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प्रॉपर्टी के लिए बेटों ने पिता, सौतेली मां और 5 साल की बहन का मर्डर कर दिया। इसके बाद पिता, मां और बहन के शव पत्थर बांधकर एनीकट में फेंक दिए। सौतेली मां 6 महीने की प्रेग्नेंट थी। मामला प्रतापगढ़ के धरियावद उपखंड क्षेत्र के पारसोला थाना इलाके के गांव मूंगाणा टांडा का है। पारसोला पुलिस के अनुसार- पारसोला थाना इलाके के मूंगाणा टांडा गांव के लोगों ने शनिवार (27 जुलाई) को पुलिस को सूचना दी कि 2 दिन से घर का मालिक सूरजमल गायब है। उसकी प्रेग्नेंट पत्नी और बेटी भी घर में नहीं हैं। पुलिस मूंगाणा टांडा गांव पहुंची और घर की तलाशी ली। घर में सूरजमल लबाना, उसकी पत्नी लच्छीबाई और 5 साल की बेटी ही रहते थे। सूरजमल के बेटे गांव में दूसरे मकान में रहते हैं। पड़ोसियों से पूछताछ कर पुलिस लौट गई। रविवार (28 जुलाई) को पुलिस दोबारा गांव में सूरजमल के घर पहुंची। जहां आंगन में खून के निशान मिले। हत्या की आशंका पर पुलिस ने FSL और डॉग स्क्वाड को बुलाया। सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। लेकिन, रविवार देर रात तक कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद पारसोला पुलिस ने सूरजमल के तीनों बेटों कन्नीराम, मन्नीराम और दयालराम लबाना को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उनकी निशानदेही पर सोमवार को दोपहर करीब 1:30 बजे मूंगाणा टांडा गांव से 2 किलोमीटर दूर एनीकट में सूरजमल, लच्छीदेवी और बच्ची के शव पत्थर से बंधे बरामद किए गए। चार दिन पहले कर दिया था मर्डर
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने करीब चार दिन पहले यानी 25 जुलाई को वारदात को अंजाम दिया था। घर में ही तीनों की हत्या की। इसके बाद पूरे घर को अच्छी तरह से साफ किया, लेकिन खून के निशान रह गए। शवों को पत्थरों से बांधकर गांव के पास एनीकट में फेंक दिया। एक साल पहले बेटों ने दी थी जान से मारने की धमकी
दंपती ने एक साल पहले पारसोला थाना में बेटों के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दी थी। इस आधार पर पुलिस ने सोमवार सुबह सूरजमल के बेटे कन्नीराम और मन्नीराम को डिटेन किया था। पूछताछ में उन्होंने वारदात का खुलासा किया। तीसरा बेटा दयालराम विदेश में है। पुलिस के अनुसार- आरोपियों ने हत्या करने के बाद शवों को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। सौतेली मां-बहन को एक साथ करीब 50 किलो और पिता सूरजमल को दूसरे 50 किलो के पत्थर से बांधकर 30 फीट गहरे एनीकट में फेंक दिया। इस कारण शव पानी से ऊपर नहीं आए। पत्नी के नाम कर दी थी प्रॉपर्टी
पूछताछ में सामने आया कि सूरजमल लबाना ने प्रॉपर्टी लच्छीबाई के नाम कर दी थी। इसे लेकर बेटों से विवाद चल रहा था। बेटे लगातार दंपती को धमकियां दे रहे थे। सूरजमल गांव में ही खेती-बाड़ी करता था। कभी-कभी वह मजदूरी और ड्राइवरी भी किया करता था। बेटा कन्नीराम इलेक्ट्रिशियन है। दूसरा बेटा मन्नीराम लेमिनेशन का काम करता है और तीसरा दयालराम कुवैत में मजदूरी करता है। साल 2020 में शादी की थी
5 साल पहले सूरजमल की पहली पत्नी की मौत हो गई थी। इसके बाद दिसंबर 2020 में उसने रिश्ते में मामी विधवा लच्छीबाई से आर्य समाज गुरुकुल चित्तौड़गढ़ में शादी कर ली थी। सूरजमल को पहली पत्नी से तीन बेटे थे। शादी के बाद दूसरी पत्नी से एक बेटी हुई। हत्या के वक्त भी लच्छीबाई 6 महीने की प्रेग्नेंट थी। बेटे और समाज इस शादी के खिलाफ थे। बेटे दंपती को जान से मारने की धमकी देने लगे और समाज ने सूरजमल पर 11 लाख रुपए का आर्थिक दंड लगा दिया। साल 2021 में सूरजमल ने जोधपुर हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई। कोर्ट ने जुलाई 2021 में प्रदेश के गृह सचिव, प्रतापगढ़ एसपी सहित धरियावद और पारसोला एसएचओ सहित 15 लोगों को पक्षकार बनाते हुए दंपती को परेशान नहीं करने के लिए पाबंद करने और सुरक्षा दिलाने के आदेश दिए थे। दंपती का आरोप था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी समाज के लोग और उनके बेटे परेशान करते रहे। जान से मारने की धमकियां दे रहे थे। सितंबर 2023 में सूरजमल और लच्छीदेवी ने धरियावाद थाने में रिपोर्ट दी थी। लच्छीदेवी ने रिपोर्ट में बताया था कि जब वह पति के साथ बाजार जाती है तो समाज के लोग गांव छोड़ने की धमकियां देते हैं। कहते हैं कि समाज की ओर से लगाया 11 लाख रुपए का दंड चुकाओ और गांव से चले जाओ, नहीं तो तुम्हारी जमीन पर कब्जा करके उसे गिरवी रखकर उसी रुपए से तुम्हें झूठे मामले में फंसाकर मुकदमा लड़ेंगे।

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