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‘इश्क विश्क रीबाउंड’ फेम नायला ग्रेवाल बेवजह इंटिमेट सीन शूट करने के सख्त खिलाफ हैं। एक्ट्रेस की मानें तो कई बार इंटिमेट सीन केवल ऑडियंस को आकर्षित करने के लिए फिल्माए जाते हैं। इसलिए, किसी भी प्रोजेक्ट को साइन करने से पहले वह कुछ शर्तें रखती हैं जैसे यदि कोई इंटिमेट सीन है तो वह किस लिमिट तक दिखाया जाएगा, स्टोरी में उसकी कितनी अहमियत है, इसकी जानकारी उन्हें पहले ही होनी चाहिए। बता दें, नायला ने अब तक के अपने करियर में रणबीर कपूर, आयुष्मान खुराना, रवि किशन समेत कई फेमस एक्टर्स के साथ काम किया है। वह जल्द ही वेब सीरीज ‘मामला लीगल है’ सीजन 2 में नजर आएंगी। हाल ही में दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान एक्ट्रेस ने अपनी प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ बातें शेयर कीं। आइए जानते है क्या कहा नायला ग्रेवाल ने: यह तो सिर्फ शुरुआत है ‘इश्क विश्क रीबाउंड’ के बाद, बतौर एक्टर मुझे काफी पॉजिटिव रिस्पांस मिला है। छोटा रोल होने के बावजूद, लोग मुझे पसंद कर रहे हैं। मेरे लिए यह एक बहुत बड़ी बात है। यह तो सिर्फ शुरुआत है। आगे चलकर मुझे बहुत काम करना है। अलग-अलग अंदाज में दर्शकों को अपना काम दिखाना है। मैं बहुत खुश हूं। फिल्ममेकर-कोरिओग्राफर फराह खान ने की तारीफ फिल्म में फराह खान ने ‘गोरे गोरे मुखड़े’ गाने को कोरियोग्राफ किया था। वह मेरे काम से बेहद इम्प्रेस थीं। उन्होंने कहा कि अगली बार वह मुझे अपनी फिल्म में खूब डांस करवाने वाली हैं। सच कहूं तो, मुझे उस वक्त का इंतजार है। फराह खान हमारी इंडस्ट्री की बैकबोन हैं। उनका मेरी तारीफ करना, किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। रणबीर कपूर मंझे हुए कलाकार, आयुष्मान खुराना अच्छे इंसान हैं मैंने रणबीर कपूर, आयुष्मान खुराना, तापसी पन्नू और रवि किशन जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है। हर एक्टर से अलग-अलग बातें सीखने को मिली हैं जैसे रणबीर कपूर काफी मंझे हुए कलाकार है। सेट पर वह बिना तैयारी कभी नहीं आते थे। स्क्रिप्ट से लेकर सेट तक, हर बारीकी डिटेल उन्हें पता होती थी। इतना ही नहीं, सेट पर हुई लाइटिंग की भी नॉलेज रखते थे। कौन सी लाइटिंग, उनके ऊपर कैसा इफेक्ट देगी, उन्हें इसकी भी जानकारी होती थी। वह अपने काम को लेकर बहुत डेडिकेटेड हैं। वहीं आयुष्मान खुराना एक अच्छे कलाकार के अलावा, अच्छे इंसान भी हैं। वह बहुत मीठा बोलते हैं। तापसी पन्नू एक बहुत स्ट्रॉन्ग महिला हैं। सेट पर वह एक बड़ी बहन की तरह थीं। सेट पर रवि किशन किसी बच्चे से कम नहीं होते थे। इतने साल काम करने के बावजूद उनमें काम करने की उत्सुकता बिल्कुल कम नहीं हुई। कुल मिलाकर, इन सभी एक्टर्स से मैंने अपनी एनर्जी को स्क्रीन पर कैसे लाना है, इस बारे में सीखा। सेल्फ डाउट करती थी, ‘थप्पड़’ से मिली पहचान करियर में फिल्म ‘थप्पड़’ को अपना गेम चेंजर मानती हूं। उस फिल्म में मेरा बहुत अहम रोल था। उस फिल्म के बाद, कई लोग मुझे पहचानने लगे थे। वैसे, मेरे लिए यह जर्नी आसान नहीं थी। शुरूआत में मुझे डर लगता था, स्ट्रेस भी बहुत होता था। खुद पर ही सेल्फ-डाउट किया करती थी। मुझे काफी वक्त लगा मैच्योर होने में। पहले जब रिजेक्शन होता था तब सोचती थी कि मुझमें ही कोई कमी होगी। मुझे वक्त लगा इस सोच को बदलने में। जब रोल नहीं मिलता तब सेल्फ डाउट करती थी। लेकिन अब सोचती हूं कि शायद मैं उस डायरेक्टर के विजन में फिट नहीं बैठती हूं, इसीलिए रिजेक्ट हो गई। पहले के मुकाबले, अब मुझमे काफी ठहराव आया है। ‘मामला लीगल है’ की कहानी सच्ची घटना पर आधारित फिलहाल ‘मामला लीगल है’ सीजन 2 राइटिंग प्रोसेस में है। हम जल्द ही इसकी शूटिंग शुरू करेंगे। सीजन 2 में मेरे किरदार अनन्या श्रॉफ के अलग-अलग शेड्स ऑडियंस को देखने मिलेंगे। इसकी कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। कई इंटिमेट सीन केवल ऑडियंस का ध्यान खींचने के लिए होते हैं’ मेरा मानना है कि कई इंटिमेट सीन केवल ऑडियंस का ध्यान खींचने के लिए फिल्माए जाते हैं। मैं इसके सख्त खिलाफ हूं। मैं अपने कॉन्ट्रैक्ट में एक शर्त रखवाती हूं। जिसके मुताबिक, यदि कोई इंटिमेट सीन है तो वह किस लिमिट तक दिखाया जाएगा, स्टोरी में उसकी कितनी अहमियत है, इसकी जानकारी मुझे पहले ही होनी चाहिए। यदि मैं स्क्रीन पर कोई सीन कर रही हूं तो उसके पीछे कोई वजह होनी चाहिए। उस सीन की अहमियत होनी चाहिए। वरना टाइपकास्ट होने में वक्त नहीं लगेगा।

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