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नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) आज एडटेक स्टार्टअप बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने की याचिका पर सुनवाई करेगा। मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और BCCI के बीच स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है। BCCI ने 158 करोड़ रुपए की बकाया राशि वसूलने के लिए बायजूस की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पिछले साल याचिका दायर की थी। 16 जुलाई को NCLT ने स्वीकार की थी याचिका
मामले में 16 जुलाई 2024 को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बायजूस पर दिवालिया कार्रवाई शुरू करने की याचिका स्वीकार की थी। इसके खिलाफ कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने NCLAT में याचिका दायर की थी। BCCI ने कहा- वह कंपनी के फाउंडर से बातचीत कर रही
इस मामले में कल (30 जुलाई) दोनों पक्ष के वकील NCLAT में पेश हुए। BCCI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने NCLAT को बताया कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के साथ अपने विवाद को निपटाने के लिए वह कंपनी के फाउंडर से बातचीत कर रही है। बायजूस ने BCCI को नहीं दिए कॉन्टैक्ट के ₹158.9 करोड़
पिछले साल जनवरी में बायजूस ने BCCI को 143 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भुनाने की अनुमति दी थी। वर्तमान में बायजूस पर बकाया राशि 158.9 करोड़ रुपए है। BCCI की ओर से 8 सितंबर 2023 को दायर किया गया मामला 28 नवंबर को सुनवाई के लिए आया था। NCLT ने कहा- ई-मेल ट्रेल से बायजूस का डिफॉल्ट जाहिर
NCLT की बेंगलुरु बेंच ने याचिका मंजूर करते हुए कहा कि BCCI और बायजूस के बीच ई-मेल ट्रेल से यह साफ है कि थिंक एंड लर्न ने डिफॉल्ट किया है। बेंच ने पंकज श्रीवास्तव को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया है। उन्हें नियुक्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर क्रेडिटर्स की एक कमेटी बनानी होगी। पहली बार 21 अगस्त 2022 को डिफॉल्ट किया था
आदेश में दी गई जानकारी के अनुसार, थिंक एंड लर्न ने इंडियन क्रिकेट टीम के कई इंटरनेशनल टूर और सीरीज के बाद BCCI की ओर से भेजे किए गए कुल 12 इनवॉइस (बिल) पर डिफॉल्ट किया। BCCI ने बताया कि बायजूस ने पहली बार 21 अगस्त 2022 को डिफॉल्ट किया था। कंपनी का कंट्रोल मौजूदा मैनेजमेंट से क्रेडिटर्स को मिलेगा
इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के मुताबिक, कंपनी का कंट्रोल अब मौजूदा मैनेजमेंट से क्रेडिटर्स (जिनका पैसा बकाया है) को मिलेगा। वहीं, कंपनी के कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में रहने के दौरान बायजूस के कोई भी एसेट ट्रांसफर नहीं हो सकेंगे। इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस का 4,115 करोड़ रुपए का निवेश डूबा
बीते दिनों इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस ने बायजूस में अपने निवेश को राइटऑफ कर लिया था। यानी निवेशक ने मान लिया था कि बायजूस में उसका करीब 4,115 करोड़ रुपए का निवेश डूब गया। एडटेक कंपनी में उसकी 9.6% हिस्सेदारी थी। इन्वेस्टर ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी थी। ये खबर भी पढ़ें… बायजूस में प्रोसस की हिस्सेदारी जीरो हुई: इन्वेस्टमेंट फर्म ने माना ₹4,115 करोड़ का निवेश डूब गया, कहा- कंपनी के भविष्य पर संशय इन्वेस्टमेंट फर्म प्रोसस ने वित्तीय संकट से जूझ रही एडटेक कंपनी बायजूस में अपने निवेश को राइटऑफ कर लिया है। यानी निवेशक ने मान लिया है कि बायजूस में उसका 493 मिलियन डॉलर (करीब 4,115 करोड़ रुपए) का निवेश डूब गया। एडटेक कंपनी में उसकी 9.6% हिस्सेदारी थी। इन्वेस्टर ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। प्रोसस के प्रवक्ता ने बताया कि उसके पास बायजूस की वित्तीय स्थिति, देनदारियों और भविष्य के दृष्टिकोण के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। इससे पहले 21 मई को फाइनेंशियल फर्म HSBC ने बायजूस के भविष्य पर गंभीर डाउट की बात बताकर उसकी वैल्यूएशन जीरो कर दी थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें… दिवालिया कार्रवाई आगे बढ़ी तो बंद हो जाएगी बायजूस: CEO बायजू रवीन्द्रन ने कोर्ट फाइलिंग में यह बात कही, बोले- कारोबार पूरी तरह से ठप हो जाएगा एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू होती है, तो इसके चलते कंपनी के हजारों कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। साथ ही कंपनी की सर्विसेज भी पूरी तरह से बंद हो जाएंगी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बायजूस के फाउंडर और CEO बायजू रवीन्द्रन ने कोर्ट फाइलिंग में यह बातें कही हैं। 3 दिन पहले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए BCCI की याचिका स्वीकार कर ली थी। अब इस मामले में NCLT ने कार्रवाई शुरू कर दी है। बायजूस की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं और इसके बोर्ड को निलंबित कर दिया गया है। ये मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और BCCI के बीच स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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