजनाओं के माध्यम से पूरा किया जाए। यदि इन सोर्स से भी फंड नहीं मिलते हैं तो संबंधित डिपो को 30 जून 2025 तक अनुमानित लागत का प्रस्ताव मुख्यालय भेजना होगा। सितंबर तक सभी सुविधाएं पूरी करवाने का टारगेट
योजना के तहत तय की गई सुविधाएं 7 सितंबर 2025 तक बस अड्डों पर लागू करनी हैं। इसके बाद 15 सितंबर 2025 तक सभी जोनल मैनेजर अपने-अपने जोन के बस स्टैंड्स का मूल्यांकन करेंगे। मूल्यांकन 32 बिंदुओं पर होगा, जिनमें रंग-रोगन, सफाई, कुर्सियां, पानी, शौचालय, सीसीटीवी कैमरे, ट्रैक टाइल्स, डस्टबिन, पार्किंग, गेट्स जैसी सुविधाएं शामिल हैं। अच्छा काम करने वालों को मिलेगा सर्टिफिकेट और सम्मान
मुख्य प्रबंधकों और बस स्टैंड प्रभारी अधिकारियों को राज्य और जोन स्तर पर सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। जो दानदाता इस योजना में सहयोग करेंगे, उन्हें भी रोडवेज स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। रोडवेज का मानना है कि इस योजना से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। लोग रोडवेज बसों की तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे।