एसएमएस में गलत खून चढ़ाने से हुई गर्भवती महिला की मौत की जांच एफएसएल करेगी। ऐसा पहली बार है जब गलत खून चढ़ाने के मामले की जांच एफएसएल को दी गई है। इसके पीछे जिम्मेदारों का कहना है कि वार्ड से जो ब्लड सैंपल गया है उसकी राइटिंग किसी स्टाफ से मैच नहीं कर रही है। दूसरा कारण यह कि कमेटी के सामने आया कि पहली बार में जो सैंपल भेजा गया वह सही था लेकिन दूसरी बार भेजे सैंपल में गलत टैगिंग हुई थी। ऐसे में कमेटी तय नहीं कर पा रही है कि पूरे मामले में गलती किसकी है? कमेटी सदस्य डॉ. नरपत सिंह का कहना है कि एफएसएल से जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट भेजी जाएगी। 19 मई को गर्भवती महिला को बी पॉजिटिव की जगह एबी पॉजिटिव खून चढ़ा दिया गया था। पहली कमेटी की रिपोर्ट सरकार ने नहीं मानी थी सरकार ने पहली कमेटी की रिपोर्ट पर असंतुष्टि जताते हुए दूसरी कमेटी बनाई थी। दूसरी कमेटी के सामने रेजिडेंट्स, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और लैब टेक्नीशियन के बयान में आया कि पहली बार सैंपल पर जो टैगिंग हुई उसकी राइटिंग स्टाफ की नहीं थी। इन केसों में भी दोषी तय नहीं 5-7 दिन में आएगी रिपोर्ट कमेटी का कहना है कि रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम पांच से सात दिन लगेंगे। अभी सभी के बयानों की जांच की जा रही है। अभी किसी भी सही कर्मी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। ऐसे में पूरी तरह निष्पक्षता से जांच की जाएगी।