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70 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस रहीं मौसमी चटर्जी की जिंदगी तब विवादों में आई जब उनके दामाद ने कहा कि वो अपनी बेटी को आखिरी बार देखने तक नहीं आईं। काफी देर इंतजार करने के बाद पायल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में मौसमी चटर्जी ने बताया है कि एक समय वो अपनी बेटी के निधन की दुआ करने लगी थीं। हाल ही में लहरें रेट्रो को दिए इंटरव्यू में मौसमी ने कहा है, उसने (पायल) ने एक गलती की थी, जिसका खामियाजा उसने भुगता था। हमारे पूरे परिवार ने इसका खामियाजा भुगता। वो साल 2017 में कोमा में चली गई थी। वो समय-समय पर कोमा से बाहर आती रही थी। लेकिन हमें बिना कंडीशन के उसे देखने की भी इजाजत नहीं दी गई थी। हमें पुलिस और कोर्ट के जरिए जाना पड़ता था। पायल भी जाना चाहती थी, मुझे भी भगवान से दुआ करनी पड़ी कि इसे दूर ले जाओ। मैं उसे दर्द में नहीं देख सकती थी। हमें एक दिन अपने शरीर को छोड़कर जाना है। तो दर्द सहने का क्या मतलब है। अगर आपको मेरी आत्मा से प्यार है, तो आप कहेंगे कि मुझे जाने दो। दामाद ने लगाए थे संगीन आरोप, कोर्ट पहुंचा था मामला बताते चलें कि मौसमी चटर्जी की बड़ी बेटी पायल की शादी बिजनेसमैन डिकी सिन्हा से हुई थी। मौसमी चटर्जी और डिकी का परिवार बिजनेस पार्टनर था। कुछ समय बाद बिजनेस में हुए मनमुटाव से दोनों परिवार में दूरियां आ गईं। इसी समय मौसमी चटर्जी की बेटी पायल कोमा में चली गईं। बेटी के इलाज के दौरान साल 2018 में मौसमी चटर्जी ने दामाद के खिलाफ शिकायत कर कहा कि वो उनका ख्याल नहीं रख रहे हैं, न ही उनके इलाज के पैसे भर रहे हैं। मौसमी के आरोपों के जवाब में डिकी सिन्हा ने उन पर मानहानि का केस किया और केस जीत लिया। तब से ही दोनों परिवारों के झगड़े इतने बढ़ गए कि जब साल 2019 में पायल का 30 महीने तक कोमा में रहने के बाद निधन हुआ तो मौसमी उन्हें आखिरी बार देखने तक नहीं पहुंचीं। इस बारे में डिकी ने कहा था कि सभी उनके आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वो नहीं पहुंचीं, हालांकि उनकी बेटी और पति अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे।

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