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बारां में डेयरी प्लांट का इंतजार:3 साल से नहीं मिली जमीन; दूध को भेजना पड़ रहा भीलवाड़ा-झालावाड़

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बारां जिले में डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना अभी तक जमीन के इंतजार में है। वर्ष 2022 में 50 करोड़ रुपए की लागत से इस प्लांट की घोषणा की गई थी। तीन साल बीतने के बाद भी भूमि आवंटन नहीं हो पाया है। कृषि प्रधान बारां जिले में पशुपालन का व्यापक स्तर पर काम होता है। यहां सहकारी समितियों के जरिए बीएमसी से दूध एकत्रित किया जाता है। डेयरी संघ के गठन के बाद दूध की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार आया। प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने से दूध को झालावाड़ और भीलवाड़ा डेयरी संघों तक पहुंचाना पड़ता है। इससे परिवहन पर अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा है। संघ संबलपुर में चीलिंग प्लांट चला रहा है। यहां केवल दूध को ठंडा रखने की व्यवस्था है। प्रोसेसिंग की सुविधा न होने से न तो पैकेजिंग हो पा रही है और न ही अन्य दुग्ध उत्पाद बन पा रहे हैं। डेयरी प्लांट के लिए जमीन चिह्नित कर प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया था। प्रबंध निदेशक प्रमोद चारण के अनुसार स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन जमीन का आवंटन अभी बाकी है। कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने बताया कि स्वीकृति के बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा। प्लांट बनने से बारां में ही दुग्ध उत्पाद तैयार होंगे। इससे स्थानीय विपणन को बढ़ावा मिलेगा। बटावदा में पशु आहार प्लांट की योजना भी जमीन आवंटन का इंतजार कर रही है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से भी यह काम प्रभावित हो रहा है।

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