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राजस्थान क्राइम फाइल्स के पार्ट 1 में आपने पढ़ा कि अजमेर जिले के बांदरसिंदरी थाना क्षेत्र के तिलोनिया गांव के पास एक तालाब में खड़ी कार में नजदीकी माला गांव के रहने वाले BSF जवान प्रधान गुर्जर की लाश मिली थी। उसकी बेरहमी से हत्या की गई थी। वहीं उसके भतीजे जीतू की जानकारी नहीं मिल रही थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि प्रधान गुर्जर 10 सितंबर, 2019 को अपने भतीजे जीतू उर्फ जितेंद्र गुर्जर और उसके दोस्त रामवतार व हनुमान के साथ अजमेर दरगाह और पुष्कर घूमने गया था। वे तीनों भी घर से गायब थे। अब पढ़िए आगे की कहानी … पुलिस ने जीतू व उसके दोस्तों की कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर तीनों की तलाश शुरू की। जल्द ही पुलिस ने तीनों को ट्रेस कर लिया। जीतू जयपुर में और उसके दोस्त किशनगढ़ में मिले। पुलिस ने प्रधान गुर्जर की हत्या के संबंध में इन तीनों से अलग-अलग पूछताछ की। पूछताछ में तीनों ने प्रधान गुर्जर की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। पूछताछ में आरोपियों ने बीएसएफ जवान प्रधान गुर्जर की हत्या की जो कहानी बताई, वह इस तरह थी… परिवारों में बंद थी बोलचाल अजमेर जिले के उपखंड किशनगढ़ के अंतर्गत माला गांव गुर्जर बाहुल्य है। यहां के अधिकांश गुर्जर खेतीबाड़ी, पशुपालन एवं दूध का कारोबार करते हैं। गोप गुर्जर परिवार के साथ इसी गांव में रहते थे। वह भी खेती-बाड़ी करते थे। गोप का बड़ा बेटा प्रधान गुर्जर पढ़ाई के दौरान ही बीएसएफ में काॅन्स्टेबल के पद पर भर्ती हो गया था। बेटे की नौकरी से इस घर की आर्थिक स्थिति मजबूत हो गई थी। इस के बाद उन्होंने प्रधान की शादी रूपा से कर दी। प्रधान गुर्जर और जीतू गुर्जर के परिवारों में काफी सालों से बोलचाल बंद थी। जीतू को था अवैध संबंध का शक जीतू की पत्नी पढ़ी-लिखी थी और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती थी। प्रधान सोशल मीडिया पर उससे जुड़ गया। दोनों के बीच बातचीत भी होने लगी। जीतू चाहता था कि उसकी पत्नी प्रधान से दूर रहे। जीतू ने पत्नी से कहा भी कि वह प्रधान से बात न किया करे, लेकिन वो नहीं मानी। उस का कहना था कि बात करना गलत नहीं है, गलत तो बुरी सोच होती है। पत्नी ने जीतू से कहा कि प्रधान अच्छा आदमी है। वैसे भी वह गांव में रहता कितने दिन है। चंद दिनों के लिए छुट्टी पर घर आता है। जीतू को शक हो गया कि प्रधान से उस की पत्नी के अवैध संबंध हैं, इसीलिए वह उस की बात नहीं मान रही है। चोरी-छिपे प्रधान से बात करती थी पत्नी शक की वजह से ही करीब डेढ़ साल से जीतू की अपनी पत्नी से बोलचाल बंद थी। कुछ ही दिन पहले जीतू का पत्नी से राजीनामा हुआ था। पत्नी ने जीतू को विश्वास दिलाया कि वह प्रधान से बात नहीं करेगी। साथ ही प्रधान से भी कह देगी कि वह उस से बात न करे। लेकिन पति से वादा करने के बावजूद जीतू की पत्नी ने प्रधान गुर्जर से बातचीत करना बंद नहीं किया। वह चोरी-छिपे मोबाइल पर प्रधान से बात कर लेती थी। सितंबर, 2019 के पहले हफ्ते में प्रधान गुर्जर शिलॉन्ग से छुट्टी ले कर गांव आया। प्रधान जीतू की पत्नी से भी मिला। जीतू की पत्नी कोचिंग करने अजमेर जाती थी। प्रधान खुद कार ले कर अजमेर जाता। कोचिंग की छुट्टी होने पर जीतू की पत्नी को अपनी कार में बैठा कर गांव आता। जीतू ने तय कर लिया कि वह अपने चाचा प्रधान गुर्जर को रास्ते से हटाकर ही रहेगा। दो दोस्तों को जीतू ने पहले ही भेज दिया अजमेर चाचा को रास्ते से हटाने के लिए जीतू ने अपने दोस्तों रामअवतार और हनुमान को भी अपने प्लान में शामिल किया। 10 सितंबर, 2019 को प्रधान गुर्जर अकेला ही दरगाह जाने के लिए घर से निकला था। किशनगढ़ में उसे उसका भतीजा जीतू मिला। अजमेर दरगाह और पुष्कर दर्शन के लिए वह भी उस के साथ चल दिया। प्लानिंग के तहत जीतू ने रामवतार और हनुमान को पहले ही अजमेर भेज दिया था। जब प्रधान और जीतू अजमेर पहुंचे तो रामवतार और हनुमान उन के साथ हो लिए। जीतू ने प्रधान से कहा, ‘चाचा, ये मेरे दोस्त हैं। मैं ने ही इन्हें अजमेर दरगाह और पुष्कर में दर्शन को कहा था।’ इस पर प्रधान ने हंसते हुए कहा कि ‘कोई बात नहीं जीतू। एक से भले दो और दो से भले चार। गाड़ी पर वजन थोड़े ही पड़ेगा।’ बेसबॉल बैट से किया हमला प्रधान गुर्जर की कार से चारों पहले अजमेर दरगाह गए। दर्शन के बाद पुष्कर गए और पूजा अर्चना की। पुष्कर से अजमेर लौटने के दौरान सब ने शराब पी और एक होटल पर खाना खाया। इसके बाद प्रधान अपने छोटे भाइयों से मिलने डिफेंस एकेडमी चला गया। जीतू तो उस के साथ डिफेंस एकेडमी में गया, लेकिन रामवतार और हनुमान गाड़ी में ही बैठे रहे। उन्हें डर था कि कोई पहचान न ले, इसलिए दोनों गाड़ी से नहीं उतरे। उन दोनों ने एकेडमी संचालक द्वारा भेजी चाय भी गाड़ी में ही पी थी। डिफेंस एकेडमी से चारों गाड़ी में सवार हो कर गांव के लिए रवाना हो गए। रास्ते में उन्होंने फिर शराब पी। इस के बाद मंडावरिया के पास सुनसान जगह पर गाड़ी रोकी। चारों शराब के नशे में थे। तेज आवाज में कार में गाने चला कर सब ने जम कर डांस किया। इस के बाद जीतू ने फौजी प्रधान गुर्जर के चेहरे पर बेसबाल बैट से हमला कर दिया। वह जमीन पर गिर कर बेहोश हो गया। इस के बाद तीनों ने फौजी को बुरी तरह मारा-पीटा और जमीन पर घसीटने के बाद गला दबा कर मौत के घाट उतार दिया। चेहरा कुचला ताकि शिनाख्त न हो सके प्रधान की मौत के बाद इन लोगों ने उस की लाश गाड़ी में डाल दी। गाड़ी की RC जीतू ने जेब में रख ली। इस के बाद गाड़ी ले कर तिलोनिया की तरफ निकल गए। हत्यारों का प्लान था कि शव का चेहरा कुचल कर सुनसान जगह पर फेंक देंगे, ताकि शिनाख्त न हो सके। इसी के तहत पहचान छिपाने के लिए ही प्रधान गुर्जर का चेहरा कुचला गया था। शव ठिकाने लगाने के बाद हत्यारे तिलोनिया से हरमाड़ा, सुरसुरा होते हुए नागौर और अन्य रास्तों से जयपुर की ओर जाने वाले थे। प्लान था कि इस रास्ते में कहीं सुनसान जंगल में शव को ठिकाने लगा दिया जाएगा। लेकिन कार तिलोनिया के तालाब के पास कीचड़ में फंस गई। गाड़ी फंसने से मामला बिगड़ गया और वे सब प्रधान का शव और गाड़ी छोड़ कर चले गए। जाते-जाते इन लोगों ने गाड़ी की चाबी, फौजी का मोबाइल फोन साथ ले लिया था। तीनों अंधेरे में ही पैदल चल पड़े। रास्ते में इन्होंने गाड़ी की चाबी और आरसी फेंक दी। मोबाइल भी तोड़ कर फेंक दिया। इसके बाद जीतू जयपुर चला गया, जबकि रामवतार और हनुमान किशनगढ़ चले गए। तीनों आरोपियों को भेजा जेल जीतू ने पुलिस को बताया कि उस की पत्नी और प्रधान गुर्जर के अवैध संबंध थे। प्रधान उसे सोशल मीडिया पर चैटिंग कर अश्लील वीडियो भेजने लगा था। इस की जानकारी हुई तो उस ने यह बात प्रधान गुर्जर की पत्नी रूपा गुर्जर को बता दी, लेकिन इस के बावजूद फौजी का रवैया नहीं सुधरा तो मजबूरी में उसे अपने चाचा और फौजी प्रधान को ठिकाने लगाना पड़ा। पुलिस ने प्रधान गुर्जर की हत्या के आरोपियों जीतू गुर्जर, रामअवतार और हनुमान को 14 सितंबर, 2019 को अजमेर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 3 दिन के पुलिस रिमांड पर जांच टीम को सौंप दिया गया। रिमांड के दौरान पुलिस ने आरोपियों से गहन पूछताछ करने के बाद हत्या से जुड़े अन्य सबूत जुटाए। इसके बाद 17 सितंबर को पुलिस ने जीतराम, रामवतार एवं हनुमान को न्यायालय में पेश कर 3 दिन का पुलिस रिमांड बढ़वाया। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद तीनों आरोपियों को फिर से 19 सितंबर, 2019 को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। कीचड़ में फंसी कार में मिली BSF जवान की लाश:चेहरा कुचला गया था, लहूलुहान थी बॉडी, साथ गया भतीजा लापता, 6 साल पुराना केस, पार्ट-1

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