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बारां में पर्यटन की अपार संभावनाएं, पर सुविधाएं नदारद:34 साल में भी नहीं पनपा पर्यटन, शेरगढ़-शाहाबाद में सफारी का इंतजार

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बारां जिले में पर्यटन को लेकर बड़ी संभावनाएं होने के बावजूद व्यवसायिक रूप से इसका विकास नहीं हो पाया है। जिला बनने के 34 साल बाद भी यहां पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। रामगढ़, शेरगढ़, शाहाबाद, सोरसन, नाहरगढ़, विलासगढ़ और सीताबाड़ी जैसे पर्यटन स्थलों के विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति निराशाजनक है। विश्व भू विरासत रामगढ़ क्रेटर में जुरासिक काल के अवशेष और खजुराहो शैली के 10वीं शताब्दी के मंदिर हैं। यहां पर्यटक सुविधाओं के लिए 10 करोड़ के प्रस्ताव भेजे गए हैं। शेरगढ़ में परवन नदी किनारे स्थित किले और अभयारण्य में बोटिंग और सफारी की योजना वर्षों से लटकी हुई है। शाहाबाद में किला संरक्षण और कंजर्वेशन रिजर्व पर करोड़ों खर्च होने के बाद भी लेपर्ड सफारी की घोषणा महज कागजों तक सीमित है। एएसआई संरक्षित विलासगढ़ में प्राचीन मंदिर और म्यूजियम है, लेकिन यहां पर्यटकों के लिए आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं। काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध सोरसन कंजर्वेशन रिजर्व में बनी पर्यटक हट्स भी अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं। जिला पर्यटन विकास समिति की साल में तीन-चार बार होने वाली बैठकों में विकास योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन वे धरातल पर नहीं उतर पाती हैं। नए साल और अन्य प्रमुख अवसरों पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं का अभाव पर्यटन विकास में बाधक बना हुआ है।

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