बीकानेर में राजस्थान का पहला गर्ल्स सैनिक स्कूल शुरू होने जा रहा है। बीकानेर मूल के कोलकाता बेस्ड बिजनेसमैन पूनमचंद राठी ने स्कूल के लिए 108 करोड़ की प्रॉपर्टी दान की है। स्कूल का पहला सत्र साल 2026 में शुरू होने की संभावना है। इसके लिए देशभर से एग्जाम के जरिए बेटियों का सिलेक्शन किया जाएगा। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से करीब 150 किलोमीटर दूर जयमलसर गांव में ये स्कूल होगा। इसमें एडमिशन अगले साल से शुरू होंगे। शुक्रवार को एक विशेष समारोह में स्कूल के लिए दान की गई जमीन और बिल्डिंग के डॉक्यूमेंट्स सौंपने का औपचारिक कार्यक्रम होगा। इसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौजूद रहेंगे। सबसे पहले जानिए- कौन है प्रॉपर्टी दान करने वाला राठी परिवार रामनारायण राठी परिवार बीकानेर के जयमलसर से ही संबंध रखता है। कोलकाता में परिवार की गिनती बड़े बिजनेस घरानों में होती है। फैमिली का टेक्सटाइल और कंस्ट्रक्शन का बिजनेस है। बिजनेस के साथ फैमिली सामाजिक कार्यों में भी एक्टिव है। विशेषकर बीकानेर जिले में फैमिली की ट्रस्ट ने हॉस्पिटल वार्ड, धर्मशाला, स्कूल की बिल्डिंग सहित कई निर्माण कार्य करवाए हैं। ट्रस्ट के संचालक पूनमचंद राठी ने बताया कि उन्होंने अपने माता-पिता की याद में ये बिल्डिंग और जमीन सरकार को दान में दी है। एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होगा सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (AISSEE) पास करना होगा। जो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आयोजित करती है। कक्षा 6 और 9 में प्रवेश के लिए ये परीक्षा होती है। परीक्षा में सफल होने के बाद स्टूडेंट का मेडिकल टेस्ट और काउंसलिंग भी होगी। ये एंट्रेंस एग्जाम एनटीए हर साल करवाता है, जिसे शिक्षा विभाग मैनेज करेगा। इस स्कूल में हर क्लास में 80 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। राजस्थान में ऐसे 9 स्कूल खोले जाएंगे राजस्थान में ऐसे 9 सैनिक स्कूल खोलने की योजना है। इसकी घोषणा राज्य सरकार ने 2024-25 और 2025-26 में की थी। एक स्कूल श्रीगंगानगर में बनाया जाएगा। जो कि नॉर्मल सैनिक स्कूल होगा। सभी 9 सैन्य स्कूलों में साइंस के सभी विषयों को पढ़ाने की व्यवस्था होगी। ये स्कूल पूरी तरह हॉस्टल सुविधा वाले होंगे। इनके एग्जाम राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड आयोजित कराएगा। आधुनिक सुविधाओं वाला होगा स्कूल इस स्कूल में सेना में जाने के ड्रीम को पूरा करने की हर तैयारी कराई जाएगी। जानकारी के अनुसार देश में संचालित हो रहे दूसरे सैन्य स्कूलों की तरह यहां पूरी सुविधाएं डेवलप की जाएंगी। इस स्कूल के साथ राजस्थान में खुलने वाले दूसरे सैनिक स्कूल भी चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल की तरह चलाए जाएंगे। हर स्कूल में प्रधानाचार्य और हॉस्टल वार्डन सेना से रिटायर्ड अधिकारी होंगे। बाकी के शिक्षक और कर्मचारी राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत लोगों में से लिए जाएंगे।