राजस्थान क्राइम फाइल्स के पार्ट 1 में आपने पढ़ा कि अगस्त 2018 में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास जैसलमेर के शाहगढ़ इलाके में रेसिंग कॉम्पीटिशन के दौरान केरल के बाइकर असबाक माेन की लाश मिली। पुलिस ने एक्सीडेंट मानकर केस बंद कर दिया था। हालांकि, असबाक की मां और उसके भाई को यकीन था कि ये हादसा नहीं हत्या है। पुलिस ने नए सिरे से पूरे केस को इंवेस्टिगेट किया तो सामने आया कि ये प्लांड मर्डर था। पढ़िए कैसे हुआ हत्या का खुलासा और पुलिस कैसे पहुंची हत्यारे तक… असबाक के भाई अरशद और मां ने हत्या की आशंका जताते हुए केस री-ओपन करने की मांग की थी, लेकिन केस बंद हो गया था। इसलिए जैसलमेर पुलिस ने मामले में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद असबाक की मां और भाई कांग्रेस नेता वेणुगोपाल से मिले और केस के बारे में बताया। इसके बाद केस री-ओपन की डिमांड तत्कालीन डीजीपी तक पहुंची, लेकिन इसके बाद भी काफी वक्त तक फाइल पुलिस महकमे में ही घूमती रही। असबाक की बाइक ने पैदा किया शक जुलाई 2020 में केस की फाइल तत्कालीन एसपी अजय सिंह को भेजी गई थी। उन्होंने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी तो कई सवाल खड़े हो गए। जैसे- आशंका जताई जा रही थी कि शायद दो दिन तक भूखा-प्यासा रहने के कारण असबाक की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के पेट में आधा पचा हुआ खाना मिला, यानी मौत की वजह भूख-प्यास नहीं हो सकती। वहीं, पोस्टमार्टम में गर्दन और रीढ़ की हड्डी टूटने की बात पढ़कर भी तत्कालीन एसपी अजय सिंह का माथा ठनका। अगर किसी की गर्दन की हड्डी टूटी हुई हो तो वो बाइक को स्टैंड पर कैसे लगा सकता है और न ही अपना हेलमेट बाइक पर लगा सकता है। तत्कालीन एसपी अजय सिंह ने बताया कि ये अनसुलझे सवाल केस री-ओपन करने का आधार बने। पत्नी ने ससुराल वालों के फोन उठाना बंद किया दोबारा नए सिरे से मामले की इंवेस्टिगेशन शुरू हुई। अरशद ने पुलिस पूछताछ में अपने भाई की पत्नी सुमेरा पर भी शक जताया। उसने बताया कि भाई की मौत के बाद सुमेरा ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया। सुमेरा बेंगलुरु आकर असबाक के परिजनों से भी मिलने नहीं गई। अरशद ने बताया कि असबाक बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में जॉब के दौरान सुमेरा से मिला था। दोनों में प्यार हो गया और जुलाई 2012 निकाह कर लिया। निकाह के बाद पता चला कि सुमेरा तलाकशुदा थी और उम्र में असबाक से बड़ी थी। भाई बोला- शादी करके पछता रहा था असबाक अरशद ने बताया कि शादी के बाद असबाक की सऊदी अरब के नूर बैंक में जॉब लग गई। 70 लाख रुपए सैलरी थी। ऐसे में असबाक और सुमेरा सऊदी अरब चले गए। अरशद ने बताया कि वहां जाने के बाद एक दिन अचानक असबाक का फोन आया। वो काफी परेशान था। उसने अरशद से कहा- ‘इस लड़की से शादी करके गलती कर दी। हर टाइम फोन पर लगी रहती है। न जाने कितने लोगों से बात और चैट करती है। अरशद ने बताया कि सुमेरा ने अपनी बेटी को भी कोख में मारने की कोशिश की। जब उसे पता चला कि वो प्रेग्नेंट है तो अबॉर्शन करवाने की जिद्द पर अड़ गई। सुमेरा ने कहा- ‘बच्चा पैदा करने से मेरा फिगर खराब हो जाएगा। अपने बच्चे की खातिर असबाक ने जैसे-तैसे उसे रोका। 2013 में बेटी के जन्म के बाद भी वह नहीं बदली। नन्ही सी बच्ची को दूध पिलाने से मना कर दिया। पत्नी पर शक, बेटी के कारण चुप था अरशद ने बताया कि उसके भाई असबाक को अपनी पत्नी सुमेरा पर शक था। वो सिर्फ अपनी बेटी के कारण वह चुप था। बेटी के बेहतर फ्यूचर के लिए ही अपने रिश्ते को संभालने के लिए वो पत्नी और बेटी के साथ वापस भारत आ गया था। यहां आकर उसने बुलेट बाइक पर इंडिया टूर का प्लान बनाया। सुमेरा को लेकर बेंगलुरु से लेह-लद्दाख तक लंबी यात्रा की। मगर लाख कोशिश के बाद भी सुमेरा के व्यवहार में परिवर्तन नहीं आया। अरशद ने बताया कि असबाक ने कई बार सुमेरा को चोरी-छुपे फोन पर किसी शख्स के साथ बात करते हुए पकड़ा। असबाक को पता चला कि सुमेरा नीरज नाम के किसी लड़के से बात करती थी। हालांकि, नीरज कौन था, कहां रहता था और क्या करता था, इसकी उसे कोई जानकारी नहीं थी। घरवालों और दोस्तों से पति को पिटवाया अरशद ने बताया कि बेंगलुरु में आरटी नगर में असबाक का फ्लैट था। एक बार झगड़ा होने पर सुमेरा ने अपने घरवालों और कुछ दोस्तों को बुलाकर असबाक को पिटवाया था। इस दौरान एक कागज पर भी साइन लेने की कोशिश की थी। पिटाई में असबाक के मुंह से खून निकलने लगा था। झगड़े के बाद असबाक वापस दुबई लौट गया, लेकिन सुमेरा उसके साथ नहीं गई। वो बेंगलुरु में ही रुक गई और असबाक से रुपयों के लिए तकाजा करने लगी। अरशद ने बताया कि सुमेरा ने बच्ची को परिवार से भी दूर कर दिया था। केरल में दादी-चाचा से भी मिलने नहीं देती थी। सुमेरा वापस नहीं गई तो असबाक भी कुछ वक्त के बाद दुबई से वापस बेंगलुरु लौट आया। यहां आकर सुमेरा और बेटी के साथ रहने लगा। असबाक ने काफी रुपए कमाए और दुबई में कई प्रॉपर्टी भी खरीदी थी। रेसर का एक ग्रुप बनाया असबाक ने बेंगलुरु आने के बाद बाइक रैली आदि में हिस्सा लेना शुरू किया और रेसर का एक ग्रुप भी बनाया। ग्रुप में विश्वास, संजय और साबिक भी शामिल हो गए। साबिक असबाक का सारा काम देखता था और साथ ही फोटोग्राफर भी था। असबाक ने उसे 40 हजार रुपए महीने की सैलरी पर रखा था। अरशद ने बताया कि असबाक के बेंगलुरु लौटने के बाद भी सुमेरा अपनी हरकतों से बाज नहीं आई। उसका किसी से अफेयर चल रहा था और असबाक को इस बात का पता चल गया था। इसे लेकर दोनों के बीच फिर झगड़े होने लगे। जुलाई 2018 में एक पार्टी में असबाक को अपना काम देखने वाले साबिक के साथ भी झगड़ा हुआ था, लेकिन एक महीने के बाद जैसलमेर में दोनों के गिले-शिकवे दूर हो गए थे। चाचा-मामा के साथ शव दफनाया अगस्त 2018 में बाइकर रैली इंडिया बाजा में शामिल होने असबाक अपने रेसर ग्रुप के दोस्तों संजय, विश्वास और साबिक के साथ जैसलमेर आया था। रेस के दौरान ही असबाक लापता हो गया था और दो दिन बाद उसकी लाश शाहगढ़ इलाके के रेतीले टीलों में पड़ी मिली। असबाक के दोस्तों ने उसकी पत्नी सुमेरा को उसकी मौत की जानकारी दी। सुमेरा ने अपने ससुराल वालों को असबाक की मौत के बारे में बताया और कहा कि वो जैसलमेर जा रही है और शव लेकर आए जाएगी। वहां पहुंचकर उसने अपने चाचा और मां के साथ मिलकर असबाक का शव दफना दिया। ससुराल वालों को बताया कि असबाक का शव लाने की स्थिति में नहीं था, ऐसे में जैसलमेर के कब्रिस्तान में ही शव दफना दिया। पति के दोस्तों से होती लंबी-लंबी बात जुलाई 2020 में मामले की जांच के लिए फाइल तत्कालीन इंस्पेक्टर कांता सिंह ( वर्तमान में रिटायर) को सौंपी गई। मामले की जांच के लिए वह बेंगलुरु गए। सिंह ने बताया कि वहां असबाक की पत्नी और उसके रेसिंग ग्रुप से जुड़े दोस्तों के बयान लिए। संजय, विश्वास और साबिक ने बताया कि उनका सुमेरा से परिचय नहीं था। सुमेरा ने भी अपने बयानों में यही बात कही। इंस्पेक्टर कांता सिंह ने जैसलमेर लौटने के बाद साइबर सेल के काॅन्स्टेबल भीमराव की मदद से असबाक के तीनों दोस्तों के कॉल डिटेल निकलवाए। इसमें सामने आया कि सुमेरा अपने पति के दोस्तों से लंबी-लंबी बातें करती थी। असबाक की मौत के बाद ये सिलसिला जारी था। पुलिस ने असबाक की पत्नी सुमेरा और तीनों दोस्तों संजय, विश्वास और साबिक को नोटिस भेजकर जैसलमेर बुलाया, लेकिन चारों में से कोई भी नहीं आया। इस पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और चारों को आरोपी बनाया। दो दोस्त पकड़े गए जांच के बीच में ही इंस्पेक्टर कांता सिंह का ट्रांसफर हो गया। नए जांच अधिकारी भवानी सिंह 2021 में दो आरोपियों संजय और विश्वास को कर्नाटक से गिरफ्तार कर जैसलमेर लाए। पूछताछ में दोनों ने असबाक की हत्या की बात कबूल कर ली। साथ ही इस मर्डर में असबाक की पत्नी सुमेरा के भी शामिल होने का खुलासा किया। संजय और विश्वास अभी जेल में हैं। कुछ समय बाद भवानी सिंह का भी ट्रांसफर हो गया। पुलिस असबाक के हत्या के आरोप में उसकी पत्नी सुमेरा को गिरफ्तार करती, उसे पहले ही जनवरी 2022 को तत्कालीन एसपी अजय सिंह का भी ट्रांसफर हो गया। नए एसपी भंवर सिंह नाथावत ने अप्रैल 2022 को जांच को आगे बढ़ाते हुए 7 लोगों की टीम बनाई। वहीं, सुमेरा परवेज के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया ताकि वह विदेश ना भाग सकें। फरार हो गई हत्यारी पत्नी, 20 से ज्यादा सिम बदले पुलिस हत्यारी पत्नी सुमेरा को गिरफ्तार करने के लिए जाल बुन रही थी। इस बीच वह बेंगलुरु के आरटी नगर से गायब हो गई। उसका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा था। साइबर सेल ने उसके पुराने कॉल डिटेल, बैंक अकाउंट नंबर आदि की डिटेल जुटाई। साइबर सेल प्रभारी भीमराव को एक मोबाइल नंबर पर शक हुआ। इस नंबर पर जनवरी 2022 से मई तक कई बार सुमेरा ने कॉल किया था। ये नंबर सोहेल नाम के युवक था। जांच आगे बढ़ने पर पता चला कि सोहेल नाम से लिया गया ये सिमकार्ड सुमेरा ही यूज कर रही है। इस नंबर से खाने के ऑर्डर का भुगतान आदि सभी काम होते थे। सुमेरा ने पुलिस के बचने के लिए 20 से ज्यादा सिम बदले थे। आरोपी पत्नी को पकड़ने राजस्थान पुलिस कर्नाटक गई एसपी ने 7 पुलिसकर्मियों की टीम का गठन किया। जिसमें सीआई जगदीश कुमार, एसआई मीनाक्षी, एएसआई किशन सिंह, हैड कांस्टेबल जेठू सिंह, खेत सिंह, कॉन्स्टेबल रामाकिशन शामिल थे। टीम के साथ साइबर सेल एक्सपर्ट भीमराव भी 9 मई को बेंगलुरु के लिए रवाना हुए। 2 दिन तक टीम ने सोहेल के नंबरों को ट्रेस किया। आखिर 13 मई 2022 को शाम 5 बजे संजय नगर थाने से 1 किमी दूर फोन की लोकेशन ट्रेस हुई। बॉयफ्रेंड के साथ मैंगलोर घूमने जा रही थी, पकड़ी गई लोकेशन ट्रेस करने के बाद बेंगलुरु के संजय नगर थाने के एसआई और राजस्थान टीम के भीमराव एक बिल्डिंग में गए। दोनों ने तीसरी मंजिल के एक फ्लैट का दरवाजा खटखटाया। गेट सोहेल ने खोला। (सोहेल के नंबर ट्रेस करने पर उसका फोटो भीमराव पहले ही देख चुके थे)। सोहेल को बताया कि वे राजस्थान पुलिस से हैं और सुमेरा की खोज में आए हैं। कमरों की तलाशी लेने पर एक कमरे में सुमेरा कपड़ों पर प्रेस करते हुए मिली। उसका सामान तैयार था। दोनों मैंगलोर घूमने जाने वाले थे। भीमराव ने तुरंत अपने सभी साथियों को लोकेशन पर बुलाया। पुलिस ने सुमेरा को आखिरकार हत्या के 4 साल बाद 13 मई 2022 को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद राजस्थान टीम सुमेरा को पकड़कर जैसलमेर लेकर रवाना हुई। पति के खाते से 1 करोड़ निकाले, मर्डर की सुपारी दी जांच में सामने आया कि सुमेरा परवेज के कहने पर ही विश्वास, संजय ने उसका खून किया। उन्होंने सुनसान इलाके में ले जाकर पीछे से उसकी गर्दन पर वार किया जिससे उसकी गर्दन की हड्डी टूट गई। पूछताछ में संजय और विश्वास ने बताया था कि असबाक की हत्या की सुपारी उसकी पत्नी सुमेरा ने ही दी थी। पुलिस ने बताया कि सुमेरा का शादी के बाद भी नीरज से अफेयर था। पुलिस की जांच में सामने आया कि सुमेरा ने असबाक के खाते से 1 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया था। पुलिस पूछताछ में संजय और विश्वास ने ये तो बताया कि सुमेरा ने उन्हें असबाक के मर्डर की सुपारी दी थी, लेकिन कितने रुपए में डील हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया। दोनों प्रेमी-प्रेमिका मिलकर असबाक मोन की प्रॉपर्टी हड़पना चाहते थे। हत्या के प्रयास और हत्या के मामले में सुमेरा और उसके साथी फिलहाल जेल में है। कोर्ट में उनका मामला चल रहा है। पार्ट 1 : जैसलमेर के रेगिस्तान में मिली थी इंटरनेशनल बाइकर की लाश:एक्सीडेंट मानकर दफनाया, मां-भाई की कोशिशों से फिर खुला केस, करीबी निकले हत्यारे