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भरतपुर में चंबल प्रोजेक्ट की पाइपलाइन डालने के लिए खोदे जा रहे गड्ढे में मिट्टी लेने उतरी 3 महिलाओं सहित 4 लोगों की मौत हो गई। जबकि 4 को बचा लिया गया। वहीं 2 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसा 10 फीट गहरे गड्‌ढे में मिट्‌टी ढहने से हुआ था। बेटा मिट्‌टी में धंसने लगा तो पिता ने दौड़कर उसे गोद में उठाया और बाहर निकाला। हादसे में एक युवक के पैर टूट गए जबकि उसके भतीजे की मिट्टी में दबने से मौत हो गई। इन 10 लोगों के साथ एक और युवक आया था। वह शेव कराने चला गया था। ऐसे में उसने शोर सुना तो दौड़ कर आया और देखा जो लोग उसके साथ आए थे, वे मिट्टी में दब गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महज आधे घंटे में पूरा घटनाक्रम हुआ। गड्ढे में उतरे लोगों पर भरभराकर मिट्टी गिरने लगी। चीख-पुकार मच गई। जो जहां था, वहां से खुद को बचाने के लिए बाहर की ओर दौड़ा। दौड़ते वक्त भी मिट्टी में पैर धंस रहे थे। उच्चैन CO अनिल डोरिया ने बताया- हादसे में उट्‌टू गांव (यूपी) के अनुकूल (22), योगेश कुमारी (25), विनोद देवी (55) और विमला देवी (45) की मौत हो गई। दिनेश (38) पुत्र नाहर सिंह और जयश्री (50) पत्नी विजेंद्र का इलाज भरतपुर के सोलंकी हॉस्पिटल में चल रहा है। जेसीबी से मिट्‌टी हटाकर करीब 2 घंटे में सभी को बाहर निकाल लिया गया था। दैनिक भास्कर में पढ़िए आधे घंटे के उस खौफनाक मंजर की कहानी प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी…. यूपी से आए थे मिट्टी लेने
घटना रविवार सुबह 7:45 बजे भरतपुर के गहनौली थाना इलाके के जंगी नगला गांव में हुई। यह गांव उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर है। हादसे के शिकार सभी लोग उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी के उट्‌टू गांव के रहने वाले थे। उट्‌टू गांव घटनास्थल से महज 1 किमी दूर है। रविवार दोपहर 3:30 बजे एक साथ 4 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। मिट्टी खोदने उट्‌टू गांव से जंगी नगला (भरतपुर) आए युवक अमित कुमार ने बताया- उट्‌टू गांव से हम 10-12 लोग मिट्टी खोदने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर सुबह 7 बजे निकले थे। उट्‌टू गांव से जंगी नगला की दूरी महज 1 किलोमीटर है। चूल्हा-चौका लीपने के लिए गहराई पर निकलने वाली काली चिकनी मिट्टी बढ़िया होती है। ऐसे में चंबल पेयजल प्रोजेक्ट के लिए खोदी गई खाई से हम मिट्टी लेने गए थे। शेव बनाने चला गया तो बच गया
अमित कुमार ने बताया- सुबह 7:30 बजे हम जंगी नगला गांव पहुंच गए। वहां ट्रैक्टर में सवार 10 लोग खाई में उतर गए। वे मिट्टी खोदने लगे। मैं मिट्टी खोदने खाई में नहीं उतरा बल्कि शेव बनवाने के लिए जंगी नगला गांव की तरफ चल दिया। मैं दुकान पर पहुंचा ही था कि चीख-पुकार का शोर सुनाई दिया। मैं तुरंत उठकर खाई की तरफ भागा। जंगी नगला गांव के लोग भी खाई की तरफ भागे। पता चला कि कई टन मिट्टी हमारे लोगों पर गिर गई। 4 लोगों को तुरंत मिट्टी से निकाल लिया गया। 6 लोगों का रेस्क्यू चला। चाचा का पैर टूटा, भतीजे की मौत
अमित कुमार ने बताया- गांव से 22 साल का अनुकूल मां जयश्री (50) और चाचा दिनेश (38) के साथ आया था। अनुकूल की इस हादसे में मौत हो गई। उसकी मां जयश्री घायल है। उसका इलाज चल रहा है। जबकि चाचा दिनेश के दोनों पैर टूट गए। दोनों सोलंकी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। एक दिन पहले ही बनाया था मिट्टी लाने का प्लान
उट्‌टू गांव निवासी यदुवीर सिंह ने बताया- हमारे गांव के नजदीक से ही प्रोजेक्ट की साइट है। यह 10 फीट गहरी है। इतनी गहराई पर काली मिट्टी निकलती है जो घरेलू काम में आती है। शनिवार शाम को ही सभी लोगों ने तय किया था कि सुबह जल्दी चलकर मिट्टी खोदकर लाएंगे। गांव में कई लोग खुदाई करके मिट्टी ला चुके थे। रविवार सुबह सभी लोग ट्रैक्टर से साइट की तरफ चल दिए। सोचा नहीं था कि 4 लोगों की मौत हो जाएगी। बेटे के पैर दब गए थे, गोद में उठाकर निकाला
मौके पर मौजूद दिनेश ने बताया- मेरा गांव डेहरी (गहनौली, भरतपुर) है। मैं भी रविवार सुबह मिट्टी लेने जंगी नगला गांव पहुंचा था। वहां एक महिला पहले से मिट्टी निकाल रही थी। कुछ देर बाद (सुबह 7:30 बजे) ट्रैक्टर ट्रॉली से यूपी के गांव उट्‌टू से कुछ लोग आ गए। इनमें कई महिलाएं थीं। उन्होंने खाई में उतरकर मिट्‌टी खोदना शुरू कर दिया। मैं थोड़ा दूर मिट्‌टी खोदने लगा। मेरा बेटा राहुल मिट्‌टी की परात लेकर उन लोगों के पास से गुजरा तो मिट्‌टी ढह गई। 19 जून से बंद था काम
PHED की AEN अनिता मीणा ने बताया- चंबल पेयजल पाइपलाइन का काम 19 जून से बंद पड़ा था। 19 जून को जंगी नगला (भरतपुर) गांव में काम शुरू किया गया था। इसके बाद नजदीकी गांव दौलतगढ़ के लोगों ने पाइपलाइन डालने का विरोध शुरू कर दिया। वे मुआवजे की बात पर अड़े हुए थे। ऐसे में काम रोक दिया गया था। तब से यहां काम बंद पड़ा हुआ था। इसे लेकर उच्चैन SDM और तहसीलदार को सूचना दे दी गई थी। विभाग के कर्मचारी लगातार मौके पर नजर बनाए हुए थे। आसपास के गांवों के लोग खाई से मिट्‌टी लेकर जा रहे थे। कर्मचारी उन्हें ऐसा करने से रोक भी रहे थे। फिर भी ग्रामीण चिकनी काली मिट्‌टी के लालच में आ रहे थे। यह पाइपलाइन धौलपुर से मलाह गांव (सेवर, भरतपुर) तक डाली जा रही है। बता दें कि फिलहाल पुलिस ने हादसे वाली जगह को कवर कर दिया है और मिट्‌टी खोदने पर पाबंदी लगा दी है। चूल्हा-चौका लीपने के काम आती है काली चिकनी मिट्‌टी कंटेंट इनपुट- दुर्गेश पाठक, रूपवास, भरतपुर हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… भरतपुर में 10 लोग टनों-मिट्‌टी में दबे, 4 की मौत:पाइपलाइन खुदाई की साइट में हादसा, सभी ग्रामीण यूपी के रहने वाले भरतपुर में चंबल प्रोजेक्ट की पाइप लाइन डालने के दौरान मिट्‌टी ढहने से एक ही परिवार के 10 लोग दब गए। हादसे में 3 महिला और एक युवक की मौत हो गई है। वहीं, 2 लोग गंभीर घायल हैं। (पढ़ें पूरी खबर)

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