झुंझुनूं में रविवार को विप्र फाउंडेशन के तत्वावधान और ब्राह्मण समाज के सभी संगठनों की ओर से सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। समारोह में शिक्षा, संस्कृति और समाज सेवा में सहयोग करने वाली प्रतिभाओं सम्मान होगा। ब्राह्मण प्रतिभा सम्मान समारोह 2024-25 का आयोजन मोदी रोड स्थित गाड़िया टाउन हॉल में सुबह 11 बजे से शुरू होगा। इसमें 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा (सीबीएसई व राजस्थान बोर्ड) में 90% या उससे ज्यादा नंबर लाने वाले 325 ब्राह्मण समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। फाउंडेशन ने पूरी की तैयारी कार्यक्रम संयोजक उमाशंकर महमिया ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। आयोजन को सुव्यवस्थित और भव्य बनाने के लिए आयोजन स्थल पर मंच, स्वागत, विद्यार्थियों की रजिस्ट्रेशन, प्रमाणपत्र वितरण, मीडिया कवर और जलपान की अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। ब्राह्मण समाज के इस गौरवमयी आयोजन की अध्यक्षता विप्र फाउंडेशन जिलाध्यक्ष कमल कान्त शर्मा करेंगे, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा ‘गुरुजी’ मुख्य अतिथि होंगे। विशिष्ट अतिथियों में प्रदेश संगठन महामंत्री सतीश शर्मा, पूर्व राजनयिक राजीव शर्मा (दिल्ली), पूर्व वरिष्ठ आईपीएस हरिप्रसाद शर्मा, सीनियर आईपीएस योगेश दाधीच, वरिष्ठ आरएएस जगदीश प्रसाद गोड़ उपस्थित रहेंगे। मेडल, टी-शर्ट, कैप, बैज और दुपट्टा पहनाकर होगा सम्मान कार्यक्रम में विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, मैडल, विप्र फाउंडेशन की टी-शर्ट, कैप, बैज, व दुपट्टा पहनाकर मंच पर सार्वजनिक सम्मान दिया जाएगा। यह सम्मान विद्यार्थियों को उनके नाम, विद्यालय और परीक्षा परिणाम के आधार पर बुलाकर अतिथियों के कर-कमलों से प्रदान किया जाएगा। तैयारी बैठक में जुटा समाज कार्यक्रम की सफलता के लिए हाल ही में आयोजित तैयारी बैठक में विप्र समाज के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता सक्रिय रूप से जुटे रहे। इनमें प्रदेश मंत्री विकास शर्मा डुमोली, जिला महामंत्री रामगोपाल महमिया, सप्तर्षि महा मंडल अध्यक्ष हरिकिशन शुक्ला, एडवोकेट सुशील जोशी, जिला कोषाध्यक्ष राकेश सहल, तहसील अध्यक्ष अनिल जोशी, नगर अध्यक्ष हरिसूदन पांडे, लीलाधर पुरोहित, अशोक जोशी, चंद्र प्रकाश शुक्ला, विकास पुरोहित, अवध नंदन पांडे, रमेश चौमाल सहित अन्य कई पदाधिकारी शामिल थे। शिक्षा के लिए जागरूकता का संदेश उमाशंकर महमिया ने बताया कि यह आयोजन समाज के युवाओं के लिए न केवल सम्मान का विषय है, बल्कि यह नई पीढ़ी को शिक्षा, अनुशासन और संस्कारों के प्रति जागरूक करने का माध्यम भी है। साथ ही, समाज में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने की दिशा में यह एक सकारात्मक पहल है।