भारत – पाक में सीजफायर के बाद भी भारतीय सेना का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी गई। इसके तहत भारतीय सेना मजबूत इरादों और बुलंद हौसलों के साथ फील्ड में तैनात है। अपने आप को अपग्रेड करने के साथ साथ अपनी ताकत को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए लगातार अभ्यास भी कर रही है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर भारतीय सेना की ब्लैक मेस ब्रिगेड ने भारत-पाक बॉर्डर पर अपनी इंजीनियरिंग क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया। ऑपरेशनल ड्रिल के नाम से किए गए इस अभ्यास में 100 से भी ज्यादा जवानों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस एक्सरसाइज में सेना ने इंजीनियरिंग कार्यों के लिए सटीकता और गति के साथ उनके संकल्प को प्रदर्शित किया, जिससे भारतीय सेना की ऑपरेशनल तत्परता का पता चलता है। इस अभ्यास का स्लोगन ‘प्रमुख, सटीक और लगातार’ रखा गया। रेगिस्तान की तपती रेत पर भारतीय सेना की Black Mace Brigade ने युद्ध जैसी तैयारी दिखाते हुए ऑपरेशनल ड्रिल्स में पुल निर्माण, हेलीपेड निर्माण, रास्ता बनाना, मूवमेंट और फील्ड तैनाती का बेमिसाल प्रदर्शन किया। ये सिर्फ ब्रिगेड नहीं, सेना की तकनीकी रीढ़ है, जिसने दिखा दिया कि भारत हर हालात में पूरी तरह तैयार है। बेहतरीन इंजीनियरिंग का किया प्रदर्शन रेगिस्तान की गर्म रेत, तपती दोपहर, और चारों ओर सिर्फ सैन्य शोर। दरअसल ये कोई युद्ध नहीं, लेकिन युद्ध से कम भी नहीं। राजस्थान के सीमांत इलाके में भारतीय सेना की ब्लैक मेस ब्रिगेड (Black Mace Brigade) ने एक ऐसा युद्धाभ्यास किया, जिसे देखकर हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। इस ड्रिल में सिर्फ बंदूकें नहीं गरजीं, यहां रणनीति, टेक्नोलॉजी, स्पीड और प्रिसिशन का असली प्रदर्शन हुआ। यह सिर्फ रिहर्सल नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था, कि भारत की सेना हर हालात में एक्शन के लिए तैयार है। इस अभ्यास के दौरान सेना ने दुर्गम रेतीले इलाकों में हाई इंटेंसिटी ऑपरेशनल ड्रिल्स की। इंजीनियरिंग कार्यों को इस अभ्यास का मुख्य आधार बनाया गया। नहर पर बनाया पुल, हेलीपेड किए तैयार सेना ने पलभर में पुल तैयार कर दिए, रेतीले मैदानों में भारी वाहनों की मूवमेंट सुनिश्चित की, और सीमित संसाधनों के बावजूद हेलीपेड निर्माण और फील्ड तैनाती की ऐसी मिसाल पेश की जो पूरी दुनिया के लिए एक सबक है। Black Mace Brigade ने दिखाया कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, भारतीय सेना न सिर्फ मोर्चा संभाल सकती है, बल्कि उसे कंट्रोल भी कर सकती है। इस अभ्यास का फोकस तीन शब्दों पर रहा – Precision, Speed और Persistence यानी सटीकता, रफ्तार और दृढ़ता। फील्ड क्लियर कर लैंड माइन को किया रिमूव सेना ने इस अभ्यास में अपनी तकनीकी दक्षता का जोरदार प्रदर्शन किया। आधुनिक मशीनरी, संचार साधन और टैक्टिकल यूनिट्स की बेहतरीन कोआर्डिनेशन ने यह साबित किया कि युद्ध सिर्फ ताकत से नहीं, सूझबूझ और सिस्टम से भी जीता जाता है। रेगिस्तान की चुनौतियों के बीच फील्ड मैनेजमेंट और रिस्पॉन्स टाइम ने यह दिखाया कि भारतीय सेना सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में भी सबसे आगे है। सेना के जवानों ने अपनी बेहतरीन इंजीनियरिंग व तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए रेगिस्तान को क्लियर कर सेना को जाने के लिए रास्ता बनाना हो, या फिर जमीन में दबी लैंड माइन को ढूंढ़कर उसको रिमूव करना। इन सबका सटीक प्रदर्शन करते हुए Black Mace Brigade ने जो कर दिखाया, वो सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं था, बल्कि भारत की सामरिक क्षमता, मनोबल और प्रतिबद्धता का जीवंत प्रदर्शन था। दुर्गम इलाकों में सेना की मददगार इस ड्रिल के माध्यम से भारतीय सेना ने यह साबित किया कि वह किसी भी आपात स्थिति में महज घंटों में दुर्गम इलाकों में डिप्लॉय हो सकती है, वहां जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर सकती है, और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखती है। हर जवान का उत्साह, हर अफसर की रणनीति और हर साजो-सामान की तैयारियों ने ये साबित कर दिया कि देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। भारतीय सेना न सिर्फ आज की, बल्कि भविष्य की लड़ाइयों के लिए भी तैयार है। ये तैयारियां सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, एक्शन में बदलने के लिए हैं। Black Mace Brigade ने यह दिखा दिया कि भारतीय सेना अडिग है, अपराजेय है, और राष्ट्र की सेवा में समर्पित है। ये अभ्यास एक घोषणा है, कि भारत की रेत में जितनी गर्मी है, उतनी ही ताकत इस देश की फौज में भी है। ये सिर्फ एक ड्रिल नहीं, भारत की निर्णायक शक्ति का परिचय है, और जब बात देश की हो, तो भारतीय सेना का हर कदम दुश्मन के लिए चेतावनी है।

Leave a Reply