ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत के बेटे बलवीर सिंह समेत 9 लोगों के खिलाफ राजसमंद के भीम थाने में मारपीट और महिलाओं से अभद्रता–छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ है। पीड़ित ने मां के नाम आवंटित जमीन को हड़पने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले में विधायक से बात करने पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। भीम पुलिस थाना सीआई भंवर लाल कुमावत ने बताया कि रिपोर्ट पर सोमवार रात को मामला दर्ज कर लिया गया। जांच उमेश कुमार को सौंपी गई है। आरोप- पीड़ित के घर में जबरन घुसा शिकायत के अनुसार 21 जून को दोपहर करीब 12:30 बजे विधायक का बेटा बलवीर सिंह अपने 20–25 साथियों के साथ पीड़ित के घर पर जबरन घुसा। परिवार के लोगों के साथ गाली–गलौज की और मारपीट की। इस दौरान महिलाओं के साथ बदसलूकी और धक्का–मुक्की भी की गई। अभद्र व्यवहार करते हुए छेड़छाड़ कर जमीन हड़पने के लिए दबाव बनाया गया। वहीं, आरोपियों द्वारा चारदीवारी पर पथराव भी किया गया। मामले में बलवीर सिंह के अलावा महिपाल (सरपंच बामनेड़ा), भाजपा पार्षद शिवराज सिंह, राजेश मेवाड़ा, राम सिंह, नरसिंह रावत, करण रावत, वीरेंद्र सिंह और अजय फुलवारिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह है मामला शिकायतकर्ता ने बताया – वर्ष 1986 में इंदिरा गांधी नहरबंदी योजना के तहत उनकी मां को जमीन आवंटित की गई थी। वर्ष 2007 से वह इस जमीन पर अपने परिवार सहित मकान बनाकर रह रहे हैं। इसी जमीन के पास एक अन्य व्यक्ति को पांच बीघा जमीन आवंटित हुई थी, जिसे विधायक शंकर सिंह रावत के चचेरे भाई कैलाश सिंह और उनके पुत्र बलवीर सिंह ने खरीद लिया है। इसके बाद से विधायक रावत के परिजन और समर्थक उन पर जमीन खाली करवाने का दबाव बना रहे हैं। रोजाना किसी न किसी माध्यम से डराया–धमकाया जा रहा है।