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डूंगरपुर जिले में बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्प दंश की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। घर, आंगन और खेतों में कामकाज के दौरान लोगों को सांप ने डस लिया। सांप के डसने से बेहोश मरीजों को अस्पताल ले जाने के बजाय 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग पहले भोपे के पास गए। भोपा से झाड़ फूंक करवाया। मरीज को अस्पताल लाने में देरी पर एक महिला की जान भी चली गई। वहीं कई मरीज गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज कर जान बचाई। बारिश के साथ ही बिलों में पानी भर जाने से जहरीले जानवर खुले में घूम रहे हैं। ऐसे में कई बार जहरीले जानवर को खतरा लगने पर वे अटैक कर देते हैं और लोग उनके शिकार हो रहे हैं। पिछले 20 दिन से स्नेक बाइट की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही 15 से ज्यादा केस आए हैं। जिसमें से एक महिला को 12 घंटे बाद अस्पताल लेकर पहुंचे तो महिला की मौत हो गई। परिजन अस्पताल में डॉक्टर से इलाज करवाने की बजाए पहले भोपे से झाड़ फूंक करवाने ले गए। जिस वजह से सबला थाना क्षेत्र के बकराइया फला में कजोड़ी बरोड़ मीणा की मौत हो गई। डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फिजीशियन डॉक्टर कांतिलाल मेघवाल और डॉ. राकेश मीणा ने बताया कि कजोड़ी की तरह ही सर्प दंश से अस्पताल में आने वाले 50 पर्सेंट से ज्यादा मरीज पहले भोपे के पास जाते हैं। जब भोपा की झाड़ फूंक से मरीज को आराम नहीं मिलता है तब वे अस्पताल आते हैं। ऐसे में कई बार मरीज देरी से अस्पताल आता है और देरी की वजह से मौत का शिकार हो जाता है। सर्पदंश की घटनाएं
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के फिजीशियन डॉ. कांतिलाल मेघवाल ने बताया कि 21 जुलाई को सर्प दंश से बकराइया निवासी कजोड़ी मीणा की मौत हो चुकी है। वहीं 4 जुलाई को डूंगरपुर के राजकुमार (35), खेरवाड़ा के रौनक (35), 6 जुलाई को रोहनवाड़ा निवासी नर्मदा (62), 8 जुलाई को झरियाना निवासी वरजू (50), 10 जुलाई को सीमलवाड़ा के पंकज (27), 13 जुलाई को करौली निवासी जयेश (25), 14 जुलाई को नवडेरा निवासी राजकुमार (32) को सांप ने डस लिया था। फर्श पर सोए युवक को ब्लैक करेत ने डसा
फिजीशियन डॉ. कांतिलाल मेघवाल और राकेश मीणा ने बताया कि 13 जुलाई को करौली निवासी जयेश (25) पुत्र कचरुलाल पटेल को गर्दन पर सांप ने डस लिया। परिजन उसे गंभीर और बेहोश हालत में डूंगरपुर अस्पताल लेकर आए थे। युवक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जहर फैलने से पूरा शरीर पैरालाइसिस की चपेट में आ गया था। उसके साथ ही डॉ. आजेश डामोर, डॉ. अजीत मीणा और डॉ. संदेश जैन ने मरीज को अटेंड किया। आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। 8 दिन तक इलाज के बाद अब मरीज ठीक है। वहीं नर्सिंग ऑफिसर भीमचंद, गौरव जैन, वीरेंद्र यादव, लक्ष्मी डोडा, लता रोत सहित स्टाफ ने मरीज को हर आधे और 1 घंटे में इंजेक्शन का डोज दिया। डॉ. ने बताया कि मरीज के परिजनों से केस हिस्ट्री पूछी तो बताया कि जयेश के पिता की 12 जुलाई को मौत हो गई थी। पिता की मौत पर फर्श पर सोने की रस्म के चलते वह नीचे सोया था। उसी समय उसे गर्दन में सांप ने डस लिया। परिवार के लोग सांप का फोटो लेकर आए थे। जिसे लोगों ने मार दिया था। फोटो देखकर डॉक्टर ने कहा कि यह ब्लैक करेत सांप है, जो सांप प्रजाति में सबसे जहरीला है। समय पर अस्पताल लेकर आने से जयेश की जान को डॉक्टरों ने बचा लिया। 2 से 3 घंटे का समय गोल्डन पीरियड, बचाई जा सकती है जान
डॉक्टर ने बताया कि सांप के डसने पर हमारे यहां मान्यता है कि देवता सांप है। ऐसे में लोग इलाज से पहले भोपे के पास जाकर झाड़ फूंक में अपना समय बिता देते हैं। कई बार सांप जहरीला नहीं होने पर मरीज ठीक हो जाता है। ऐसे में लोगों में भ्रम हो जाता है कि वह झाड़ फूंक से ठीक हुआ, लेकिन सांप जहरीला होने पर 2 से 3 घंटे का समय मरीज के लिए गोल्डन पीरियड होता है। उस समय में मरीज को समय पर अस्पताल लेकर आने से उसकी जान बचाई जा सकती है। जिले में पाए जाते हैं ये जहरीले सांप
डूंगरपुर सहित वागड़ क्षेत्र में कई तरह के जहरीले सांप की प्रजाति भी पाई जाती है। एक हजार से ज्यादा सांप और 400 से ज्यादा अजगर का रेस्क्यू करने वाले स्नैक केचर ललित श्रीमाल ने बताया कि डूंगरपुर में सबसे जहरीले कॉमन कैरेट, कोबरा, रसल वाइपर जैसे सांप यहां देखने को मिलते हैं। कई बार लोग उन सांप के शिकार हो जाते हैं। इन सांप का जहर बहुत तेज होता है। सांप के डसने के बाद ये शरीर में तेजी से फैलता है। समय पर अस्पताल नहीं जाने पर कई बार मरीज की मौत हो जाती है।

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