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बूंदी जिले में वर्षा ऋतु के साथ खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो गई है। किसानों द्वारा डीएपी सहित अन्य उर्वरकों की मांग बढ़ी है। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार कौशल कुमार सोमानी ने बताया कि जिले में एनपीके उर्वरक, यूरिया और सिंगल सुपर फास्फेट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे डीएपी के विकल्प के रूप में इन उर्वरकों का प्रयोग करें। किसानों को बीज को राइजोबियम और पीएसबी कल्चर से उपचारित करने की सलाह दी गई है। कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी से सलाह लेकर उर्वरकों का प्रयोग करें। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिश के अनुसार फसल की आवश्यकता के अनुरूप बुवाई और टॉप ड्रेसिंग के समय उर्वरक का प्रयोग करें। सोमानी ने कहा कि आदान विक्रेताओं को नियमानुसार उर्वरक बेचने के लिए निर्देशित किया गया है। गुण नियंत्रण अभियान के तहत खाद और बीज के 70 नमूने लिए गए हैं। इन्हें विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। अमानक नमूनों पर कार्रवाई की जा रही है।

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