भाजपा के अजमेर देहात के पूर्व जिलाध्यक्ष और MDS यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत को कोटा विश्वविद्यालय के कुलगुरु पद पर नियुक्त किया गया है। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने राज्य सरकार की सलाह पर सारस्वत की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। सारस्वत की नियुक्ति तीन साल या उनकी 70 साल की उम्र पूरी करने तक के लिए की है। प्रो सारस्वत एमडीएस यूनिवर्सिटी अजमेर के वाणिज्य विभाग के डीन और विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। सारस्वत बीजेपी की राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। वे छात्र जीवन से एबीवीपी और बाद में बीजेपी में सक्रिय रहे। अजमेर देहात बीजेपी के जिलाध्यक्ष सहित कई पदों पर रहे हैं। उन्होंने कई बार टिकट की भी दावेदारी भी की थी। बीपी सारस्वत अजमेर के निकटवर्ती गांव ब्रिक्चियावास के रहने वाले हैं। सारस्वत बोले- कोटा यूनिवर्सिटी का शैक्षणिक वातावरण बेहतरीन बनाना प्राथमिकता
बीपी सारस्वत ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा- कोटा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण को बेहतरीन बनाना पहली प्राथमिकता होगी। शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए पहले दिन से ही कार्य योजना बनाकर उसे मूर्त रूप दिया जाएगा। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को बेहतरीन शैक्षणिक वातावरण मिले, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। शोध गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। सारस्वत बोले- मैं भाजपा का सदस्य, कुलगुरु बनने के बाद राजनीति से लेना-देना नहीं
प्रो. बीपी सारस्वत ने कहा- मैं भारतीय जनता पार्टी का सदस्य रहा हूं। दायित्व पर भी रहा, लेकिन जब शपथ ग्रहण कर लेंगे तो भाजपा के कार्यकर्ता के नाते काम नहीं करूंगा। एक कुलगुरु के रूप में काम करूंगा और राजनीति से कोई लेना देना नहीं रहेगा। उन्होंने कहा- सक्रिय सदस्य किसी भी पार्टी का हो सकता है। वो ही प्रधानमंत्री बनता है और वो ही राष्ट्रपति बनता है। जब उनकी सरकार आती है तो वो ही विधानसभा अध्यक्ष बनता है और वो ही लोकसभा अध्यक्ष। वो ही मुख्यमंत्री बनता है, लेकिन संविधान की शपथ लेकर शासन चलाते हैं। (पढ़ें पूरी खबर)

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