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डूंगरपुर के आसपुर से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक उमेश मीणा ने सरकारी शराब के ठेके में ताला जड़ दिया और उस पर वेल्डिंग कर दिया। इस दौरान उनके साथ गांव के कई लोग ओर समर्थक भी मौजूद रहे। इस बात की सूचना जैसे ही आबकारी अधिकारी जिला आबकारी अधिकारी भरत मीणा को लगी, उन्होंने मौके पर पहुंचकर ताला खुलवा दिया। मामला फूटी तलाई स्थित सरकारी शराब के ठेके का रविवार शाम का है। गर्ल्स हॉस्टल के पास है ठेका
बीएपी विधायक उमेश मीणा ने कहा कि शराब ठेका गर्ल्स हॉस्टल के पास है। छात्रावास में रहने वाली छात्राएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। आए दिन ठेके पर झगड़े और मारपीट की घटनाएं हो रही हैं, जिससे छात्राओं को डर के कारण हॉस्टल छोड़कर अन्य जगह शिफ्ट होना पड़ रहा है। हाल ही में ठेके के आस-पास के गांवों में शराबियों ने महिलाओं, बालिकाओं और स्थानीय लोगों के साथ बदसलूकी की। विधायक का आरोप है कि तीनों पंचायतों से ठेका खोलने की परमिशन नहीं ली है। प्रशासन नहीं दे रहा है ध्यान
बीएपी विधायक ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, सरपंचों और ग्रामीणों की अनुमति के बिना फलोज बालिका छात्रावास के पास मुख्य सड़क पर आबकारी विभाग की ओर से अवैध रूप से शराब का ठेका खोल दिया गया है। इस ठेके को बंद करवाने के लिए पिछले 7-8 महीनों से स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को बार-बार ज्ञापन सौंपे, लेकिन सरकार के विभाग ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
विधायक ने बताया कि स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि आज फलोज, रघुनाथपुरा और हथाई पंचायतों के सरपंच, स्थानीय लोगों के साथ हमने ठेके पर मजबूर होकर ताला और वेल्डिंग की है। इस आंदोलन में आदिवासी, पाटीदार और सर्व समाज के सैकड़ों महिला और पुरुष शामिल हुए। सरकार और आबकारी विभाग ने इस अवैध ठेके को लेकर आंखों पर पट्टी बांध रखी है और प्रशासन इस ठेके को बंद कराने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। आंदोलन की दी चेतावनी
विधायक ने कहा कि हमारी मांग है कि इस ठेके को तुरंत बंद कर इसे अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाए। आदिवासी क्षेत्रों में शराब की दुकानों को प्रतिबंधित किया जाए और स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करे। ठेका बंद नहीं किया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सरकार को होश में आना चाहिए, वरना जनता सड़कों पर उतरकर अपना हक लेकर रहेगी। नियमों के तहत खुला है ठेका
जिला आबकारी अधिकारी भरत मीणा ने बताया कि शराब के ठेके पर तालाबंदी की सूचना मिली थी। जिस पर मौके पर जाकर वापस ताला खुलवा दिया गया है। यह शराब का ठेका पूरी तरह से नियमों के तहत है और वैध है। 3 साल से यह शराब की दुकान इसी जगह पर चल रही है। इसे लेकर आज तक किसी भी गांव के व्यक्ति की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई है।

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