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राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का विवाद दिनों – दिन बढ़ता जा रहा है। जिला क्रिकेट संघों के बाद अब एडहॉक कमेटी कन्वीनर जयदीप बिहाणी ने राज्य क्रीड़ा परिषद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार को लेटर लिख राज्य सरकार के खिलाफ बताया है। इसके साथ ही उन्होंने सवाई मानसिंह स्टेडियम को मेंटेन करने वाले ग्राउंड स्टाफ को हटाते हुए सभी उपकरणों को भी तालों में बंद करवा दिया है। बीजेपी विधायक और एडहॉक कमेटी कन्वीनर जयदीप बिहाणी ने कहा कि राजस्थान की युवा प्रतिभाओं को उचित मंच उपलब्ध कराने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा घरेलू क्रिकेट सत्र 2025-26 की शुरुआत की गई है। जिसके लिए हर साल की तरह इस साल भी जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम का चयन किया गया था। इसके लिए एडहॉक कमेटी द्वारा क्रीड़ा परिषद को निशुल्क (फ्री) स्टेडियम उपलब्ध कराने को लेकर लेटर लिख अनुरोध भी किया गया था। लेकिन राज्य क्रीड़ा परिषद ने राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए एक लाख रुपए प्रतिदिन फीस की डिमांड की है। जो न केवल बहुत ज्यादा है। बल्कि, युवा खिलाड़ी और खेल भावना के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पिच क्यूरेटर का तापोश चटर्जी और 20 से ज्यादा कर्मचारी ग्राउंड का रखरखाव और देखरेख कर रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग के मुकाबले के दौरान भी हमारे ग्राउंड स्टाफ ने ही स्टेडियम को मेंटेन किया। हमारे उपकरणों से ही आज तक ग्राउंड मेंटेन हो रहा है। जिसकी कोई फीस या सैलरी क्रीडा परिषद और राजस्थान रॉयल्स द्वारा अब तक नहीं दी गई है। बिहाणी ने कहा कि राजस्थान के खिलाड़ियों को निशुल्क उपलब्ध मंच उपलब्ध कराना राज्य क्रीड़ा परिषद की जिम्मेदारी है। लेकिन क्रीड़ा परिषद तो सिर्फ खेल के नाम पर पैसे कमाने में जुटी हुई है। जिससे न तो खेल और न ही खिलाड़ियों का विकास हो रहा है। बल्कि, इससे एक अधिकृत संस्था क्रिकेट और युवा खिलाड़ियों को नुकसान हो रहा है। बिहाणी ने कहा कि जिस तरह राज्य क्रीड़ा परिषद ने इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन को भी जबरदस्ती खुद कराने का फैसला किया था। जबकि देशभर में स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन इंडियन प्रीमियर लीग के मुकाबले का आयोजन करवा रही थी। इन मुकाबलों से मिलने वाली फीस से प्रदेश में क्रिकेट और खिलाड़ियों के विकास पर खर्च होती। लेकिन क्रीड़ा परिषद ने तानाशाही करते हुए ऐसा नहीं होने दिया। इस तरह क्रीड़ा परिषद अब भी राजस्थान रॉयल्स क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ काम कर रही है। इससे ऐसा लगता है कि राज्य क्रीड़ा परिषद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर कब्जा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी द्वारा खिलाड़ियों को बेहतर मंच उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह अव्यावसायिक रूप से क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन क्रीड़ा परिषद के अधिकारी यहां पर भी मोटी कमाई करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि क्रीडा परिषद द्वारा मांगी गई मोटी फीस खेल भावना के विरुद्ध है। इससे राजस्थान के क्रिकेट और खिलाड़ियों को बहुत ज्यादा नुकसान होगा। बिहाणी ने कहा कि क्रीडा परिषद के इस रवैया को देखते हुए हम तत्काल प्रभाव से हमारे सभी ग्राउंड स्टाफ को स्टेडियम से वापस बुला रहे हैं। इसके साथ ही ग्राउंड को मेंटेन करने वाले हमारे सभी उपकरण भी तालों में बंद करवा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सवाई मानसिंह स्टेडियम के मुख्य मैदान पर तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। मैं पूछना चाहता हूं क्या क्रीड़ा परिषद द्वारा जो राशि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से मांगी गई। वही राशि इसे भी ली जा रही है। इस आंकड़े को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। बिहाणी ने कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ क्रीड़ा परिषद का यह व्यवहार किसके इशारे पर किया जा रहा है। यह सोचने वाली बात है। जबकि वर्तमान में राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। मैं खुद भारतीय जनता पार्टी का एक सच्चा सेवक और कार्यकर्ता हूं। लेकिन फिर भी हमारे खिलाफ ही काम हो रहा है।

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